बिच्छू डॉट कॉम: टोटल रिकॉल/विधायक प्रत्याशी के जिलाबदर पर रोक

विधायक प्रत्याशी


विधायक प्रत्याशी के जिलाबदर पर रोक
मप्र हाईकोर्ट ने रीवा के त्यौंथर विस सीट से विंध्य पार्टी के प्रत्याशी अरुण कुमार गौतम के खिलाफ जारी जिलाबदर के आदेश पर 20 नवंबर तक रोक लगा दी। जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को 20 नवंबर के बाद जिला दंडाधिकारी के आदेश के खिलाफ अपील पेश करने की स्वतंत्रता दी है। गौतम की ओर से दायर मामले में आरोप है कि जिला दंडाधिकारी सत्ताधारी दल के पक्ष में काम कर रहे हैं और प्रत्याशी को चुनाव लडऩे से रोकने का प्रयास किया जा रहा है। आवेदक की ओर से बताया गया कि कई साल पुराने मामले में एसपी ने 19 अक्टूबर को कलेक्टर को रिपोर्ट सौंपी। जिला दंडाधिकारी ने 26 अक्टूबर को याचिकाकर्ता को नोटिस जारी किया। याचिकाकर्ता 3 नवंबर को जिला दंडाधिकारी की कोर्ट में हाजिर हुए और आपत्ति प्रस्तुत की।  वहीं 7 नवंबर को जिला बदर का आदेश जारी कर दिया गया।
भीड़ नहीं दिखी तो हेलीपैड से लौटे अखिलेश
सीधी जिले की धौहनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम हिनौता में सभा को संबोधित करने पहुंचे सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भीड़ न जुटने से खफा होकर बिना सभा किए ही लौट गए। अखिलेश बीते रोज दोपहर वहां पुहंचे थे, लेकिन कम भीड़ देख कर वह हेलीपैड से बाहर ही नहीं आए एवं कुछ देर बाद ही वापिस लौट गए। अहम बात यह है कि इस दौरान जो भीड़ थी , वो उडऩखटोले को देखने ज्यादा और सभा में शामिल होने कम आयी थी।
भाजपा की झूठ की मशीन और तेज चलने लगी
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव को कुछ ही दिन बचे है। चुनाव को लेकर बीजेपी और कांग्रेस ने अपने दौरे तेज कर दिए है। इसी सिलसिले में पूर्व सीएम कमलनाथ ने खंडवा और पंधाना के प्रत्याशी के लिए विश्वविद्यालय परिसर में चुनावी सभा को संबोधित किया। बीजेपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान की कोई एक घोषणा नहीं है, वे ऐसी ढाई हजार घोषणाओं की मशीन हैं, जो इस समय तेजी से चल रही है। मध्यप्रदेश भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है, क्षेत्र में बेरोजगारी बढ़ रही है, लेकिन सरकार को यह नहीं दिख रहा  है।
भाजपा का होगा सूपड़ा साफ
चंबल सहित प्रदेशभर में दहशत फैलाने वाले पूर्व डकैत, दस्यु सम्राट मलखान सिंह अब चंबल के चुनाव में एक्टिव हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा का विस चुनाव में सूपड़ा साफ होगा। ज्ञात हो कि आत्मसमर्पण के बाद राजनीति में एंट्री कर चुके दद्दा मलखान अब तक भाजपा के लिए वोट मांगते थे, लेकिन पार्टी से बगावत कर कांग्रेस के नेता बन गए और अब इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए प्रचार कर रहे हैं। इन दिनों विधानसभा चुनाव में सबकी निगाहें चंबल पर टिकी हैं, क्योंकि यह क्षेत्र बागियों के लिए बदनाम है। लेकिन इस बार कांग्रेस को एक असल बागी का साथ मिल गया है जो, अपने समय में एक इशारे पर चुनाव का रुख तय कर देता था।

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