बिच्छू डॉट कॉम: टोटल रिकॉल/चारा घोटाले में फंसे तत्कालीन अपर आयुक्त नागर की लोकायुक्त जांच

लोकायुक्त जांच

चारा घोटाले में फंसे तत्कालीन अपर आयुक्त नागर की लोकायुक्त जांच
उज्जैन नगर निगम की कपिला गौशाला में चारे खरीदी के टेंडर में हुई कथित धांधलियों की लोकायुक्त पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। तत्कालीन अपर आयुक्त आदित्य नागर को शोकॉज नोटिस मिला था। लोकायुक्त ने निगम से चारा खरीदी के टेंडर सहित अन्य दस्तावेज मांगे हैं। टेंडर से जुड़े दस्तावेज देते हुए मनमाने दामों पर खरीदी तथा नियमों के विपरीत टेंडर मंजूर करने जैसे आरोप हैं।  गौशाला के लिए 2021-22 में चारा खरीदी के टेंडर को 80 लाख से बढ़ाकर 3.37 करोड़ कर दिया। गया। 2022-23 में चारे का बजट डेढ़ करोड़ रुपए ही था। पशु आहार का रेट 400 प्रतिशत बढ़ाकर मंजूरी दी गई। ठेकेदार के लिए टेंडर में मनमानी शर्तें रखकर नियमों का पालन नहीं किया गया था। नागर के निर्देशन में ही टेंडर तैयार हुआ था।

पांच पार्षदों वाली कांग्रेस ने दिया भाजपा को बड़ा झटका
मैहर जिले की नगर परिषद रामनगर में भाजपा (10) से आधे पार्षद होने के बावजूद कांग्रेस (5) ने अध्यक्ष पद जीत लिया। कांग्रेस प्रत्याशी दीपा मिश्रा ने भाजपा प्रत्याशी सुनीता पटेल को 8-7 से हरा दिया। 15 पार्षदों वाली नगर परिषद में भाजपा के पार्षदों में सुनीता पटेल के अलावा पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष और पूर्व मंत्री रामखेलावन पटेल के करीबी रामसुशील पटेल की पत्नी भी शामिल थीं। चुनाव में अध्यक्ष सुनीता पटेल जीती थीं, लेकिन कोर्ट के एक फैसले ने सुनीता, उनके पति रामसुशील का चुनाव शून्य घोषित कर दिया था। उपचुनाव में दोनों पार्षद पद वापस लेने में कामयाब हुए। अध्यक्ष पद के लिए सुनीता ने दोबारा कोशिश की, लेकिन इस बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा  है।

प्रीतम लोधी के मामले में 29 जनवरी को आएगा फैसला
एमपी एमएलए कोर्ट ने पिछोर से भाजपा विधायक प्रीतम लोधी के केस में बहस के बाद फैसले के लिए 29 जनवरी की तारीख तय की है। प्रीतम के विधायक बनने के बाद शासकीय कार्य में बाधा का केस एमपी एमएलए कोर्ट ग्वालियर में स्थानांतरित होकर आया है। दरअसल, शिवपुरी की पिछोर विधानसभा से विधायक प्रीतम पर 6 जून 2018 को दो अलग-अलग मामलों में धारा 353, 186, 294, 332, 506/34 के तहत खनियाधानां थाने में केस दर्ज किया गया था।

अटकी सभी जिलों में साइबर तहसील की व्यवस्था
राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी 55 जिलों में एक जनवरी, 2024 से साइबर तहसील व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया था, लेकिन ऐन वक्त पर साइबर तहसील की लॉन्चिंग टाल दी गई थी। दरअसल, सरकार प्रदेश में साइबर तहसील की लॉन्चिंग केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हाथों कराना चाहती है। चुनाव की तैयारियों समेत अन्य कार्यक्रमों में व्यस्तता के चलते केंद्रीय मंत्री शाह मप्र के दौरे के लिए समय नहीं निकाल पा रहे हैं। यही वजह है कि साइबर तहसील की लॉन्चिंग अटक गई है। साइबर तहसील व्यवस्था लागू होने के बाद रजिस्ट्री होने के 15 दिन के भीतर क्रेता के पक्ष में नामांतरण होगा। इसके लिए अलग से कोई आवेदन नहीं करना होगा। इसी तरह अविवादित नामांतरण के लिए सभी पक्षों को तहसील कार्यालय आने की जरूरत नहीं होगी। बता दें कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 13 दिसंबर को मंत्रिमंडल की पहली बैठक एक जनवरी, 2024 से साइबर तहसील की व्यवस्था प्रदेश के सभी 55 जिलों में लागू करने का निर्णय लिया था।

चीतों की मौत पर वन मंत्री बोले, एक दिन तो सबको ही मरना है
कूनो नेशनल पार्क में चीतों की मौत के कारणों से जुड़े एक सवाल पर मप्र के वन मंत्री नागर सिंह चौहान ने कह दिया कि एक दिन तो सभी को मरना है, मौत सभी की आती है। संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि वे अपनी ओर से चीतों की मौतों की जांच कराएंगे। जांच में किसी की लापरवाही सामने आती है, तो संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई करेंगे। इस दौरान उनके द्वारा बताया गया कि ज्वाला नामक चीता ने चार शावकों को भी जन्म दिया है।

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