- नगीन बारकिया

पीएफ से जुड़े कर्मियों को सरकार ने दी बड़ी राहत
कोरोना संकट के इस दौर में देश में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) से जुड़े नौकरी-पेशा लोगों के लिए बहुत बड़ी राहत की खबर है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार मोदी सरकार अगले साल 31 मार्च 2022 तक इन कर्मियों के वेतन से कटने वाले पीएफ के पैसों का भुगतान करेगी। सरकार ने सोमवार को आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत इसकी डेडलाइन को 30 जून 2021 से बढ़ाकर 31 मार्च 2022 तक कर दिया है। उल्लेखनीय है कि देश में कोरोना की पहली लहर के दौरान केंद्र सरकार ने संकट के दौर में ईपीएफ के लाखों सदस्यों को राहत प्रदान करने के लिए अक्टूबर 2020 में आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत कर्मचारियों की सैलरी से कटने वाले पीएफ के पैसों को खुद ही जमा कराने का फैसला किया था। इस योजना के तहत सरकार ईपीएफ अंशदान के तौर पर कर्मचारियों की सैलरी से कटने वाली 12 फीसदी रकम और नियोक्ता के हिस्से की 12 फीसदी यानी कुल मिलाकर 24 फीसदी रकम को सरकार जमा कराती है। सरकार की इस योजना के तहत नई नियुक्ति पर 2 साल तक सरकार की ओर से पीएफ खाते में अंशदान जमा कराया जाएगा। इसके अलावा, कोरोना की पहली लहर के दौरान देश में लागू संपूर्ण लॉकडाउन के दौरान निष्कासित कर्मचारियों को दोबारा नौकरी पर बहाल किया जाता है, तो ऐसे मामले में भी कर्मचारी और नियोक्ता को सरकार की इस योजना का लाभ मिलेगा। इस योजना का लाभ उन कर्मचारियों को भी मिलेगा, जिनकी नौकरी 1 मार्च 2020 से 30 सितंबर 2020 के बीच चली गई हो, जिनका मासिक वेतन 15,000 रुपये से कम हो और वे अक्टूबर 2020 के पहले ऐसे संस्थान में कार्यरत थे, जहां पर पीएफ अंशदान की कटौती नहीं होती थी।
एंटी ड्रोन डिवाइस जल्द ही होगी भारत के पास
रक्षा मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के अनुसार जम्मू में एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन हमले और उसके बाद की घटनाओं के मद्देनजर सरकार ने सैन्य प्रतिष्ठानों में एंटी ड्रोन तकनीक की तैनाती का फैसला ले लिया है। बताया जाता है कि इजरायल के एंटी ड्रोन सिस्टम स्मश 2000 प्लस को लेकर पहले ही रक्षा बलों की प्रक्रिया चल रही है जिसे आपात रूट से अब तत्काल खरीदे जाने की संभावना बढ़ गई है। सूत्रों ने कहा कि स्मश 2000 प्लस उपकरण को राइफल पर फिट किया जाता है तथा इससे उड़ते ड्रोन को लक्ष्य कर निशाना साधा जा सकता है। नौसेना पहले ही इसकी खरीद की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है। अब वायुसेना और सेना के लिए भी इस तकनीक को लिए जाने की संभावना है। दरअसल, ड्रोन को अक्सर राडार पर पकड़ पाना मुश्किल होता है। खासकर तब जब वह कम ऊंचाई पर उड़ान भर रहे होते हैं। ऐसे में सुरक्षाकर्मी ऐसे ड्रोन पर निगाह रख सकते हैं और नजदीक आने पर उसे नष्ट कर सकते हैं।
राहुल-प्रियंका से मिलेंगे आज नवजोत सिद्धू
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच लंबे समय से जारी विवाद खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। खत्म होने की बजाय इसका स्वरूप बढ़ता ही चला जा रहा है। टकराव की इन खबरों के बीच नवजोत सिंह सिद्धू सोमवार को दिल्ली के लिए रवाना हुए हैं। मंगलवार को उनका राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात का कार्यक्रम है। कांग्रेस की पंजाब इकाई में चल रहे इस संकट से निपटने के लिए कांग्रेस ने अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। माना जा रहा है कि पंजाब कांग्रेस में मचे घमासान को खत्म करने की दिशा में सिद्धू राहुल और प्रियंका से बातचीत करेंगे। देश में पंजाब सहित पांच राज्यों में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और इस महीने की शुरुआत में तीन सदस्यीय कमेटी के साथ बैठक के दौरान कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने साफ कर दिया था कि नवजोत सिंह सिद्धू को न तो उपमुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार किया जाएगा और न ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में। कैप्टन अमरिंदर और नवजोत सिद्धू पिछले कई समय से एक-दूसरे पर वार करते आ रहे हैं। इससे पहले सीएम तीन दिनों के लिए दिल्ली गए थे जहां कांग्रेस के पैनल ने उनसे मुलाकात की थी। लेकिन वे राहुल या प्रियंका से नहीं मिल पाए थे।
बंगाल भाजपा में मची भगदड़ को रोकने की तैयारी
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा में मची भगदड़ की स्थिति के बीच मंगलवार को प्रदेश कार्यसमिति की बैठक होने जा रही है जिस पर केंद्रीय नेतृत्व की भी निगाहें लगी हुई हैं। मुकुल राय के भाजपा छोड़कर जाने के बाद भाजपा के कई प्रमुख नेताओं के भी तृणमूल कांग्रेस में जाने की अटकलें हैं। ऐसे में इस बैठक में पूर्व में दूसरे दलों से आए नेताओं पर खास नजर रहेगी। भाजपा राज्य में अपने कई नेताओं के सोशल मीडिया अकाउंट पर भी नजर रखे हुए हैं। फिलहाल तृणमूल कांग्रेस से आए नेताओं की घर वापसी का काफी जोर है। राजीव बनर्जी समेत आधा दर्जन ऐसे नेता है जो लगातार तृणमूल कांग्रेस के संपर्क में हैं। हालांकि ममता बनर्जी ने अभी तक भाजपा से लौटने वाले नेताओं के बारे में ज्यादा रुचि नहीं दिखाई है, लेकिन भाजपा नेतृत्व पूरी तरह सतर्क है।