- हरीश फतेहचंदानी
साहब की दरियादिली
कभी-कभी कुछ अफसर ऐसा काम कर जाते हैं, जिसके कारण वे जनता में लोकप्रिय हो जाते हैं। ऐसे ही अफसरों में प्रदेश के नवगठित जिले मऊगंज के पहले कलेक्टर अजय श्रीवास्तव भी सुमार हो गए हैं। साहब वर्तमान में अपनी दरियादिली के कारण चर्चा में हंै। उनको कोई भी पीड़ित फोन करता है। वह तुरंत पहुंच जाते है। वहां फरियादी की समस्या सुनते है। इसके बाद एड़ी चोटी का दांव लगाते हुए मदद करते है। कलेक्टर की यही सादगी नवागत जिले में तेजी से फैल रही है। इसका ताजा उदाहरण तब देखने को मिला जब एक दिव्यांग का फोन साहब के पास पहुंचा। कलेक्टर तत्काल दिव्यांग के घर पहुंच गए। परिवार जनों से मुलाकात कर कलेक्टर ने दिव्यांग से बातचीत की। दिव्यांग की पीड़ा सुन कलेक्टर भाव विभोर हो गए। दरअसल, वह आईएएस बनना चाहता है लेकिन, पढ़ने के साधन नहीं है। साहब ने तत्काल उसकी पढ़ाई की व्यवस्था कर दी।
आधुनिक युग के तुगलक
शीर्षक पढक़र आप भी आश्चर्यचकित हो गए होंगे। दरअसल, एक मामले की सुनवाई में हाईकोर्ट के एक जज ने महाकौशल क्षेत्र के एक जिले के कलेक्टर पर गुस्सा करते हुए उन्हें आधुनिक युग का तुगलक करार दिया है। जानकारी के अनुसार अधिग्रहण के एक मामले में हाईकोर्ट ने यह सख्त टिप्पणी की है। दरअसल, कलेक्टर ने मनमाने तरीके से वेयर हाउस का अधिग्रहण किया था, इसे हाईकोर्ट ने अनुचित करार दिया है। इस मामले में सुनवाई के दौरान जज ने कहा है कि उनका यह काम याद दिलाता है कि ऐतिहासिक तुगलक आज भी जिंदा है। इसके साथ ही कोर्ट ने कलेक्टर पर 25 हजार रुपए की कॉस्ट भी लगाई गई है। यह राशि याचिकाकर्ता को दी जाएगी। इसके साथ ही कोर्ट ने कलेक्टर को वेयरहाउस अधिग्रहण के आदेश को रद्द कर दिया है।
एसपी बनी शिक्षक
विंध्य क्षेत्र के उमरिया जिले में पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात एक महिला आईपीएस अधिकारी निवेदिता नायडू इन दिनों अपने नवाचारों के कारण चर्चा में हैं। इन्हीं नवाचारों के तहत गत दिनों मैडम एक स्कूल पहुंचीं और वहां शिक्षक बनकर बच्चों को पढ़ाने लगीं। मैडम का यह रूप सबको खूब पसंद आ रहा है। दरअसल, जिले के मुखिया कलेक्टर और एसपी ने एक अनोखी पहल करते हुए शालाओं के स्कूलों के शैक्षणिक गुणवत्ता को जानने के लिए दौरे कर रहे हैं। इसी कड़ी में एक स्कूल में औचक निरीक्षण कर शैक्षणिक गुणवत्ता जानने के लिए मैडम ने धावा बोला। शाला में पहुंचकर विद्यार्थियों से शाला के संचालन, मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता और नियमित वितरण की जानकारी ली। फिर स्कूल में शैक्षणिक गुणवत्ता जानने के लिए मैडम ने पढ़ाना क्या शुरू किया, कब घंटों गुजर गए, उन्हें पता ही नहीं चला।
सोशल मीडिया फ्रेंडली कलेक्टर
प्रदेश की प्रशासनिक वीथिका में इन दिनों निमाड़ क्षेत्र के नीमच कलेक्टर दिनेश जैन सोशल मीडिया फ्रेंडली अफसर के रूप में चर्चा का विषय बने हुए हैं। दरअसल, साहब जिले में कई नवाचार कर रहे हैं। इसी कड़ी में अब साहब ने निर्णय लिया है कि वे फेसबुक पर लाइव होकर, जिले के मतदाताओं से सीधा संवाद करेगें। साहब के इस कदम से अफसर भी हरकत में आ गए हैं और पूरी तैयारी के साथ चुनावी तैयारी में जुटे हुए हैं। गौरतलब है कि साहब का ई-जनसुनवाई का नवाचार प्रदेशभर में चर्चा का विषय बन गया है। इसके तहत वे हर सोमवार को कलेक्ट्रेट सभा कक्ष में ई -जनसुनवाई का आयोजन करते हैं। जिसमें लोगों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद करते हैं और ग्रामीणों की समस्याएं सुनकर उनका निराकरण करने के संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हैं। साहब का यह नवाचार लोगों को खूब पसंद आ रहा है।
कोई राहत नहीं
शासन-प्रशासन के शहर भोपाल में जबसे 2010 बैच के आईएएस अधिकारी आशीष सिंह कलेक्टर बनकर आए हैं, तबसे जिले के शासकीय कार्यालयों के अफसरों का चाल और चरित्र पूरी तरह बदल गया है। उसके बाद भी कुछ अफसर ऐसे हैं, जो साहब के आदेशों की नाफरमानी करते रहते हैं। ऐसे ही 15 अफसर विगत दिनों जनसुनवाई में साहब के हत्थे चढ़ गए और उनका एक दिन का वेतन काट दिया गया। साथ ही अफसरों की विभागीय जांच भी करने का निर्देश दिया गया है। दरअसल, कलेक्टर जनसुनवाई के तय समय पर दफ्तर पहुंच गए थे। उन्होंने देखा कि बड़ी संख्या में अलग-अलग विभागों के अधिकारी जनसुनवाई में नहीं पहुंचे। आधे घंटे के इंतजार के बाद भी कई अधिकारी नहीं आए, तो उन्होंने सभी को तलब कर लिया। उन्होंने नाराजगी जताई तो अधिकारी भी बहाना बनाते नजर आए। लेकिन साहब ने किसी की भी एक नहीं और सबको सजा का भागीदार बना दिया।