बिच्छू डॉट कॉम: टोटल रिकॉल/क्या मंत्री को भेजेंगे जेल: उमंग सिंघार

उमंग सिंघार

क्या मंत्री को भेजेंगे जेल: उमंग सिंघार
नीट परीक्षा में गड़बड़ी और यूजीसी नेट 2024 परीक्षा स्थगित होने के बाद केंद्र सरकार ने सख्ती बरतना शुरू कर दिया है। इसके बाद प्रदेश की मोहन सरकार भी पेपर लीक के खिलाफ सख्त एक्शन में आ गई है। पेपर लीक की रोकथाम के लिए मध्यप्रदेश सरकार सख्त कानून लाने जा रही है। इसे लेकर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा है, क्या सरकार इस कानून के आने के बाद मंत्री विश्वास सारंग को भी जेल भेजेगी, क्या सारंग पर एक करोड़ का जुर्माना होगा या उनको को बर्खास्त किया जाएगा? उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि कानून बनाने वाले कौन हैं। मंत्री वल्लभ भवन में बैठे सरकार के इशारे में चलने वाले अधिकारी। नर्सिंग घोटाले में विश्वास सारंग पर क्यों कार्रवाई नहीं की गई या बड़े अफसर पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। उन्होंने इस कानून को बकवास बताया है। उनका कहना है कि जहां से गंगा बहती है, आपको वहां से पानी साफ करना होगा।

पतियों से कहिए घर में पिएं, शराब छुड़ाने को लेकर मंत्री की अजीब सलाह
प्रदेश के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा पुरुषों का शराब छुड़ाने के लिए पत्नियों को अजीबोगरीब सलाह देकर चर्चा में हैं। नशे के खिलाफ जागरूकता को लेकर भोपाल में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान, कुशवाहा ने सुझाव दिया कि महिलाओं को अपने पतियों को बाहर के बजाय घर पर ही शराब पीने के लिए कहना चाहिए। वे बच्चों के सामने ऐसा करेंगे तो उन्हें शर्म आएगी और वह खुद-ब-खुद शराब पीना धीरे-धीरे छोड़ देंगे। उन्होंने कहा, माताएं-बहनें चाहें कि मेरा पति दारू न पिए, तो पहले उसे बताएं कि आप बाजार में मत पिओ, आप घर ले आओ, मेरे सामने पिओ। सामने पिएंगे तो उनकी लिमिट कम होती जाएगी और धीरे-धीरे बंद की कगार पर आ जाएगी। उसे शर्म आएगी कि मैं अपनी पत्नी और बच्चों के सामने शराब पी रहा हूं। उसे यह भी बताएं कि तुम्हें देखकर बच्चे भी शराब पिएंगे। धीरे-धीरे उसकी शराब बंद हो जाएगी, यह बिल्कुल प्रैक्टिकल है। आपका पति शराब छोड़ देगा।

किसानों के साथ सम्मान से पेश आएं अफसर: सीएम ने दी नसीहत
किसान पहले ही कई तरह की मुश्किलों से जूझते हैं, जब वे मंडियों में पहुंचे तो उनके साथ सम्मान से पेश आएं। उनकी समस्याओं को समझें, उन्हें मदद करें, उनकी नाराजगी का उत्तर नाराजगी से देने के बजाय मदद के भाव से पेश आएं। यह समझाइश किसानों से जुड़े विभागों को दे दें। खासकर मंडियों के सचिवों को बताएं। इसके बावजूद भी किसान परेशान होते हैं, तो सचिवों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई करें। मंत्री की व्यवस्थाओं पर कलेक्टर खुद नजर रखें। किसानों के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं करेंगे। सीएम डॉ. मोहन यादव ने ये दो टूक निर्देश अफसरों को दिए। वे कृषि मंत्री के साथ किसान कल्याण एवं कृषि विभाग के कामों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में अधिकारी भी शामिल थे। सीएम ने कहा, मंडियों की व्यवस्था को चाक- चौबंद रखें, तौल कांटे, वित्तीय लेन- देन, अन्य व्यवस्था का निरीक्षण करें। कलेक्टर मंडी संचालन की भी निगरानी करें। वेयर हाउस निर्माण, उपयोग के प्रावधानों में किसानों के हितों को प्राथमिकता दें। तुअर, कोदो-कुटकी के उत्पादन के लिए किसानों को प्रोत्साहित करें, पर ग्रीष्मकालीन फसल लेने के नकारात्मक प्रभावों को किसानों से साझा करें।

Related Articles