- विनोद उपाध्याय
मैडम की हो गई विदाई
अगर ऊपर तक पहुंच और जुगाड़ का जोर हो तो एक अदना सा अधिकारी-कर्मचारी भी बड़े-बड़ों को पानी पिला सकता है। ऐसा ही एक मामला बुंदेलखंड एक जिले में सामने आया है। यहां नागरिक आपूर्ति निगम में जिला प्रबंधक के पद पर पदस्थ एक महिला अधिकारी के खिलाफ अनियमितता और लापरवाही की लगातार शिकायतें मिल रही थीं। जिले में कलेक्टर के रूप में पदस्थ 2013 बैच के आईएएस अधिकारी ने उक्त महिला को कई बार सबक सिखाने की कोशिश की, लेकिन वे उसका बाल भी बांका नहीं कर पाए। बताया जाता है कि ऊपरी संरक्षण प्राप्त उक्त महिला सब पर भारी पड़ रही थी। थक-हारकर कलेक्टर साहब ने उक्त महिला अधिकारी का पूरा काला चि_ा निकलवाया और रिपोर्ट बनाकर संभागायुक्त को भेजी। मामले की गंभीरता को देखते हुए संभागायुक्त ने उक्त महिला को निलंबित कर दिया है। इस अवधि में उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता की पात्रता रहेगी।
शान में गुस्ताखी बर्दाश्त नहीं
मप्र की नौकरशाही को स्टील फ्रेम कहा जाता है। वाकई कुछ नौकरशाह ऐसे होते भी हैं। वर्तमान में 2014 बैच के एक आईएएस अधिकारी अपनी लाटशाही के कारण चर्चा में हैं। दरअसल, साहब ग्वालियर-चंबल अंचल के एक जिले में कलेक्टर हैं। विगत दिनों साहब कहीं जा रहे थे, तो जिले के एक टोल प्लाजा पर वाहनों की लंबी कतार होने के कारण साहब को तकरीबन 10 मिनट तक इंतजार करना पड़ा। फिर क्या था, साहब ने इसे अपनी शान में गुस्ताखी मान ली। उन्होंने आव देखा न ताव तत्काल एसपी साहब को फोन लगाकर फरमान जारी कर दिया कि टोल प्लाजा के कर्मचारियों को जेल भेजो। बड़े साहब का फरमान सुनकर एसपी साहब ने भी मातहतों को दौड़ा दिया। पुलिस ने टोल प्लाजा के मैनेजर सहित 6 कर्मचारियों को गिरफ्तार कर उन पर एफआईआर कर जेल भिजवा दिया।
चर्चा में साहब का नवाचार
2014 बैच के आईएएस अधिकारी जबसे महाकौशल क्षेत्र के खनिज संपदा से भरे जिले के कलेक्टर बने हैं, तबसे वे तरह-तरह के नवाचार कर रहे हैं। वर्तमान में साहब जिले में हर घर तक नल से जल पहुंचाने के अभियान को सफल बनाने में जुटे हुए हैं। इस कारण जिले में जल जीवन मिशन के तहत 168 गांव के 53 हजार से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल से जल उनके घरों में मिल रहा है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग इन नल-जल योजनाओं का संचालन ग्राम जल और स्वच्छता समितियों के माध्यम से करा रहा है। वहीं दूसरी ओर जिले के द्वितीय चरण में चयनित 174 ग्रामों में सहायक गतिविधियों के तहत स्वच्छ जल के प्रति जागरूकता संदेश देने के लिए विभाग प्रचार रथ भी चला रहा है। बताया जाता है कि इस अभियान से जिले में लोग अब स्वच्छ जल का महत्व समझने लगे हैं।
साहब की यारी चर्चा में
प्रदेश की प्रशासनिक वीथिका में इन दिनों एक आईएएस अधिकारी की दरियादिली का किस्सा लोग चटखारे लेकर सुन और सुना रहे हैं। दरअसल, साहब इन दिनों जिस विभाग में पदस्थ हैं, तथाकथित तौर पर वहां की एक महिला अधिकारी से उनकी यारी हो गई है। इसका प्रमाण इससे भी मिलता है कि साहब ने हाल ही में उक्त महिला अधिकारी के खाते में अपने एसबीआई अकाउंट से राशि ट्रांसफर की है। इसको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। लोग सवाल भी पूछ रहे हैं कि आखिर ऐसी क्या वजह है कि साहब ने अपनी एक मातहत को पैसे ट्रांसफर किए हैं। इस प्रकरण को लेकर तरह-तरह की बातें की जा रही हैं। यहां बता दें कि अपनी पदस्थापना के बाद साहब ने सबसे पहले तो उक्त महिला अधिकारी के लिए पद खाली कराया। उस पद पर पहले एक पुरूष अधिकारी पदस्थ थे, जिन्हें हटाकर साहब ने अपनी महिला मित्र को पदस्थ किया।
दरियादिल कलेक्टर
प्रदेश के प्रशासनिक मुख्यालय यानी मंत्रालय में इन दिनों 2009 बैच के एक आईएएस अधिकारी को दरियादिल कलेक्टर के नाम से पहचान मिल रही है। दरअसल, ये साहब मालवांचल के सबसे बड़े और ख्यात जिले के जबसे कलेक्टर बने हैं, वहां के जरूरतमंदों की आवश्यकताओं को पूरा कर रहे हैं। आलम यह है कि जिला मुख्यालय पर होने वाली जनसुनवाई में हर बार समस्याओं के निराकरण के साथ ही जरूरतमंदों की आवश्यकताओं की पूर्ति भी की जा रही है। विगत जनसुनवाई में कलेक्टर ने दिव्यांगों की समस्याओं को विशेष रूप से सुना और उनका हाथोहाथ निराकरण सुनिश्चित किया। उन्होंने एक ओर एक निराश्रित बालिका के जीवन की राह आसान की। उसे आगे बढऩे के लिए सहारे रूप में स्कूटी प्रदान करवायी। इसके साथ ही 43 दिव्यांगों को भी कलेक्टर ने रेट्रोफिटिंग स्कूटी स्वीकृत की। जनसुनवाई में आये अनेक जरूरतमदों को कलेक्टर ने डेढ़ लाख रूपये की मदद रेडक्रॉस से स्वीकृत की।