- प्रणव बजाज
निरीक्षण के दौरान शराबियों का अड्डा देख दंग रह गए मंत्री
निर्माण कार्यों की वास्तविकता जांचने निरीक्षण पर निकले प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर उस समय वास्तविकता देख दंग रह गए जब उन्हें बिजली सब स्टेशन परिसर में ही शराब की खाली बोतलें जहां-तहां बिखरी पड़ी दिखीं। मंत्री ने जब इस मामले में बिजली कंपनी के कर्मचारियों से सवाल जवाब किए तो उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर की। इसके बाद मंत्री ने मौके से ही बिजली कंपनी के वरिष्ठ अफसरों को फोन लगाकर इस मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। दरअसल मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ग्वालियर विधानसभा में जारी विकास कार्यों का औचक निरीक्षण करने निकले थे। उन्होंने सागर ताल रोड, बहोड़ापुर रोड और शिंदे की छावनी पर पहुंचकर सड़क, सीवर और नालों के निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। निर्माण कार्य की गुणवत्ता जांचने वे खुद चेंबर में कूद गए। उसके बाद जब वे विद्युत सब स्टेशन पहुंचे तो उन्हें परिसर में ही शराबियों का अड्डा बना हुआ दिखा। खास बात कि न तो मंत्री को यहां साफ सफाई दिखी और न ही कोई व्यवस्था। बल्कि शराब की बोतलों परिसर में जहां-तहां फैली हुई पड़ी थी। इस पर मंत्री ने नाराजगी जताई और फोन पर ही अधिकारियों को फटकार लगाते हुए जांच के आदेश दिए।
कांग्रेस विधायक वानखेड़े ने दी कोरोना से हुई मौतों की सूची
कांग्रेस के युवा विधायक एवं एनएसयूआई के प्रदेशाध्यक्ष विपिन वानखेड़े ने अपनी विधानसभा में कोरोना में हुई मौतों की सूची जारी की है। साथ ही सरकार पर मौतों की संख्या में गड़बड़ी करने का आरोप लगाते हुए आंदोलन की चेतावनी भी दी है। बता दें कि कोरोना में इलाज ना मिलने, आॅक्सीजन की कमी, अस्पतालों में व्यवस्था आदि के मुद्दे उठाते हुए कांग्रेस लगातार सरकार पर हमलावर है। इसी बीच कोरोना से जुड़े एक बयान को लेकर भाजपा ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी है। उसके बाद दोनों ही दल आमने-सामने आ गए हैं। विवादों के बीच अब कांग्रेस ने सभी विधानसभा क्षेत्रों में कोरोना से मौतों के आंकड़े जुटाना शुरू कर दिया है। हर विधायक अपने-अपने क्षेत्र में घर-घर सर्वे कर मौतों का वास्तविक आंकड़ा निकाल रहा है ताकि शासन और प्रशासन द्वारा बताई जा रही संख्या को सीधी चुनौती दी जा सके। बहरहाल इसे कांग्रेस द्वारा मानसून सत्र में सरकार की घेराबंदी की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है।
तो रेत ठेकेदारों को इसी महीने मिलेगी राहत
राज्य सरकार रेत के ठेकेदारों को रियायत देने की तैयारी कर रही है। इसके लिए गठित मंत्री समूह डॉक्यूमेंट तैयार कर रहा है। जिसके आधार पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान निर्णय लेंगे इस मामले में खनिज मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह और विभाग के पीएस सुखबीर सिंह सहित अन्य मंत्रियों एवं अधिकारियों की मुख्यमंत्री के साथ बैठक हो चुकी है। इसके बाद अब संभावना जताई जा रही है कि राज्य सरकार इस महीने के अंत तक ठेकेदारों के कुछ रियासतों की घोषणा कर देगी। बता दें कि प्रदेश में रेत की खदानें दिसंबर 2019 में नीलाम हुई थी। सरकार ने एक साल के लिए रॉयल्टी में छूट दी थी लेकिन पर्यावरण एवं उत्खनन अनुमति लेने में देरी हो जाने की वजह से वे इसका फायदा नहीं उठा पाए। बाद में जैसे-तैसे खदानें चालू करने की स्थिति में बनी तो कोरोना संकट के कारण लॉकडाउन लग गया। ऐसे में निर्माण कार्य बंद होने से रेत की खपत नहीं हुई। जिससे ठेकेदारों को नुकसान बढ़ गया है। ज्ञात रहे कि ठेकेदारों ने ऊंची बोली लगाकर यह खदानें ले तो ली थी लेकिन अब उन्होंने चला नहीं पा रहे है।
दो दर्जन से ज्यादा अफसरों को होगा आईएफएस अवॉर्ड
प्रदेश के दो दर्जन से अधिक राज्य वन सेवा के अधिकारियों को मध्य प्रदेश कैडर आईएफएस अवॉर्ड दिए जाने की तैयारी चल रही है। विभाग ने इस संबंध में शासन के पास प्रस्ताव भेज दिया है। इसे यूपीएससी के पास डीपीसी के लिए भेजा जाएगा। बता दें कि पिछले दो साल से डीपीसी अटकी हुई है। पिछले साल के 14 और साल के 11 अधिकारियों को आईएफएस अवॉर्ड होना है। इसके लिए वन मुख्यालय ने 75 अधिकारियों के नाम की सूची भेजी है। विभागीय सूत्रों की माने तो पहली सूची में 47 और दूसरी सूची में 33 नाम है। दोनों डीपीसी अलग-अलग समय में होनी है। खास बात यह है कि इनमें से एक दर्जन से ज्यादा अधिकारियों के खिलाफ जांच चल रही है। कई अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच भी प्रस्तावित है, इससे पदोन्नति में दिक्कत आएगी। साथ ही कई ऐसे अधिकारी भी हैं जिनके खिलाफ लोकायुक्त में मामला दर्ज है।