- प्रणव बजाज

कोरोना के कारण अटकी ऊर्जा नियामक आयोग में सुनवाई
को रोना महामारी का असर मप्र ऊर्जा नियामक आयोग की सुनवाई पर भी पड़ा है। पिछले एक महीने से यह काम रुका हुआ है। दरअसल आयोग ने ऑनलाइन सुनवाई की तारीख दूसरी बार बढ़ाते हुए इसे 15 जून कर दिया है। आयोग ने कोरोना की दूसरी लहर और कोरोना कर्फ्यू के कारण नियमित सभी मामलों की सुनवाई की तारीख 19 मई तक बढ़ा दी थी। फिर सरकार ने एक बार कर्फ्यू को और आगे बढ़ा दिया। इसके चलते आयोग ने भी अपने सभी मामलों की सुनवाई अब एक महीने फिर बढ़ा दी है। यही वजह है कि आयोग में अब तक करीब तीन दर्जन अहम मामले लंबित हैं। इसमें प्रमुख मामला अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड अहमदाबाद बनाम मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट के अलावा तीनों वितरण कंपनियों का है। दरअसल बिजली कंपनियों ने अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड से रिन्यूबल एनर्जी खरीदी थी लेकि इसका भुगतान नहीं किया।
श्रीमंत की खामोशी के मायने तलाश रहे राजनैतिक विशेषज्ञ
कांग्रेस के पूर्व कद्दावर नेता और वर्तमान भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पिछले कई दिनों से मौन साधे हुए हैं। न तो उन्होंने हाल के चुनावों में ज्यादा दिलचस्पी ली और न ही वे कोई प्रतिक्रिया दे रहे हैं। यही नहीं जब कोरोना काल में दूसरे नेता सुर्खियों में बने रहने के लिए यत्न कर रहे थे तब भी सिंधिया मौन थे। हालांकि इस दौरान वे सियासी उठापटक से दूर कोरोना पीड़ितों के संपर्क में रहकर उनको ऑक्सीजन दवा आदि की व्यवस्था जरूर करते रहे। सिंधिया को भाजपा में आए लगभग डेढ़ साल का समय हो गया है। माना जा रहा है कि श्रीमंत ने प्रदेश में भाजपा की सरकार बनवाने का वादा तो पूरा कर दिया लेकिन भाजपा की सदस्यता लेने के पूर्व उनसे केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने का वादा भाजपा अब तक पूरा नहीं कर पाई है। हालांकि भाजपा ने उन्हें राज्यसभा तुरंत भेज दिया था। बहरहाल श्रीमंत के मौन के कारण क्या हैं यह तो आने वाला भविष्य ही बताएगा लेकिन फिलहाल सियासी गलियारों में उनकी खामोशी के मायने तलाशे जा रहे हैं।
पूर्व मंत्री तरुण भनोट ने की नकली इंजेक्शन, दवाओं के ऑडिट की मांग
प्रदेश के पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोट ने सरकार से कोरोना आपदा काल में इस्तेमाल हुए इंजेक्शन और दवाओं का ऑडिट कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि रेमडेसिवीर इंजेक्शन, फेबीफ्लू, टेमीफ्लू सहित अन्य दवाओं की आपूर्ति और मध्यप्रदेश में इसकी खपत में भारी अंतर है। उन्होंने कहा कि जब चार हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन प्रदेश में आए तो अस्पतालों में 12 हजार इंजेक्शन कैसे लग गए। इतनी बड़ी खेप कहां से आई। न जाने कितनी नकली दवाएं प्रदेश में खपा दी गईं, इस पर सरकार को स्थिति स्पष्ट करना चाहिए। हालांकि उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि सारी दवाएं नकली हों लेकिन फिर भी अचानक कोरोना की दूसरी लहर में मरीजों की मौत और स्वास्थ्य में आए परिवर्तन को लेकर अब दवाओं पर भी सवाल उठने लगा है। वैसे भी प्रदेश के कई शहरों में नकली इंजेक्शन और दवाओं की कालाबाजारी को लेकर कई रैकेट सामने आ चुके हैं।
कोरोना को लेकर प्रभात झा का आध्यात्मिक अनुष्ठान राग
देश और प्रदेश इस समय कोरोना महामारी के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे प्रभात झा ने कोरोना का संक्रमण खत्म करने के लिए मठ मंदिरों में यज्ञ और अभिषेक करने की सलाह दी है। उन्होंने एक ट्वीट के जरिए कहा कि देश के सभी छोटे बड़े मठ, मंदिरों को आध्यात्मिक अभिषेक में जुट जाना चाहिए, यह आज की आवश्यकता है। कोरोना को भगाने के लिए दुनिया भारत की आध्यात्मिक श