भूपेंद्र सिंह को लोकायुक्त की क्लीन चिट
नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह और उनकी पत्नी को अनुपातहीन संपत्ति के मामले में लोकायुक्त संगठन ने क्लीन चिट दे दी है। संगठन ने मंत्री के खिलाफ आरोपों को प्रमाणिक नहीं पाया। ऐसे में जांच खत्म करने का फैसला लिया है। पुनीत टंडन ने मंत्री भूपेंद्र के खिलाफ भ्रष्टाचार कर संपत्ति अर्जित करने की शिकायत लोकायुक्त पुलिस संगठन से की थी। इसमें आरोप लगाया था कि वर्ष 2008, 09, 13 व 2018 में विभिन्न चुनावों के दौरान प्रत्याशी के तौर पर सिंह की ओर से दिए हलफनामे में अनुपातहीन संपत्ति नजर आ रही है। सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के खिलाफ दस करोड़ की मानहानि का दावा करूंगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने झूठे आरोप लगाकर मेरी छवि खराब करने का प्रयास किया है। इससे मुझे बहुत मानसिक पीड़ा हुई है।
अफसरों की कमी बताकर किया बहाल
प्रदेश के नगरीय निकायों में अधिकारियों की कमी है। केवल इस आधार पर नगरीय प्रशासन कमिश्नर भरत यादव ने दो निलंबित अफसरों को न केवल बहाल कर दिया बल्कि, उनकी पोस्टिंग भी कर दी। गंभीर अनियमितताओं की वजह से इनको सस्पेंड किया गया था। पहला मामला अशोकनगर जिले की एक नगर पालिका परिषद का है। यशवंत राठौर ने यहां सीएमओ रहने के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना के बीएलसी घटक के हितगकर दिया गया था। अब अफसरों की कमी का हवाला देकर उन्हें बहाल कर मालनपुर का सीएमओ और जिला शहरी विकास अभिकरण सिवनी के तत्कालीन परियोजना अधिकारी अमजद गनी को शासन ने सस्पेंड कर दिया था। उनकी भी बहाली कर दी गई और कैलारस नगर परिषद के रिक्त पद पर पदस्थ भी कर दिया गया है।
विधायक से कांग्रेस नेता ने की अभद्रता
सतना क्षेत्र में कांग्रेस की निकली जनआक्रोश रैली के दौरान रैगांव विधायक कल्पना वर्मा और उनकी निज सहायक के साथ पार्टी के ही एक नेता मनोज बागरी द्वारा अभद्रता की गई है। इस मामले में पुलिस से शिकायत की गई है। शिकायत के बाद सिविल लाइन पुलिस ने कांग्रेस नेता को हिरासत में ले लिया है। मामला गुरुवार को है। आरोपी मनोज बागरी बबलू ने रास्ता रोककर रैगांव से कांग्रेस विधायक कल्पना और उनकी निज सहायक प्रतिमा का हाथ पकडक़र धक्का देकर गिराने की कोशिश की थी। शिकायत पर मनोज बागरी व अन्य के खिलाफ धारा 341, 294, 354 आइपीसी के तहत केस दर्ज किया गया।
भाजपा के प्रवासी नेता रहेंगे डेढ़ महीने
प्रदेश में भाजपा ने दूसरे राज्यों के बड़े नेताओं को तैनात किया है। अभी तीन दिन तक प्रदेश में दौरे की जिम्मेदारी दी गई, लेकिन अब अगले दो राउंड में डेढ़ महीने तक इन नेताओं को रुकना होगा। दरअसल, भाजपा चुनाव में कोई कोर कसर नहीं छोडऩा चाहती । इस कारण बाहरी नेताओं को भी चुनाव में झोंका जा रहा है। अभी गुजरात उत्तरप्रदेश, दिल्ली और महाराष्ट्र के बड़े नेताओं को तीन दिन दौरा कर रिपोर्ट तैयार करने को लगाया गया है। इसमें सभी 53 जिले एक-एक नेता को दिए गए हैं। इसी क्रम में अक्टूबर में 15 दिन और फिर पूरे नवंबर में बाहरी बड़े नेताओं को रुकना होगा। पहले अक्टूबर में पंद्रह दिन रुकने के बाद लौटेंगे। उसके बाद फिर आकर नवंबर में रुकेंगे। खास ये है कि ये सभी नेता प्रचार वाले नेताओं के अलावा हैं।
प्रहलाद का खुलासा, जालम ने खुद ही छोड़ी दावेदारी
पहला विधानसभा चुनाव लड़ रहे केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने नरसिंहपुर सीट को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि उनके साथ छोटे भाई जालम सिंह को भी पार्टी द्वारा विधानसभा सीट ऑफर की गई थी। छोटे भाई ने यह कहकर लडऩे से मना कर दिया कि दोनों के चुनाव मैदान में उतरने से अच्छा संदेश नहीं जाएगा। प्रहलाद का कहना है कि , पार्टी नेतृत्व ने विस चुनाव लडऩे की जानकारी देते हुए उन्हें सीट चुनने का विकल्प दिया था। यह भी कहा था कि नरसिंहपुर से जालम सिंह ही लड़ेंगे। इस पर उन्होंने अनुज से बात की तो उन्होंंने कहा कि आप ही नरसिंहपुर से चुनाव लड़े। इसके पीछे उनका तर्क था कि अगर दोनों भाई एक साथ चुनाव लड़ेंगे तो पार्टी के लिए अच्छा संदेश नहीं जाएगा।