देवी मूर्ति रखना तब सफल, जब प्रत्येक बेटी के ऊपर उठने वाली उंगली तोड़ दें
बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हाथों में झाड़ू लेकर स्वच्छता अभियान की शुरुआत की। यहां आए हजारों लोगों ने भी इस अभियान में अपना योगदान दिया। इस दौरान उन्होंने मीडिया से चर्चा में कहा कि नवरात्रि का पर्व शक्ति उपासना का पर्व है। हमें राष्ट्रद्रोही और मानवद्रोही ताकतों से दूर रहना है। उन्होंने कहा कि देवी की मूर्ति रखना तब सफल है, जब प्रत्येक बेटी के ऊपर उठने वाली उंगली तोड़ दें। नौ दिनों तक दुर्गा माता-दुर्गा माता का जाप करने वाले लोग दसवें दिन मुर्गा-मुर्गा चिल्लाने लगते हैं। उन्होंने कहा कि अपने सनातन के लिए हम सब खुलकर बोलें, उन्होंने दुकानदारों से कहा कि वे अपनी दुकानों के सामने डस्टबिन रखें, ताकि कचरे को फैलने से रोका जा सके। दुकानदारों से साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने के निर्देश भी दिए गए हैं।
युकां प्रदेशाध्यक्ष ने शेयर किया गाना विवाद मचा तो किया डिलीट
मप्र में बेटियों, महिलाओं के साथ हो रही रेप की घटनाओं के विरोध में कांग्रेस ने गांधी जयंती से बेटी बचाओ अभियान शुरू किया है। इस अभियान के शुरु होते ही स्पीक अप कैम्पेन चलाया गया। इस कैम्पेन में कांग्रेस नेताओं ने वीडियो शेयर कर बेटियों, महिलाओं के साथ हो रही घटनाओं पर सरकार और कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए। कांग्रेस का यह अभियान पहले ही दिन विवाद में घिर गया है। एमपी युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मितेंद्र दर्शन सिंह यादव ने अपने एक्स अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया। मितेंद्र ने गाने को शेयर करते हुए लिखा- मप्र में लाड़ली बहना का एक और गाना, सुनिए और समझिए। इस गाने को लेकर बीजेपी ने आपत्ति जताते हुए भोपाल के क्राइम ब्रांच थाने में शिकायती आवेदन दिया है। हालांकि, यूथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मितेंद्र सिंह ने विवाद मचने के बाद वीडियो डिलीट कर दिया है।
यह कैसा व्यवहार,ये मप्र पुलिस, प्रदर्शन पर गोली भी मार सकती है
अपराधियों पर प्रदेश की पुलिस गोली नहीं चला पाती है, लेकिन अतिथि शिक्षकों को जरुर गोली मारने की धमकी दे रही है। उनके धरने के दौरान पुलिस ने बेरिकेड्स पर बैनर लगाया कि ‘बलवाइयों आपका मजमा गैरकानूनी करार दिया गया है, तितर बितर हो जाइए, कारगर गोली चलाई जाएगी।’ हालांकि जब इसका विरोध हुआ तो यह बैनर ही हटा दिया गया। अतिथि शिक्षकों ने बताया कि पुलिस ने पहले मैदान के आसपास की लाइटें बंद कर दी थी। इसके बाद उन पर लाठियां चलाई। इस दौरान शिक्षक सुंदर कांड का पाठ कर रहे थे और उन पर भी लाठीचार्ज किया गया । तितर-बितर करने के बाद शिक्षक अलग-अलग रास्तों से भागे। उनके पीछे पुलिस भी दौड़ी। पुलिस के अचानक लाठीचार्ज से भगदड़ मच गई थी।