- नगीन बारकिया

पीएम से मिलने के बाद भी महबूबा ने दिखाया पाक प्रेम
कश्मीर मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आमंत्रित कश्मीरी नेताओं की बैठक लगभग चार घंटे तक अपेक्षाकृत अच्छे माहौल में संपन्न होना कश्मीर के लिए ठीक संकेत हैं। जहां तक अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग उठने की बात है वह बहुत स्वाभाविक ही है क्योंकि कश्मीर में काम करने वाली पार्टियों के जीवन का मुद्दा ही वही था जो अब उनके हाथों से छिन सा गया है। इसलिए 370 की मांग करना ऐसा लगता है वहां के दल एजेंडा में इस मुद्दे को जीवित रखने के नाम पर कर रहे हैं क्योंकि उन्हें भी यह अच्छी तरह पता है कि 370 का मुद्दा अब मरा हुआ सांप है जिस पर लाठी पीटने का काम खत्म हो गया है। सर्वदलीय बैठक में परिसीमन प्रक्रिया, विधानसभा के जल्द चुनाव और पूर्ण राज्य का दर्जा देने के मुद्दों पर चर्चा हुई। लेकिन बैठक से निकलने के बाद एक बार फिर से महबूबा मुफ्ती ने पाकिस्तान का राग अलापा है। पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि वह जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 की बहाली करेंगी। साथ ही उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर की शांति के लिए भारत को पाकिस्तान के साथ बातचीत करनी चाहिए। महबूबा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग 5 अगस्त 2019 के बाद बहुत मुश्किलों में हैं। वे गुस्से में हैं, परेशान हैं
और भावनात्मक रूप से टूट चुके हैं। वे अपमानित महसूस करते हैं। मैंने पीएम से कहा कि जिस तरह से आर्टिकल 370 को असंवैधानिक, अवैध और अनैतिक रूप से निरस्त किया गया, उसे जम्मू-कश्मीर के लोग स्वीकार नहीं करते।
कश्मीर से इस साल में हो जाएगा आतंकवादियों का सफाया
भारतीय सेना की ओर से कहा गया है कि जम्मू और कश्मीर से इस साल में आतंकवादियों का सफाया हो जाएगा। चिनार कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडे ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि जम्मू और कश्मीर में अभी 200 सक्रिय आतंकवादी मौजूद हैं। हमें आशा है कि सुरक्षा बल इस साल के अंत तक इनमें से ज्यादातर का अंत कर देंगे। लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि घाटी में 200 आतंकी मौजूद हैं और इस साल के अंत तक इनकी संख्या घट जाएगी। उन्होंने कहा कि सीजफायर सिर्फ इसलिए होता है ताकि हम यह आश्वस्त कर सकें कि लाइन ऑफ कंट्रोल के पास जो हमारे लोग रह रहे हैं वो शांति से जिंदगी जी सकते हैं। जब कभी सीजफायर का उल्लंघन होता है तो लोगों को परेशानियां होती हैं। सीजफायर उल्लंघन के समय यह लोग मुख्य रूप से टारगेट पर आ जाते हैं।
मानहानि मामले में राहुल गांधी अदालत में पेश हुए
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी गुरुवार को गुजरात की अदालत में पेश हुए। मोदी उपनाम पर राहुल गांधी की कथित टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपना बयान दर्ज कराने के लिए सूरत की एक मजिस्ट्रेट अदालत में पेश हुए। अपना बयान दर्ज कराते हुए हुए वायनाड के सांसद ने कहा कि उन्होंने अपने चुनावी भाषण में वास्तव में मोदी उपनाम का उल्लेख किया था, लेकिन वह विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र कर रहे थे और किसी विशेष समुदाय या किसी और को बदनाम करने का उनका कोई इरादा नहीं था। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अदालत से कहा कि 2019 में एक चुनावी रैली के दौरान मोदी उपनाम पर उनकी टिप्पणी व्यंग के अलावा और कुछ नहीं थी। राहुल गांधी ने कहा, मेरा इरादा किसी समुदाय को निशाना बनाना नहीं था। मैंने सिर्फ चुनाव के दौरान कटाक्ष किया। मुझे इसके बारे में ज्यादा याद नहीं है। राहुल गांधी उस समय कांग्रेस अध्यक्ष थे, जब उन्होंने यह टिप्पणी की थी। सूरत से भाजपा के विधायक पूर्णेश मोदी ने मोदी उपनाम पर राहुल गांधी की कथित टिप्पणी को लेकर मुकदमा दर्ज कराया था।
चिराग को तेजस्वी यादव का न्योता
लोजपा में टूट के बाद चिराग पासवान के राजनीतिक भविष्य को लेकर बिहार में सियासी अटकलें जारी है। राजद नेता तेजस्वी यादव के ऑफर के बाद अब सबकी निगाहें चिराग पासवान की ओर है। इधर, चिराग पासवान ने बीजेपी को साफ शब्दों में गठबंधन के रिश्ते को लेकर नसीहत दे दी है। माना जा रहा है कि अगर बीजेपी चिराग की मदद नहीं करती है तो, चिराग कोई राजनीतिक कदम उठा सकते हैं। वहीं तेजस्वी यादव और राजद के ऑफर को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज है। बताया जा रहा है कि राजद 2024 लोकसभा और 2025 विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है। इसी कड़ी में राजद की कोशिश है कि रामविलास पासवान के उत्तराधिकारी को अपने साथ ले आएं।