ट्रांसजेंडर, गे और सेक्स वर्कर्स नहीं कर सकते ब्लड डोनेट, सरकार का फैसला
ट्रांसजेंडर, गे, सेक्स वर्कर्स को ब्लड डोनेशन से दूर रखा जाता है। यानी इन लोगों को ब्लड डोनेशन की परमिशन नहीं है। केंद्र सरकार के परिवार कल्याण मंत्रालय की ब्लड डोनर सिलेक्शन गाइडलाइन में इस बात का जिक्र बकायदा किया गया है। ट्रांसजेंडर समुदाय के मेंबर थंगजम संता सिंह इस मामले में पीटिशन दायर कर डोनर सिलेक्शन और डोनर रेफरल, 2017 की गाइडलाइन का विरोध किया था। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सरकार का तर्क है कि जरूरतमंद और बीमार लोगों को सेफ ब्लड मिले यह उनका अधिकार है। हेल्थ के लिहाज से जरूरी भी। इसलिए किसी विशेष लोगों पर रोक लगाने का मकसद सेफ ब्लड ट्रांसफ्यूजन सिस्टम को लागू करना है। यह बात समझनी ज्यादा जरूरी है कि खून देने के अधिकार से ज्यादा महत्वपूर्ण सुरक्षित खून देना है।
बंगाल के लिए काल बन गया है एडेनोवायरस! 4 और बच्चों ने तोड़ा दम
पश्चिम बंगाल में एडेनोवायरस फैलने की आशंका के बीच कोलकाता के एक अस्पताल से रविवार रात से चार और बच्चों की मौत की सूचना मिली है। हालांकि अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि बी.सी. रॉय चिल्ड्रन हॉस्पिटल में हुई चार ताजा मौतें एडेनोवायरस से जुड़े हैं या नहीं। पता चला है कि चारों बच्चों को खांसी, सर्दी और सांस लेने में गंभीर समस्याओं के वायरस से संबंधित लक्षणों के साथ भर्ती कराया गया था। पिछले हफ्ते, मुख्यमंत्री ने मीडियाकर्मियों को बताया कि एडेनोवायरस से संबंधित कुल मौतें 19 थीं, जिनमें से छह में वायरस के मामलों की पुष्टि हुई, जबकि शेष में कॉमरेडिटी थी। राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा 11 मार्च को जारी अधिसूचना में भी यही आंकड़ा उद्धृत किया गया था।
महाराष्ट्र सरकार की बढ़ेगी टेंशन! 17 लाख कर्मचारी आज से करेंगे हड़ताल
पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने को लेकर महाराष्ट्र सरकार और सरकारी कर्मचारियों के बीच रस्साकशी शुरू है। सरकारी स्कूलों और कॉलेजों के शिक्षकों सहित 17 लाख से अधिक राज्य सरकार के कर्मचारी मंगलवार से पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग को लेकर हड़ताल पर चले जाएंगे। इस कदम से परीक्षाओं के उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन पर असर पड़ने की संभावना है क्योंकि स्कूलों और जूनियर कॉलेजों में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल का हिस्सा होंगे। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ बातचीत में थोड़ी प्रगति होने के बाद हड़ताल की पुष्टि की गई। जिन्होंने कहा कि वे मांग का अध्ययन करने के लिए एक समिति का गठन करेंगे।
5 साल रिलेशन के बाद रेप केस, हाईकोर्ट ने कहा- बिना लड़की की सहमति संबंध संभव नहीं
कर्नाटक उच्च न्यायालय में दायर एक याचिका पर कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया। दरअसल, महिला अपने प्रेमी के साथ पांच साल से प्यार में थे और शादी करना चाहते थे। लेकिन जातिगत अंतर के कारण वे शादी नहीं कर पाए। जिसके बाद महिला की ओर से प्रेमी पर दुष्कर्म और आपराधिक विश्वासघात का आरोप लगाया गया। पांच साल के यौन संबंध के बाद अपने अलग प्रेमी द्वारा बलात्कार और विश्वास के आपराधिक उल्लंघन के आरोपी एक व्यक्ति के खिलाफ आरोपों को रद्द कर दिया है। अदालतने कहा कि यह नहीं कहा जा सकता है कि एक महिला की सहमति उसकी मर्जी के खिलाफ पांच साल तक ली गई थी। इससे रिश्ते की गहराई स्पष्ट होती है।
भोपाल गैस त्रासदी: पीड़ितों को झटका, 7400 करोड़ के अतिरिक्त मुआवजे की मांग खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को यूनियन कार्बाइड कंपनी से 7400 करोड़ के अतिरिक्त मुआवजे दिलाने वाली केंद्र की क्यूरेटिव याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने केंद्र की याचिका खारिज करते हुए भोपाल गैस त्रासदी पीड़ितों के मुआवजे में घोर लापरवाही पर फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लंबित दावों को पूरा करने के लिए भारत सरकार द्वारा आरबीआई के पास पड़े 50 करोड़ रुपये की राशि का इस्तेमाल किया जाएगा। 1984 में दो दिसंबर की रात को भोपाल में मौत ने ऐसा तांडव मचाया कि आज तक उसके जख्म नहीं भर सके। भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से हुई जहरीली गैस के रिसाव से रात को सो रहे हजारों लोग हमेशा के लिए मौत की नींद सो गए। इससे पूरे शहर में मौत का तांडव मच गया। मरने वालों की संख्या 16,000 से भी अधिक थी। इतना ही नहीं, करीब पांच लाख जीवित बच्चे लोगों को जहरीली गैस के संपर्क में आने के कारण सांस की समस्या, आंखों में जलन या अंधापन, और अन्य विकृतियों का सामना करना पड़ा।