बिच्छू डॉट कॉम: टोटल रिकॉल/सीएम के लिए तालमेल बिठाना होगा कठिन: सिंघार

उमंग सिंघार

सीएम के लिए तालमेल बिठाना होगा कठिन: सिंघार
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नए मंत्रिमण्डल के सभी साथियों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि  भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व ने डॉ. मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाकर सभी को चौंकाया था, पर मंत्रियों के नाम पर जिस तरह की कवायद की गई। उससे स्पष्ट हो गया कि पार्टी दिग्गजों के कितने दबाव में है। तीन बार मुख्यमंत्री को दिल्ली बुलवाकर नाम जुड़वाए और कटवाये गए। इनमें कई नेता ऐसे हैं, जो मुख्यमंत्री से भी सीनियर हैं। ऐसे में निश्चित रूप से सीएम के लिए उनसे तालमेल बैठाना आसान नहीं होगा । यहां तक तो ठीक, पर शपथ वाले दिन तक कई नाम बदले गए। मंत्रियों के लिए कई फार्मूले बनाये गये, पर सब कुछ धरा रह गया। प्रदेश के कई इलाके मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व से वंचित रह गये।

शिवराज की भूमिका केंद्रीय नेतृत्व ही तय करेगा: वीडी
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान वरिष्ठ, आदर्श और सबसे अधिक समय तक सीएम रहने वाले पार्टी के ऊर्जावान नेता हैं। उनकी अगली भूमिका नेतृत्व ही तय करेगा, यह मेरे कार्यक्षेत्र का मामला नहीं। उन्होंने कहा कि पार्टी की ओर से सभी 163 विधायकों का प्रशिक्षण कराया जाएगा, जो कार्यकर्ता चुनाव हार गए उन्हें भी ट्रेनिंग दी जाएगी। भाजपा मीडिया सेंटर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए शर्मा ने कहा कि केन-बेतवा योजना भी जल्द पूरी होगी। भाजपा जब अस्तित्व में आई तब अटलजी ने लोकसभा में कहा था, समय बदलेगा, हम प्रचंड बहुमत से सदन में बैठेंगे। आज उनकी बात सही साबित हुई, 12 राज्यों में भाजपा सरकार है।

क्रिसमस के दिन ही कमलनाथ कैबिनेट ने ली थी शपथ
डॉ. मोहन यादव कैबिनेट का सोमवार को विस्तार हुआ है। राजभवन में 28 मंत्रियों को शपथ- दिलाई गई। यह संयोग है कि साल 2018 में 25 दिसंबर को क्रिसमस के दिन ही कमलनाथ कैबिनेट की ताजपोशी हुई थी। यह भी संयोग है कि कमलनाथ कैबिनेट में भी 28 सदस्यों ने शपथ ली थी। यही नहीं उसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक शामिल थे, ताक इस बार भी उनके समर्थक शामिल हैं।

पद अस्थायी, जन विश्वास स्थायी होता है : भार्गव
मंत्रिपरिषद के विस्तार के बाद पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ विधायक गोपाल भार्गव ने एक भावुक पोस्ट की है।  जिसमें उन्होंने लिखा कि पद अस्थायी, जन विश्वास स्थायी होता है। उन्होंने लिखा कि प्रदेश भर से समर्थक मुझसे पूछ रहे हैं कि ऐसा क्या हुआ कि आपको मंत्री मंडल में शामिल नहीं किया गया? मैंने उनसे कहा 40 साल के लंबे राजनैतिक जीवन में अब तक पार्टी ने जो भी जिम्मेदारियां दी हैं, उनको समर्पित भाव से पूर्ण किया है और आगे भी करते रहने के लिए संकल्पित हूं। पद आते-जाते रहते हैं, पद अस्थायी हैं, पर जनविश्वास स्थायी है। मेरे क्षेत्र ने मुझे प्रदेश का सबसे वरिष्ठ 9वीं बार विधायक बनाया है, जो देश में दुर्लभ एवं अपवाद हैं। मुझे 70 प्रतिशत वोट देकर 73000 वोटों से जिताया। यह ऋण मेरे ऊपर है। मैं जब तक इस क्षेत्र का विधायक रहूंगा कोई कमी या अभाव नहीं रहने दूंगा। खाली समय में अब मैं प्रदेश में समाज को संगठित कर समाज उत्थान के लिए कार्य करूंगा।

 कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी करेंगे लोस चुनाव की रणनीति पर मंथन
मप्र कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह आज हो रही जिला अध्यक्ष, जिला प्रभारी, सह प्रभारी और जिला संगठन मंत्रियों की बैठक में शामिल हो रहे हैं। कांग्रेस आलाकमान ने भंवर जितेंद्र सिंह को मध्यप्रदेश का नया प्रभारी बनाया है। प्रभारी बनने के बाद जितेंद्र सिंह का प्रदेश में यह पहला दौरा है। इस दौरान वे न सिर्फ संगठन पदाधिकारियों से चर्चा करेंगे, बल्कि लोकसभा चुनाव की रणनीति पर भी मंथन कर रहे हैं। बैठक को पीसीसी चीफ जीतू पटवारी भी  संबोधित करेंगे।

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