- प्रणव बजाज

खंबे पर चढ़ने को लेकर ऊर्जा मंत्री की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का जाला साफ करने बिजली के खंबे पर चढ़ना उनके लिए मुश्किल का सबब बन गया है। दरअसल इस मामले को लेकर अभियंता ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर विरोध दर्ज कराया है। पत्र में ऊर्जा मंत्री की कार्यप्रणाली को गैर जिम्मेदाराना बताया गया है। साथ ही कहा कि विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 139 के तहत यह अपराध की श्रेणी में आता है। कोई भी अनट्रेंड व्यक्ति जो विद्युत विभाग का कर्मचारी नहीं वह बिजली के खंबे पर ना चढ़ सकता है और ना ही बिजली उपकरणों से छेड़छाड़ कर सकता है। विद्युत विभाग के विशेषज्ञों ने भी इसे खतरनाक और जानलेवा बताया है। यदि ट्रांसफार्मर में किसी गलत जगह मंत्री का हाथ या शरीर का कोई भी भाग टकरा जाता तो यह प्राणघातक होता। ऐसे में अब मंत्री तोमर पर बिजली उपकरणों के साथ छेड़छाड़ करने का मामला दर्ज हो सकता है। बहरहाल सूत्रों की जानकारी के मुताबिक ऊर्जा मंत्री के इस मामले को रफा-दफा करने की तैयारी चल रही है। वहीं तेजी से वीडियो वायरल होने के कारण सरकार के किरकिरी भी हो रही है।
मंत्रियों के बंगलों पर ट्रांसफर की चाहत रखने वालों की भीड़
प्रदेश में एक जुलाई से नई स्थानांतरण नीति लागू होने के साथ ही अब मंत्रियों के बंगलों पर ट्रांसफर की चाहत रखने वालों की भीड़ लगने लगी है। सुबह छह बजे से ही माननीयों के यहां दस्तक शुरू हो जाती है। मंत्रियों के आवास पर पहुंचने वाले आवेदनों में सबसे ज्यादा स्वास्थ्य विभाग, नगरीय प्रशासन विभाग, पीडब्ल्यूडी, कृषि और स्कूल शिक्षा विभाग के हैं। साथ ही अन्य विभाग के भी हजारों आवेदन पहुंच रहे हैं। कई आवेदकों ने तो यह लिखा है कि साहब पिछले पांच साल से यहीं पदस्थ हूं, परिवार से दूर हूं। इसलिए मुझे यहां से स्थानांतरित किया जाए। उल्लेखनीय है कि एक जुलाई से नई स्थानांतरण नीति के तहत 31 तारीख तक ही ट्रांसफर हो सकेंगे। बता दें कि नई स्थानांतरण नीति के तहत सभी ट्रांसफर जिले के प्रभारी मंत्रियों की अनुशंसा पर होंगे, लेकिन विभागीय मंत्री की भी इसमें अनुशंसा जरूरी की गई है। वहीं दूसरी ओर जो आवेदक नेताओं के संपर्क में नहीं हैं, वे अपने अफसरों के भी दरवाजे खटखटा रहे हैं। कर्मचारी फोन पर संपर्क करने के बाद सीधे अपने अधिकारी के पास पहुंचकर फरियाद लगाते हैं।
प्रदेश में पुलिस अधिकारियों के मामलों की जांच में आई सुस्ती
प्रदेश में आईपीएस अधिकारियों पर बड़े आरोपों की जांच चल रही है। इसमें कई खुलासे भी हो रहे हैं। राज्य शासन ने निलंबित विशेष पुलिस महानिदेशक पुरुषोत्तम शर्मा को अटैचमेंट मामले में नोटिस दिया है। ऐसे में आईपीएस अधिकारियों पर लगे आरोपों से विभाग की छवि खराब हो रही है। वहीं पिछली कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में आयकर विभाग के छापों के दौरान काले धन का मामला सामने आया था। इसकी जांच के दायरे में तीन आईपीएस और एक राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी आए हैं। ज्ञात हो कि भारत निर्वाचन आयोग ने इस मामले में प्रदेश सरकार के ईओयूडब्ल्यू में प्रकरण दर्ज कराने को कहा था। वी मधुकुमार, सुशोभन बनर्जी, संजय व्ही माने और अरुण मिश्रा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के बाद जांच एजेंसी लगातार मूल दस्तावेजों की मांग आयकर विभाग से कर रही हैं लेकिन अभी तक दस्तावेज नहीं मिले हैं। ऐसे में यह मामला ठंडे बस्ते में जाता दिखाई दे रहा है।
विधायक संजय पाठक का नए पुष्पक विमान की पूजा करते वीडियो वायरल
प्रदेश के पूर्व मंत्री एवं विजयराघवगढ़ के चर्चित विधायक संजय पाठक का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में विधायक संजय पाठक एक नए चार्टर्ड प्लेन की पूजा करते नजर आ रहे हैं। नए पुष्पक विमान की खबरें सोशल मीडिया में खूब देखी जा रही हैं और लोग कमेंट भी कर रहे हैं। वहीं जब वायरल हो रही तस्वीरों के आधार पर उनके समर्थक सोशल मीडिया में उन्हें बधाई देने लगे तो खुद संजय पाठक ने सोशल मीडिया में वीडियो जारी कर खबरों को भ्रामक बताया है, उन्होंने कहा है कि यह प्लेन उनके मित्र का है और उन्होंने केवल इसका उद्घाटन किया है।