ऑफ द रिकॉर्ड/टीकाकरण में तेजी लाने की कोशिशें

  • नगीन बारकिया
टीकाकरण

टीकाकरण में तेजी लाने की कोशिशें
टी का लगाने वालों के स्वास्थ्य लाभ को देखते हुए लोगों में टीका लगवाने के प्रति जागरूकता का भाव पैदा हुआ है इसीलिए लोग अब टीका लगाने सेंटर पर बड़ी संख्या में पहुंचना शुरू हुए हैं। इस जागरूकता का ही परिणाम है कि वैक्सीन की कमी आने लगी है। उधर केंद्र सरकार भी टीकाकरण अभियान को तेज करने के लिए स्वदेशी टीके कोवैक्सीन के निर्माण की अनुमति कुछ और सरकारी तथा निजी कंपनियों को भी देने के विकल्प पर विचार कर सकती है। सूत्रों के अनुसार शीर्ष स्तर पर इस बात पर मंथन चल रहा है और टीकाकरण पर बने वैज्ञानिकों के समूह की राय भी इसके पक्ष में है। केंद्र सरकार को मौजूदा पेटेंट कानूनों के तहत यह अधिकार है कि वह आपात जन स्वास्थ्य की परिस्थितियों के चलते किसी दवा या टीके के निर्माण की अनुमति दूसरी कंपनियों को भी दे सकती है ताकि उसकी उपलब्धता को बढ़ाया जा सके। 18 साल से अधिक आयु के लोगों को टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल किए जाने के बाद आने वाले दिनों में टीके की मांग में भारी बढ़ोतरी होने का अनुमान है। यह भी बताया गया है कि प्रधानमंत्री ने अगले कुछ महीनों में टीकों का उत्पादन बढ़ाने के लिए टीकाकरण और रोडमैप की प्रगति की समीक्षा की। प्रधानमंत्री को इस बारे में बताया गया कि राज्यों को लगभग 17.7 करोड़ टीके की आपूर्ति की जा चुकी है। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने टीके की बबार्दी पर राज्यवार रुझानों की समीक्षा भी की। प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्यों को संवेदनशील बनाने की जरूरत है, जिससे टीकाकरण की गति धीमी न हो। लॉकडाउन के बावजूद टीकाकरण के लिए नागरिकों को सुविधा प्रदान की जानी चाहिए और टीकाकरण में शामिल स्वास्थ्यकर्मियों को दूसरे कामों में नहीं लगाना चाहिए।

फिर बढ़ने लगे हैं पेट्रोल-डीजल के दाम
पांच राज्यों में चुनाव खत्म होते ही पेट्रोल-डीजल की कीमतों में उछाल का दौर फिर शुरू हो गया है। आज लगातार चौथे दिन पेट्रोल और डीजल के दाम में इजाफा हुआ है। आज राजस्थान के श्रीगंगानगर में पेट्रोल 102 रुपये के भी पार चला गया है, वहीं मध्यप्रदेश के अनूपपुर में 102 रुपये से 14 पैसे पीछे है। शुक्रवार को दिल्ली में पेट्रोल 28 पैसे उछल कर 91.27 रुपये प्रति लीटर पर चला गया, जबकि डीजल 31 पैसे की छलांग लगा कर 81.73 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया।  पेट्रोल 90 पैसे महंगा हुआ वहीं, चार दिनों में ही डीजल 100 पैसे या कहें एक रुपया प्रति लीटर महंगा हो चुका है। लोगों का कहना है कि पिछले दो महीने से देश के कई राज्यों में विधानसभा के चुनाव चल रहे थे इसलिए कच्चा तेल महंगा होने के बाद भी पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़ाए गए जबकि रिजल्ट आने के बाद से नाम अचानक बढ़ने लगे। फरवरी में कच्चे तेल का दाम 61 डॉलर प्रति बैरल था, जो मार्च में 64.73 डॉलर पर आ गया। अभी ये 69 डॉलर के करीब पर बिक रहा है। इसलिए अनुमान यह लगाया जा रहा है कि ऐसे में आने वाले दिनों में पेट्रोल डीजल के दामों में 2-3 रुपए का इजाफा हो सकता है।

ब्राजील के सेरेना ने वैक्सीन से कोरोना को हराया
ब्राजील से एक अच्छी खबर आई है। बताया गया है कि इस देश के एक शहर सेरेना ने टीकाकरण से कोरोना वायरस को मात देकर पूरी दुनिया के सामने एक मिसाल पेश की है। इस शहर ने सभी वयस्कों को वैक्सीन देकर कोरोना की रफ्तार को रोकने में सफलता पाई है। सबसे अहम बात यह है कि पूरे विश्व में कहर बरपाने वाले ब्राजील वैरिएंट ने भी इस शहर में फैलने की हिम्मत नहीं दिखाई। साउ पाउलो स्थित सेरेना की कुल आबादी 45,600 है। इसमें करीब 30,000 वयस्क हैं। एक प्रोजेक्ट के तहत इस शहर को टीकाकरण के लिए चुना गया। परियोजना के समन्वयक और सेरेना स्टेट हॉस्पिटल के निदेशक मार्कोस बोर्जेस ने बताया कि एक अध्ययन से पता चला कि जुलाई, 2020 में सेरेना में पांच प्रतिशत लोग कोरोना की चपेट में आए थे। मतलब हर 20 में से एक व्यक्ति संक्रमित हुआ था। इस प्रोजेक्ट को साउ पाउलो ने वित्तीय मदद की।

संक्रमितों के रिकार्ड टूटने का सिलसिला जारी
देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या का रिकार्ड टूटने का सिलसिला लगातार जारी है। तबाही अपने चरम की ओर बढ़ती दिख रही है। हर दिन एक नया रिकॉर्ड टूट रहा है। यह आंकड़ा अब 4 लाख 14 हजार को पार कर गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 4,14,433 नए मामले दर्ज किए गए और 3920 लोगों ने इस महामारी से जान गंवाई। इस तरह से देश में कोरोना संक्रमण के कुल मामले करीब 2,14,84,911 हो गए और मृतकों की संख्या 2,30,168 पर पहुंच गई। कोविड-19 से स्वस्थ होने वाले लोगों की राष्ट्रीय दर गिरकर 81.99 प्रतिशत हो गई है। बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 1,75,97,137 हो गई है, जबकि मृत्यु दर 1.09 प्रतिशत है।

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