- प्रणव बजाज
हाईकोर्ट के निर्देश पर नोटरी निरस्ती मामले से हटेगा नरोत्तम का नाम
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने अधिवक्ताओं की नोटरी नियुक्ति प्रक्रिया सत्ता परिवर्तन के साथ ही निरस्त किए जाने संबंधी मामले में तत्कालीन कैबिनेट मंत्री नरोत्तम मिश्रा का नाम अनावेदकों की सूची से हटाने के निर्देश दिए हैं। इस दौरान हाईकोर्ट की युगलपीठ ने शासकीय अधिवक्ता को शासन से निर्देश प्राप्त कर पक्ष रखने को कहा है। दरअसल यह मामला छिंदवाड़ा निवासी अधिवक्ता ओपी शुक्ला सहित अन्य लोगों ने दायर किया था। इसमें कहा गया था कि छिंदवाड़ा जिले में नोटरी नियुक्ति की प्रक्रिया अगस्त 2019 में प्रारंभ हुई थी। नोटरी पद पर उनका चयन हुआ था। उन्होंने नियमानुसार इसकी राशि का चालन भी जमा कर दिया था। नियुक्ति के संबंध में आदेश जारी नहीं हो सका था, उसी दौरान प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो गया और प्रदेश में बनी नई सरकार ने पूरी नियुक्ति प्रक्रिया निरस्त करके नई प्रक्रिया शुरू कर दी थी।
बुंदेलखंड में कोरोना का सफाया करने में जुटे तीन कद्दावर मंत्री
प्रदेशभर में कोरोना से बचाव की जंग जारी है। ऐसे में बुंदेलखंड में कोरोना को हराने के लिए प्रदेश सरकार के तीन कद्दावर मंत्री अहम भूमिका निभा रहे हैं। पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव गढ़ाकोटा ने खुद के खर्चे पर 100 बिस्तरों का कोविड केयर सेंटर प्रारंभ किया है। इसमें हर दिन करीब तीन लाख रुपए खर्च किए जा रहे हैं। यहां डॉक्टर के अलावा 23 लोगों का पैरामेडिकल और नर्सिंग स्टाफ भी तैनात है। नगरी प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के प्रयासों से बीना के निकट आगासोद रिफाइनरी के पास एक हजार बिस्तरों का अस्पताल बनकर तैयार हो चुका है। यहां आस-पास के जिलों के कोरोना मरीजों को भी इलाज मिल सकेगा। वहीं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने राहतगढ़ और जैसीनगर में कोविड केयर सेंटर शुरू किए हैं। गांव गांव जाकर रथ यात्रा निकाल कर कोरोना से बचाव के लिए ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है। गोविंद सिंह मरीजों को अपने निजी खर्चे पर इलाज तथा खाने-पीने की व्यवस्था भी कर रहे हैं।
प्रदेश सरकार अब राशन दुकानों पर बाजरा की जगह बांटेगी गेहूं
मध्य प्रदेश सरकार ने गर्मियों में बाजरा वितरण को लेकर आई आपत्ति के बाद बाजरा बांटने के निर्णय को बदल दिया है। अब गोदामों में रखा बाजरा राशन वितरण की दुकानों पर नहीं भेजा जाएगा। फिलहाल इसे होल्ड कर दिया गया है। दरअसल मोटा अनाज होने के कारण और गर्म होने के कारण कंट्रोल की दुकानों पर लोग इसे लेने से इंकार कर रहे थे। यही वजह है कि सरकार ने अब दो किलो बाजरा की जगह दो किलो गेहूं देने का निर्णय लिया है। हालांकि अप्रैल, मई और जून का जो बाजरा वितरण निर्धारित था और दुकानों पर यह बाजरा का स्टॉक पहुंच गया है, वहां बाजरा बांटा जाएगा। जिन दुकानों पर गोदामों से बाजरा अभी तक नहीं भेजा गया, वहां अब नहीं भेजा जाएगा। अब राशन वितरण के लिए दुकानों पर जाने वाले लोगों को दो किलो गेहूं और मिलेगा। हालांकि जिन दुकानों पर बाजार पहुंच गया है वहां के लोगों को यह बाजरा फिलहाल लेना होगा।
कोरोना ने बदली व्यवस्था, दीनदयाल रसोई में मिलेंगे पैक्ड फूड
प्रदेश में कोरोना महामारी के बीच दीनदयाल रसोई योजना में व्यवस्था बदली है। दरअसल कोरोना संक्रमण की वजह से भोजन बनाने और खिलाने में आने वाली दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए सरकार अब सूखा राशन और पैक्ड फूड देने की तैयारी कर रही है। प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के अनुसार फिलहाल प्रदेश में 100 जगहों पर दीनदयाल रसोई संचालित है। इनमें से 12 से अधिक दीनदयाल रसोई में पैक्ड फूड और सूखा राशन देना तय हुआ है। सरकार की तरफ से दीनदयाल रसोई केंद्रों को यह विकल्प दिया गया है कि कोरोना कर्फ्यू के चलते वे भोजन के साथ सूखा राशन देने की व्यवस्था कर सकते हैं। सरकार के इस विकल्प को अपनाया जा रहा है। इस व्यवस्था से कोरोना संक्रमण काल में गरीब परिवारों को मदद मिलेगी।