अगले माह बनेगे 16 अफसर आईपीएस
लंबे इंतजार के बाद आखिरकार एसपीएस अफसरों को एक बार फिर से आईपीएस बनने की उम्मीदों के पंख लग गए हैं। इसकी वजह है डीपीसी के लिए नए सिरे से तारीख का तय होना। अब आईपीएस अवॉर्ड के लिए 2 मई को डीपीसी करना तय कर लिया गया है। यह डीपीसी आईपीएस के 16 पदों के लिए की जानी है, जिसमें 48 अफसरों के नामों पर विचार किया जाएगा। माना जा रहा है कि इस डीपीसी में राज्य पुलिस सेवा के देवेंद्र सिरोलिया, प्रकाश चंद्र परिहार, विनोद कुमार सिंह, मनीष खत्री, राजेश त्रिपाठी, सुनील कुमार मेहता, वीरेंद्र जैन, देवेंद्र पाटीदार, राय सिंह नरवरिया, रामशरण प्रजापति, गोपाल खांडेल, सुंदर सिंह कनेश, अरुण मिश्रा, राजेश व्यास, पद्म विलोचन शुक्ला, सुधीर कुमार अग्रवाल, पंकज कुमार पांडेय, अजय पांडे और संजय अग्रवाल को आईपीएस अवार्ड हो सकता है।
ताकत दिखाई तो पा गए नियुक्ति
प्रदेश सरकार ने बीते रोज तीन नई नियुक्तियां की हैं। यह वे राजनैतिक नियुक्तियां हैं, जिनके माध्यम से जातिगत समीकरण साधने के प्रयास किए गए हैं। दरअसल सरकार ने कटनी, सिंगरौली और देवास प्राधिकरण में नियुक्तियां की हैं। कटनी और सिंगरौली में महापौर चुनाव में पार्टी के प्रत्याशी की हार की वजह से परेशान पार्टी ने कटनी से सिंधी समाज को प्रतिनिधित्व देते हुए पीतांबर टोपनानी को अध्यक्ष बनाया है। सिंगरौली में दिलीप शाह और देवास में राजेश यादव को विकास प्राधिकरण की कमान सौंप दी है। देवास में राजेश यादव जिलाध्यक्ष पद के दावेदार थे। देवास में संगठन को महत्व दिया गया है। उधर कटनी महापौर चुनाव के दौरान भाजपा प्रत्याशी की हार में सिंधी समाज की भूमिका सामने आयी थी। इसलिए समाज को साधने के लिए टोपनानी को उपकृत किया गया है। सिंगरौली में महापौर चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी ने जीत हासिल की थी। चुनावी समीकरण को देखते हुए सत्ता-संगठन ने वहां दिलीप शाह को विकास प्राधिकरण की कमान सौंपी है।यह तीनों ही नेता उन समाजों से हैं, जिनके द्वारा बीते कुछ दिनों में अपनी ताकत दिखाई जा चुकी है।
फिर क्यों बदले गए कलेक्टर
भोपाल के नए कलेक्टर बनाए गए अपर सचिव मुख्यमंत्री कौशलेंद्र विक्रम सिंह अपनी आमद दे पाते कि उसके पहले ही उनका तबादला आदेश निरस्त कर नई पदस्थापना कर दी गई है। सरकार के इस फैसले को आश्चर्यजनक माना जा रहा है। यही नहीं कुछ और आदेशों में भी फेरबदल किए गए हैं। इससे सरकार व शासन के मंथन पर सवाल खड़े होने लगे हैं। कहा जा रहा है कि चुनाव के मद्देनजर सरकार की ओर से सिंह के पास पहले से ही बड़ा टास्क है, जिसके चलते संघ नहीं चाहता था कि उन्हें हटाया जाए। यही वजह है कि उनकी नए सिरे से पदस्थापना करनी पड़ी। उधर भोपाल कलेक्टर पद से हटाए गए अविनाश लवानिया को जल निगम पसंद नहीं आया ,लिहाजा उनका तबादला आदेश भी सरकार को संशोधित करना पड़ गया है।
एसपी के खिलाफ फूटा आक्रोश
वन मंत्री विजय शाह के पुत्र व जिला पंचायत उपाध्यक्ष दिव्यदित्य शाह तथा जनपद अध्यक्ष पंधाना सुमित्रा काले के साथ पुलिस द्वारा की गई बदसलूकी के मामले में अब जनआक्रोश फूटने लगा है। विधायक से लेकर अन्य जनप्रतिनिधि इस मामले में पूरी तरह से लामबंद हो चुके हैं। खास बात यह है कि इस मामले में सत्तारुढ़ दल के विधायक से लेकर जनपद अध्यक्ष तक को रैली निकालकर ज्ञापन तक देना पड़ रहा है, लेकिन अब तक सरकार एसपी और अन्य पुलिस अफसरों को लेकर कुछ करती नहीं दिख रही है। बीते रोज सौ से अधिक कार्यकर्ताओं के साथ जनप्रतिनिधि भाजपा कार्यालय से रैली निकालते हुए एसपी कार्यालय पहुंचे और विरोध में करीब आधे घंटे तक धरना दिया और मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम अरविंद चौहान को ज्ञापन सौंपा। इसमें विधायक राम दांगोरे, महापौर अमृता अमर यादव, पूर्व महापौर सुभाष कोठारी, परमजीत सिंह नारंग, जिला पंचायत उपाध्यक्ष व मंत्री पुत्र दिव्यदित्य शाह, पंधाना जनपद अध्यक्ष सुमित्रा काले, भाजयुमो जिला अध्यक्ष अनूप पटेल भी शामिल थे।