
महामंडलेश्वर के रूप में नजर आए कैलाश विजयवर्गीय
इंदौर में रंगपंचमी की पूर्व संध्या पर मंगलवार को बजरबट्टू सम्मेलन आयोजित किया गया। सम्मेलन में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय हमेशा की तरह अलग वेशभूषा में नजर आए। मंत्री विजयवर्गीय ने इस बार प्रयागराज महाकुंभ की संस्कृति एवं एकता को दर्शाते हुए श्री पितरेश्वर धाम के फलाहारी बाबा का रूप अपनाया। इसके बाद निकाली गई फाग यात्रा में विशेष रथ पर राधा कृष्ण रास नृत्य, रासलीला करते शामिल हुए। बजरबट्टू महोत्सव से पूर्व मीडिया से बातचीत में मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि इंदौर तो त्योहारों का ही शहर है। यहां रंगपंचमी उत्साह के साथ मनाई जाती है। मुझे नहीं लगता कि दुनिया में कहीं और इस तरह का रंगपंचमी उत्सव मनाया जाता होगा। पूरा शहर मानों सडक़ों पर उतर आता है, लोग एक-दूसरे को रंग लगाते हैं, कोई किसी को पहचानता तक नहीं, फिर भी सभी एक-दूसरे को शुभकामनाएं और बधाइयां देते हैं। यह इस शहर की खूबसूरती है कि यहां के लोग इसे दिल से प्यार करते हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने मेरे खिलाफ सुपारी ले ली है: राजपूत
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार द्वारा परिवहन मामले में लोकायुक्त में शिकायत करने को लेकर खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा है कि ऐसा लगता है कि उन्होंने किसी से सुपारी ले ली है। राजपूत ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि मैंने नेता प्रतिपक्ष के झूठे आरोप लगाने पर 20 करोड़ का नोटिस पहले ही दिया हुआ है। सिंगार कहीं से मैनेज होकर मेरे ऊपर लगातार आरोप लगा रहे हैं। ऐसा लगता है कि उन्होंने किसी से सुपारी ले ली है। जब उनसे पूछा कि सुपारी किसने दी है तो उन्होंने नाम न लेते हुए कहा कि प्रदेश के सारे लोग जानते हैं कि मेरे पीछे कौन पड़ा हुआ है। अब सिंघार ने हमारे नाम का टेंडर ले लिया है। अब उनका कर्तव्य बनता है कि वे लोकायुक्त में जाएंगे, नहीं जाएंगे तो उन्हे टेंडर वापस करना पड़ेगा। राजपूत ने कहा कि उमंग सिंगार के बारे में सब जानते हैं कि वे पहले शराब माफिया, रेत माफिया एवं अनेक भ्रष्टाचारों में शामिल रहे हैं।
श्रम मंत्री ने स्वीकारी संबल योजना में गड़बड़ी
विधानसभा में श्रम, ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग की अनुदान मांगों और कटौती प्रस्ताव को लेकर चर्चा के बाद मंत्री प्रहलाद पटेल ने जवाब में स्वीकारा कि संबल योजना में जिंदा लोगों को पैसा दिया गया। जब पता चला तो पूछा कि आधार से लिंक के बावजूद ऐसा कैसे हो गया। बताया गया कि केवाईसी लिंक नहीं था। इसके बाद तीन माह सारे पैसे रोके। जब पूरा सिस्टम बन गया तो सिंगल क्लिक से पैसा दिया। मंत्री ने कहा कि उस दिन के बाद से यदि कोई गलती हुई हो तो वे सदन में खड़े होकर माफी मांगेंगे। संबल योजना के पैसे मिलने में विलंब के बारे में उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने संबल योजना बंद कर दी थी, लेकिन पोर्टल बंद नहीं हुआ। उसके बाद जो बैकलॉग बना वह अभी भी बरकरार है। अगले छह महीने बाद हम उस बैकलॉग को खत्म कर पाएंगे, इसके बाद ही दुर्घटना होते ही हम पैसा दे पाने की स्थिति में होंगे।
देवड़ा बोले, कर्ज लेकर घी नहीं पीया
उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने अपने वक्तव्य में कहा कि लगभग 2 वर्ष में राजस्व आधिक्य का बजट रहा। कोरोना काल को छोडक़र राजस्व का घाटा नहीं रहा। 2002-03 में राजस्व का घाटा रहता था, तब कर्ज का उपयोग राजस्व व्यय के लिए किया गया था। ब्याज-कर्ज पर कहा, 2001-02 में कुल राजस्व प्राप्तियों का 20 प्रतिशत ब्याज भुगतान में जाता था। 2002-03 में 19 प्रतिशत ब्याज भुगतान में गया। हमारी सरकार ने लगातार ऋणों को अधिकाधिक उपयोगी बनाने एवं ब्याज भुगतान के प्रबंधन पर कुशलतापूर्वक कार्य किया। 2025-26 में हम अपनी राजस्व प्राप्तियों का केवल 10 प्रतिशत से कम ही ब्याज के भुगतान पर व्यय कर रहे हैं। सरकार ने कर्जा लिया, लेकिन उससे विकास कार्य करवाए कर्ज लेकर घी नहीं पीया। घी पीने का काम आपने (विपक्ष) किया। यह आपका रिकॉर्ड है। 2001-02 में बजट 20 हजार 11 करोड़ था और कर्ज 27 हजार 124 करोड़ था। 2002-03 में बजट का आकार 23 हजार 61 करोड़ था। कर्ज की राशि 27 हजार 182 करोड़ थी।