राहुल को हिंदी और पटवारी को गिनती नहीं आती: नरोत्तम मिश्रा
प्रदेश संयोजक डा. नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि राहुल गांधी को हिंदी नहीं आती और जीतू पटवारी को गिनती नहीं आती, इसलिए कांग्रेस में मची भगदड़ को वह नहीं गिन पा रहे हैं। 336 का जो आंकड़ा जीतू पटवारी बता रहे हैं, उतनी संख्या से ज्यादा तो सिर्फ जनप्रतिनिधि जैसे विधायक, पूर्व विधायक, पूर्व केंद्रीय मंत्री, पूर्व सांसद, जिला पंचायत अध्यक्ष, नगर पालिका अध्यक्ष, जनपद सदस्य, पार्षद भाजपा की विचारधारा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीति, नेतृत्व व नियत से प्रभावित होकर भाजपा में सम्मिलित हुए हैं। छह अप्रैल को बूथों पर 2,82,242 नए लोगों ने भाजपा की सदस्यता ली है। उन्होंने कहा कि पटवारी ने अगर एकला चलो की नीति को छोडक़र अपने वरिष्ठ कमल नाथ, दिग्विजय सिंह, उमंग सिंघार जैसे लोगों से चर्चा कर ली होती, तो शायद आज वह मजाक का पात्र नहीं बनते। यह पटवारी की नेतृत्व क्षमता पर प्रश्न चिह्न है। कांग्रेस की जो हालत आज हो रही है, उसके एक बड़े जिम्मेदार जीतू पटवारी हैं।
पांच माह में तीसरी बार पूर्व विधायक ने बदली अपनी राजनैतिक आस्था
चुनाव से पहले ही कांग्रेस के सामने जो संकट खड़ा था, वह चुनावी समर में और बड़ा हो गया है। सुमावली के पूर्व विधायक अजब सिंह कुशवाह ने बीते रोज मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के सामने भाजपा की सदस्यता ले ली। इससे पहले जनवरी में पूर्व विधायक राकेश मावई कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे। सुमावली विधानसभा से 2020 के उप चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने अजब सिंह कुशवाह ने बीते साढ़े पांच महीने में तीसरी बार पार्टी बदली है। बीते साल नवंबर में उन्होंने बसपा की सदस्यता ले ली थी। एक सप्ताह बाद ही कांग्रेस ने कुलदीप का टिकट निरस्त कर अजब सिंह को दिया तो वह, तत्काल कांग्रेस में वापस आ गए। लोकसभा चुनाव में भी अजब सिंह कांग्रेस से टिकट मांग रहे थे, यह टिकट सुमावली से ही पूर्व विधायक रहे सत्यपाल नीटू सिकरवार को मिला तो अब एक बार फिर कांग्रेस छोडक़र छह साल बाद फिर भाजपा की सदस्यता ले ली है।
बेरोजगार हो जाएंगे 75000 अतिथि शिक्षक: सिंघार
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने 75000 अतिथि शिक्षकों को निकालने पर भाजपा सरकार को घेरा है। सिंघार ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से इस फैसले पर रोक लगाने की मांग की है। नेता प्रतिपक्ष ने एक्स पर लिखा मोहन यादव जी आपकी सरकार के द्वारा 30 अप्रैल को 75,000 अतिथि शिक्षकों को निकाला जा रहा है। इस फैसले को तत्काल रोका जाए। यह प्रदेश के अतिथि शिक्षकों के जीवन का सवाल है। आपके इस निर्णय से चुनाव से पहले ही आपकी बीजेपी सरकार का झूठ सामने आ गया। शिवराज सिंह चौहान ने अतिथि शिक्षकों को साल भर में स्थायी करने की घोषणा की थी, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने उनकी सेवाएं 30 अप्रैल से समाप्त कर दीं। प्रदेश में 75,000 अतिथि शिक्षक बेरोजगार हो जाएंगे। इस संख्या में उनके परिवार को भी जोड़ा जाए तो यह संख्या साढ़े 3 लाख से ज्यादा होती है। क्योंकि, अतिथि शिक्षकों के साथ उनका परिवार भी जुड़ा होता है, जो रोटी और सर पर छत के लिए भी मोहताज हो जाएंगे।
मसूद पर जानकारी छिपाने पर लटकी तलवार
कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के चुनाव पर तलवार लटक रही है। उन्होंने अपने नामांकन पत्र में अपने, पत्नी के नाम राष्ट्रीयकृत बैंकों से लिए करीब 65 लाख रुपए के लोन की जानकारी नहीं दी। जबकि यह अवश्य देनी थी। हाईकोर्ट ने चुनाव शून्य करने की याचिका को सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया है। कोर्ट ने 14 मई तक मसूद से जवाब मांगा है। भोपाल मध्य से मसूद के खिलाफ भाजपा से प्रत्याशी रहे ध्रुव नारायण सिंह ने निर्वाचन को हाईकोर्ट में चुनौती देने संबंधी याचिका लगाई है। सिंह की ओर से एडवोकेट अजय मिश्रा ने पैरवी कर बताया कि दस्तावेजों से स्पष्ट है कि मसूद व पत्नी रुबीना मसूद ने राष्ट्रीयकृत बैंकों से करीब 65 लाख 38 हजार रुपए का लोन लिया है।