प्रीतम लोधी मांग रहे वोट के साथ नोट
शिवपुरी जिले की पिछोर विधानसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी प्रीतम लोधी का पैसे मांगने का वीडियो सामने आया है। इामें प्रीतम कह रहे हैं- आप यह जानते हो कि मैं तीन बार चुनाव हार चुका हूं। इसलिए मेरा निवेदन है कि सौ-सौ रुपए की मदद करें…। बता दें कि लोधी साल 2013 और 2018 में पिछोर विस से भाजपा प्रत्याशी रहे थे, लेकिन उन्हें दोनों ही बार कांग्रेस के केपी सिंह से हार का सामना करना पड़ा था। इससे पहले वे साल 2008 में ग्वालियर विस सीट से भारतीय जनशक्ति पार्टी के प्रत्याशी के रुप में भी चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन तब भी वे हार गए थे। पैसे मांगने के सवाल पर प्रीतम लोधी का कहना है कि हां, पैसे मांग रहा हूं। बिना पैसों के मैं चुनाव कैसे लडूंगा। मेरे पास पैसे आने भी लगे हैं।
अरुण यादव इस बार नहीं लड़ेंगे विधानसभा चुनाव
पूर्व केंद्रीय मंत्री और दो बार के सांसद अरुण यादव ने इस बार विधानसभा चुनाव न लड़ने का फैसला किया है। पीसीसी अध्यक्ष रह चुके यादव 2018 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सामने बुधनी से चुनाव लड़े थे और हार गए थे। इस चुनाव में उनका नाम निमाड़ की बड़वाह और मांधाता सीट से चर्चा में है। हालांकि यादव ने कहा कि मैं चुनाव नहीं लड़ रहा। इन दोनों सीट पर हमारे पास अच्छे उम्मीदवार हैं। संगठन ने जन आक्रोश यात्रा का जिम्मा सौंपा था, वह कर दिया, आगे भी जो कहा जाएगा, वह करूंगा। वे दो बार लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं। इसके बाद वे 2014 में खंडवा से भाजपा के नंदकुमार सिंह से लोकसभा चुनाव हार गए थे।
चुनाव के समय उमा भारती रहेंगी मध्यप्रदेश से दूर
भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को चुनाव रण में उतारने की घोषणा के बाद शुरू हुई चर्चाओं के बीच पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने चुनाव लड़ने के कयासों पर विराम लगा दिया है। उन्होंने मंगलवार को सोशल मीडिया पर लिखा कि वे मप्र में न तो विधानसभा का चुनाव लड़ेंगी न ही लोकसभा का। पिछले साल बद्रीनाथ-केदारनाथ और हिमालय नहीं गई थीं ,क्योंकि यहां शराबबंदी की मुहिम में शामिल थीं। इसलिए इस बार वे वहां जा रही हैं। दरअसल यह वो समय रहने वाला है , जब मप्र में चुनाव हो रहा होगा।
कमलनाथ का ट्वीट, बीजेपी अब भगदड़ जर्जर पार्टी
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने भाजपा में उपजे असंतोष पर तंज कसते हुए कहा कि एमपी में बीजेपी अब भगदड़ जर्जर पार्टी बन चुकी है। चुनाव में भाजपा असमंजस में पड़ गई है। नाथ ने एक ट्वीट में कहा कि भाजपा ने अब तक जिन कथित दिग्गजों को जबरन प्रत्याशी बनाया है, उन्हें उम्मीदवार नहीं बल्कि नाउम्मीदवार कहना उचित होगा। जोड़-तोड़ से सरकार बनाने वाले स्वयं की अंदरूनी तोडफ़ोड़ से परेशान हैं। उन्होंने दावा किया कि भाजपा के कई दिग्गज पार्टी द्वारा चुनाव लड़ने का दबाव बनाने से परेशान होकर भागे-भागे फिर रहे हैं। कई नेता नए रास्ते तलाश चुके, कई अभी भी ढूंढ रहे हैं।