बिच्छू डॉट कॉम: टोटल रिकॉल/अफसर अधिकारों का जनहित में उपयोग करें: मुख्यमंत्री

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अफसर अधिकारों का जनहित में उपयोग करें:  मुख्यमंत्री  
मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने प्रशासन अकादमी में राज्य सिविल सेवा के अधिकारियों के 118वें संयुक्त आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी को स्वयं के परिश्रम और ईश्वर की कृपा से जनसेवा का अवसर मिला है। प्रशिक्षण के बाद मैदानी चुनौतियों को स्वीकार करते हुए आत्मविश्वास और सकारात्मक मानसिकता के साथ सुशासन और गुणवत्तापूर्ण लोक सेवाओं के लिए उत्तरदायी, जवाबदेह, पारदर्शी और संवेदनशील भूमिका  निभाएं। आमजन से संवाद करें। व्यवहार शालीन रखें और अपने अधिकारों का जनहित में उपयोग करें। उन्होंने कहा कि नर्सरी से लेकर अब तक के शिक्षण-प्रशिक्षण से मिले ज्ञान के आत्म अवलोकन से अपनी प्रशासनिक जिम्मेदारियों और कार्यों को दक्षतापूर्वक संपन्न करें। शिक्षण व्यक्तित्व का निर्माण होता है।

प्रदेश के  एक दिवसीय दौरे पर 11 अप्रैल को प्रधानमंत्री मोदी आएंगे
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक दिवसीय दौरे पर 11 अप्रैल को वायु सेना के विमान से ग्वालियर विमानतल पर आएंगे। यहां पर कुछ देर रुकने के बाद प्रधानमंत्री अशोकनगर जिले में स्थित आनंदपुर ट्रस्ट में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रवाना होंगे।  इस ट्रांजिट विजिट को लेकर प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन ने ग्वालियर के अधिकारियों के साथ तैयारी बैठक की। इसमें प्रधानमंत्री की प्रस्तावित यात्रा के संबंध में मुख्य सचिव ने वीडियो  कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अधिकारियों से विस्तार से पूछताछ कर चर्चा की और उन्हें सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों के साथ सभी व्यवस्थाएं पूर्ण करने के निर्देश दिए। वीसी में संभागायुक्त मनोज खत्री व आईजी अरविंद सक्सेना के साथ ही कलेक्टर रुचिका चौहान, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह सहित अन्य विभागीय अधिकारी शामिल हुए।

अफसरों को अधिकारों की जानकारियां होना  चाहिए :बामरा
जनजातीय कार्य विभाग के प्रमुख सचिव गुलशन बामरा ने कहा कि अधिकारियों को अपने अधिकारों के साथ अपने से वरिष्ठ अधिकारी के अधिकारों की भी जानकारियां होना चाहिए। प्रमुख सचिव बामरा सोमवार को प्रशासन अकादमी में आयोजित जिला स्तरीय अधिकारियों की दो दिवसीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जनजातीय वर्ग के 22 प्रतिशत एवं अनुसूचित जाति वर्ग के 16 प्रतिशत लोग निवास करते हैं। हमारी जिम्मेदारी और भी अधिक बढ़ जाती है, जब प्रदेश की कुल जनसंख्या के एक तिहाई से अधिक लोगों के विकास और उन्नति का दायित्व हमें सौंपा गया हो।

युवा बड़े सपने देखें, अपने लिए नहीं औरों के लिए भी: सत्यार्थी
सपने देखना सीखिए, और जब देखें, तो बड़े देखें, लेकिन याद रखें-सपने सिर्फ अपने लिए नहीं, औरों के लिए भी होने चाहिए। यह कहना है नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी का। यह बात उन्होंने सोमवार को बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में आयोजित विशेष व्याख्यान में कही। सत्यार्थी ने विद्यार्थियों को प्रेरित किया कि वे अपने आस-पड़ोस में लोगों की तकलीफ को महसूस करें और उनकी मदद के लिए आगे आएं। इस व्याख्यान का विषय था विकास की भारतीय अवधारणा और करुणा, जिसमें सत्यार्थी की आत्मकथा दियासलाई पर भी चर्चा हुई। अध्यक्षता बीयू के कुलगुरु प्रो. सुरेश जैन ने की, जबकि एनआईटीटीआर के  निदेशक प्रो. चारु चंद्र त्रिपाठी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस आयोजन में विवि के अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. पवन मिश्रा, एनएसएस समन्वयक डॉ. आनंद कुमार सक्सेना और एनएसएस स्टेट ट्रेनर राहुल सिंह परिहार की मुख्य भूमिका रही।

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