बिहाइंड द कर्टन/विहिप के धर्म रक्षा अभियान के मायने

  • प्रणव बजाज
 धर्म रक्षा अभियान

विहिप के धर्म रक्षा अभियान के मायने
विश्व हिंदू परिषद मप्र में आज सोमवार से धर्म रक्षा अभियान शुरू कर रहा है। मप्र में इस अभियान के चलाए जाने के तरह -तरह के मायने तलाशे जा रहे हैं। दरअसल मप्र ऐसा राज्य है जहां भले ही बीते डेढ़ दशक से अधिक समय से भाजपा की सरकार हो, लेकिन अब तक किसी को भी हिन्दुत्ववादी सरकार होने का अहसास नही हो सका है। इसमें हिन्दुवादी वे संगठन भी शामिल है, जो अब तक भाजपा को सत्ता में लाने के लिए पूरी शक्ति से प्रयास करते रहे है। अब विहिप के इस अभियान को उससे ही जोड़कर देखा जा रहा है। उधर कुछ लोगों का मानना है कि इस अभियान की शुरूआत अगले विधानसभा व लोकसभा चुनाव के मद्देनजर किया जा रहा है। इस मामले में विहिप के केन्द्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे का कहना है कि कुछ मिशनरियों व मुल्ला-मौलवियों द्वारा कराए जा रहे अवैध धर्मान्तरण के खिलाफ अब 31 दिसम्बर तक धर्म रक्षा अभियान चलेगा। वे केन्द्र और राज्य सरकारों से धर्मांतरण रोकने के लिए कठोर कानून की मांग करते हुए कहते हैं कि प्रदेश के झाबुआ, बैतूल, सागर, जबलपुर, सतना धर्मान्तरण के अड्डे बनते जा रहे हैं।

इसे मजाक समझे या नसीहत
बीते रोज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अपने निवास पर भाजपा विधायकों को सपरिवार भोज दिया। मौका था पार्टी विधायक दल की बैठक का। इस दौरान वे विधायक दल की बैठक की जगह पारिवारिक मूड में अधिक नजर आए। बैठक में हांसी ठहाके लगे तो गीत संगीत का दौर भी चला। इस बीच कुछ विधायक या तो अकेले ही आए और कुछ तो पहुंचे ही नही। इस अवसर पर उन्होंने विधायकों से कहा कि वे अधिक तनाव में न रहें। रिलेक्स होकर काम करेंगे तो अच्छा काम कर पाएंगे। सीएम ने विधायकों से कहा कि वे अपने क्षेत्र में यादगार काम करें, काम अच्छा होगा तो नाम भी होगा। इस दौरान उनके द्वारा अगला मिलन समारोह दो दिन का भोपाल से हटकर करने की भी घोषणा करते हुए मजाकिया लहजे में यहां तक कह दिया कि इसमें जो नहीं आएगा उसका टिकट कट जाएगा। इस मजाक को कुछ लोग वास्तविक नसीहत के रूप में भी देख रहे हैं। खास बात यह है कि इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने नदिया चले चले रे धारा, तुझको चलना होगा गीत भी सुनाया। इसके बाद तो श्रीमंत समर्थक मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया ने न तुम हमें जानो, न हम तुम्हे जाने और हरदीप सिंह डंग ने पल पल दिल के पास गीत सुनाकर कार्यक्रम में समां बांध दिया।

खुद पर ही भरोसा करते हैं साहब
प्रदेश के विन्ध्य अंचल में एक जिले के प्रशासनिक मुखिया की कार्यशैली इन दिनों बेहद चर्चा में है। यह साहब अपना रुप बदलने में माहिर हैं। वे इलाके में चलने वाले हर छोटे-बड़े काम पर खुद ही नजर रखते हैं। इसके लिए ही वे अपना रुप बदलते रहते हैं। इसका साहब को दोहरा फायदा हो रहा है। एक तो उन्हें वास्तविकता पता चल जाती है और मातहत बरगला नहीं पाते हैं, तो दूसरा फायदा पूरी तरह से उद्देश्य की पूर्ति भी हो जाना है। खास बात यह है कि इस दौरान वे गोपनियता का पूरा ख्याल रखते हैं। यहीं वजह है कि इस तरह के कामों के लिए निकलते समय वे न तो अपने वाहन चालक को साथ रखते हैं और न ही सुरक्षाकर्मी को। जब वे अवैध शराब पकड़ने खुद ग्राहक बनकर घर की कुंडी खटखटाते हैं तो उन्हें कोई पहचान ही नहीं पाता है। बाद में बताने पर पता चलता है कि यह ग्राहक नहीं, बल्कि जिले के प्रशासनिक मालिक हैं। उनके इन रूपों की इन दिनों मंत्रालय के गलियारों में भी खूब चर्चा हो रही है।

और बेकाम हो गए मंत्री जी के ओएसडी
सूबे के एक बेहद महत्वपूर्ण और सरकार में ताकतवर माने जाने वाले मंत्री जी ने बतौर ओएसडी एक रापुसे के अफसर को बना रखा है। मैदानी नौकरी की जगह मंत्री जी के स्टाफ में पदस्थ इन अफसर की मलाई खाने की लत बहुत पुरानी है, सो साहब यहां भी मौका नहीं छोड़ रहे थे। ऐसे में वे मंत्री हो या संतरी किसी को भी नहीं छोड़ना चाहते थे, लिहाजा यही लत उन्हें अब भारी पड़ गई है। दरअसल उन्हें हथियारों के लाइसेंस का काम बीते एक साल से मिला हुआ था। वे इस काम में दोनों ही हाथों से मलाई चाट रहे थे। हाल ही में उन्होंने एक मंत्री जी से भी मलाई चाटने का प्रयास किया, तो मंत्री जी ने उक्त साथी मंत्री से बेहद सख्त लहजे में शिकायत कर दी। इसके बाद तो मंत्री जी को उनके पर कतरने पड़ गए। अब ओएसडी से यह काम ले लिया गया है, तभी से ओएसडी बेकाम होकर घूम रहे हैं। दरअसल इसके पहले भी ओएसडी की विधायकों से लेकर भाजपा नेता तक शिकायत कर चुके हैं, लेकिन मंत्री जी को उन पर बेहद भरोसा था, लिहाजा हर बार शिकायत की अनदेखी कर दी जाती थी। इसकी वजह से ओएसडी के हौसले लगातार बुलंद होते जा रहे थे।

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