बिहाइंड द कर्टन/नरोत्तम व सिलावट आए आमने-सामने

  • प्रणव बजाज
नरोत्तम व सिलावट

नरोत्तम व सिलावट आए आमने -सामने  
किसानों को सिंचाई के लिए पानी देने के एवज में ली जाने वाली राशि को लेकर अब शिव के दो गण आमने -सामने आ गए हैं। यह दोंनो ही गण इस सरकार में बेहद प्रभावशाली माने जाते हैं। इनमें एक हैं गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा तो दूसरे हैं, तुलसी सिलावट। इस मामले में जहां जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट का कहना है कि वे किसानों से प्रति एकड़ पांच सौ रुपए लेंगे, तो वहीं नरोत्तम इससे इंकार कर रहे हैं। अब दोनों में से कौन सही बोल रहा है यह तो आने वाले समय में ही पता चल सकेगा, लेकिन फिलहाल यह तो तय है कि सरकार में सबुकछ  ठीक नहीं चल रहा है। यह बात अलग है कि विभागीय मंत्री होने के नाते सिलावट की बात में दम नजर आती है। वैसे भी शिव सरकार में श्रीमंत समर्थकों का जलवा है सो उनकी बात पर लोग अधिक भरोसा कर रहे हैं। इसकी वजह है उनका वह निर्देश जिसमें उनके द्वारा विभागीय अफसरों को इसके लिए प्रस्ताव तैयार करने के लिए कहा जा चुका है।

शिव सरकार फिर आईपीएस का चाहती है कैडर रिव्यू  
प्रदेश में सरकार चाहती है कि कर्मचारियों की कमी भले ही बनी रहे, लेकिन आला अफसरों के पद बढ़ते रहें, जिससे की अखिल भारतीय सेवा के अफ सरों को न केवल पदोन्नति मिलती रहे और सुख सुविधाओं में कोई कमी न रहे। यही वजह है कि अब कर्मचरियों का पिरामिड पूरी तरह से बिगड़ने की राह पकड़ चुका है। इसके बाद भी आला अफसरों के पदों में वृद्वि के लगातार प्रयास जारी हैं। अब ताजा मामला है आईपीएस अफसरों का। यही वजह है कि एक बार फिर से कैडर रिव्यू का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। इसमें आईजी के दो, डीआईजी के आठ और पुलिस अधीक्षक स्तर के 15 पदों में वृद्धि की मांग की जाएगी। इस प्रस्ताव में 21 पद समर्पित भी किए जाएंगे। अगर कैडर रिव्यू के प्रस्ताव को मान लिया जाता है तो, प्रदेश में आईपीएस संवर्ग के अफसरों की संख्या 166 की जगह 174 हो जाएगी। यह बात अलग है कि इस कैडर रिव्यू के लिए भोपाल व इंदौर में लागू किए गए पुलिस कमिश्नर प्रणाली का तर्क दिया जा रहा है।

आखिर रंगशाही को करना ही पड़ गया निलंबित
आबकारी अफसर विनय रंगशाही को आखिरकार विभाग ने निलंबित कर ही दिया है। उन पर पहले से ही प्रेम विवाह के बाद पत्नी द्वारा दहेज प्रताड़ना का प्रकरण दर्ज कराया जा चुका है। इस मामले के बाद ही उनका तबादला अलीराजपुर से उज्जैन कर दिया गया था। इसके बाद से ही पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए वे आमद देने की जगह गायब हो गए। लंबे समय से आमद नहीं दिए जाने की वजह से उन्हें अब जाकर विभाग द्वारा निलंबित किया गया है। यह मामला इंदौर के भंवरकुआं थाने में दर्ज है। उनके पिता पूर्व डीएसपी हैं। अब रंगशाही के परिजनों ने भी युवती के खिलाफ फर्जी दस्तावेज तैयार कराने का प्रकरण दर्ज कराया है। अब उन्हें निलंबित किए जाने के बाद ग्वालियर मुख्यालय में अटैच किया गया है। फिलहाल देखना तो यह है कि पुलिस उन्हें कब गिरफ्तार करती है।

और कांग्रेस नेता ने दी नक्सली बनाने की धमकी
एक समय कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार रहे राजा पटैरिया इन दिनों सियासी गुमनामी में नजर आते हैं। संगठन व अपनी सरकार में उपेक्षित चल रहे पटैरिया इन दिनों सुर्खियों  में बने हुए है। इसके पीछे की वजह है उनकी वह धमकी, जो उनके द्वारा सरकार को दी गई है। इसमें उनके द्वारा कहा गया है कि अगर आदिवासियों के साथ न्याय नहीं किया गया तो वे उन्हें नक्सली बना देंगे। वे जब हथियार उठा लेंगे तब सरकार को समझ आएगा। उनका कहना है कि दमोह जिले के रैपुरा थाना क्षेत्र में पुलिस व वन विभाग के अमले द्वारा न केवल उनकी फसल उजाड़ दी गई है बल्कि, उनकी पिटाई भी लगाई गई है। इसके बाद भी दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। उनका कहना है कि इस तरह का अन्याय ही नक्सलवाद को जन्म देता है।    

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