विस ने विधायकों को याद दिलाया संकल्प, मांगा संपत्ति का ब्यौरा
16वीं विधानसभा के सभी सदस्यों को विधानसभा ने संपत्ति का ब्यौरा सदन में प्रस्तुत करने का संकल्प याद दिलाया है। सचिवालय ने सभी सदस्यों को इस बारे में परिपत्र जारी करके बताया है कि सदन में सर्वसम्मति से यह संकल्प पारित किया गया था कि सभी सदस्य शुचिता के लिए प्रति वर्ष अपनी संपत्ति का ब्यौरा पटल पर रखेंगे या प्रमुख सचिव को देंगे। इसे याद दिलाते हुए 30 जून तक ब्यौरा देने के लिए कहा है। हालांकि यह अनिवार्य नहीं, स्वैच्छिक है। विधानसभा में पहले सभी मंत्री अपनी संपत्ति का ब्यौरा पटल पर रखते थे, लेकिन धीरे-धीरे यह व्यवस्था बंद हो गई। चूंकि, यह स्वैच्छिक व्यवस्था शुरुआत से रही है इसलिए कभी जोर भी नहीं डाला गया। मंत्रियों का तर्क यह था कि वे आयकर विवरण प्रति वर्ष जमा करते हैं, जिसमें पूरा ब्योरा देते हैं इसलिए अलग से व्यवस्था नहीं होनी चाहिए।
शिवराज बोले- मैं हूं जब तक कोई पेड़ नहीं कटेगा
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ताओं ने रविवार शाम को मंत्री-विधायकों के लिए 29 हजार पेड़ काटकर बनने वाले बंगलों को लेकर विरोध जताते हुए सुभाष एक्सीलेंस स्कूल के सामने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और शिवराज सिंह चौहान से पेड़ न काटने के लिए अपील की। दरअसल, तुलसी नगर-शिवाजी नगर क्षेत्र में मंत्री- विधायकों के बंगलों के लिए 29 हजार से ज्यादा पेड़ काटे जाने के प्लान को लेकर समाज और संगठन दोनों नाराज हैं। रविवार को जहां एक ओर जुलूस निकल रहा था। वहीं, दूसरी ओर अभाविप के कार्यकर्ता पर्यावरण को बचाने के उद्देश्य से केंद्रीय मंत्रियों से अपील कर रहे थे। खास बात यह है कि पेड़ों को काटकर बंगले बनाने को लेकर बड़े स्तर पर कई आंदोलन किए जा रहे। इस पर दोनों केंद्रीय मंत्रियों ने आश्वासन देते हुए कहा कि हमोर होते हुए कोई वृक्ष नहीं कटेगा।
तन्खा बोले- मप्र – छग में कांग्रेस में बदले नेतृत्व
मप्र और छत्तीसगढ़ में भी हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को तगड़ी हार का सामना करना पड़ा है। हार के बाद अब संगठन में बदलाव लाने की चर्चाएं भी जोर पकड़ रही हैं। छग की राजधानी रायपुर पहुंचे सांसद विवेक तन्खा ने रविवार को कहा कि दोनों राज्यों में नया नेतृत्व होना चाहिए। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि दुनिया अब बहुत बदल गई है, 65 प्रतिशत लोग अब युवा हैं। इसी लिहाज से मप्र और छग में पार्टी में भी नई युवा लीडरशिप को आगे लाना होगा। समय है कि ब्राइट-एनर्जेटिक लोगों को संगठन में लाएं। इससे नई पार्टी बनेगी । उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव की हार पर जल्द ही मंथन होगा।
लक्ष्मण सिंह ने फिर कसा पार्टी के बड़े नेताओं पर तंज
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई व पूर्व विधायक लक्ष्मण सिंह ने एक बार फिर से कांग्रेस पार्टी को आड़े हाथों लेते हुए अपनी ही पार्टी पर ट्वीट के माध्यम से निशाना साधा है। उन्होंने पार्टी के कुछ बड़े नेताओं द्वारा केंद्र सरकार को गिराने को लेकर लगाए जाने वाले कयासों पर तंज कसा है। उन्होंने सोशल मीडिया पर ट्वीट करते हुए लिखा कि हम केंद्र में सरकार गिराने की सोच रहे हैं, जबकि मप्र में हम बनी हुई सरकार भी नहीं बचा पाए। अच्छा होगा हम इस सरकार को गिरानें के बजाय अगली सरकार हमारी कैसे बने उस पर ध्यान दें तो उचित होगा। गौरतलब है कि यह कोई पहला मौका नहीं है, जब लक्ष्मण सिंह ने अपनी ही पार्टी पर तंज कसा हो। इसके पूर्व में भी वे कई बार अपनी ही पार्टी और नेताओं को आड़े हाथों ले चुके हैं। लक्ष्मण सिंह चाचौड़ा से कांग्रेस के विधायक रहे हैं और उन्हें छह माह पहले हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा की महिला प्रत्याशी से हार का सामना करना पड़ा है।