बिहाइंड द कर्टन/बोले नाथ: सरकार को भ्रष्टाचार का विरोध पसंद नहीं

  • प्रणव बजाज
कमलनाथ

बोले नाथ: सरकार को भ्रष्टाचार का विरोध पसंद नहीं
वरिष्ठ आईएएस अफसर कल्पना श्रीवास्तव को हटाने के मामले में अब शिवराज सरकार घिरती जा रही है। इस मामले में अब पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी शिवराज सरकार पर निशाना साधा है। उनका आरोप है कि शिव सरकार को भ्रष्टाचार का विरोध पसंद नहीं है। यही वजह है कि जो भी अफसर भ्रष्टाचार के विरोध में आवाज उठाता है, उसे तत्काल पद से हटा दिया जाता है। उन्होंने इसके लिए कल्पना श्रीवास्तव का उदाहरण भी दिया। उनका कहना है कि प्रदेश सरकार में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। यही वजह है कि श्रीमती श्रीवास्तव को प्याज घोटाला उजागर करने के मामले में उद्यानिकी विभाग से हटाकर मछली पालन विभाग में भेज दिया गया है। यह आरोप उनके द्वारा गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के कार्यकर्ताओं को कांग्रेस में शामिल करने के दौरान लगाए गए हैं।

अफसरों की लापरवाही ने करा दी विभाग की किरकिरी
हमीदिया अस्पताल में नवजातों की मौत के मामले में स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की लापरवाही ने ऐसी किरकिरी कराई की विभाग को देर रात इस मामले में स्पष्टीकरण तक जारी करना पड़ा , लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। दरअसल सदन में एक प्रश्न के उत्तर में बताया गया था कि पांच साल में हमीदिया अस्पताल में 68301 शिशुओं की मौत हुई है। इसके बाद यह आंकड़ा मीडिया से लेकर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगा। लोग भी इस मामले को लेकर विभाग और सरकार पर सवाल खड़ा करने लगे। देर रात विभाग जागा और उसने सोशल मीडिया पर स्पष्टीकरण जारी कर कहा कि यह आंकड़ा हमीदिया अस्पताल का नहीं बल्कि पूरे प्रदेश का है। यह बात अलग है कि जब तक इस मामले में बहुत देर हो चुकी थी, सो सुबह यह आंकड़ा मीडिया की सुर्खियों में आ गया। इसे कहते हैं चिड़िया चुग गई खेत अब पछताय होत का।

हर माह औसतन हो जाती हैं एक सड़क पर 32 मौतें
शायद यह चुनकर आश्चर्य लगे लेकिन वास्तविकता यही है कि मंदसौर जिले की लेबड़ -नयागांव मार्ग ऐसा है जिसकी सड़क पर हर माह औसतन 32 लोगों की मौत हादसों की वजह से हो जाती है। इसकी वजह है बीते एक दशक से अधिक समय में भी एक ओवर ब्रिज का न बन पाना। विधानसभा में स्थानीय विधायक यशपाल सिंह सिसौदिया द्वारा यह मामला उठाए जाने पर अब सरकार ने इस मामले में एक सप्ताह में बैठक बुलाने का आश्वासन दिया है। उनका कहना है कि जावद रोड पर सीमेंट कंपनी की ओर जाने वाली रेलवे लाइन पर 12 सालों बाद भी अनुबंध के आधार पर ओवरब्रिज का निर्माण नहीं किया जाना है। इसकी वजह से यहां पर दिनभर जाम की स्थिति बनी रहती है। उनका कहना है कि इस मार्ग पर अब तक 11 सालों में 3744 लोगों की मौत सड़क हादसों में हो चुकी है।

सदन में मंत्री से उलझना भारी पड़ा कांग्रेस विधायक साधौ को
कांग्रेस की महिला विधायक और पूर्व मंत्री विजय लक्ष्मी साधौ को परिवहन व राजस्व मंत्री गोंविद सिंह राजपूत से एक प्रश्न पूछते समय उलझना भारी पड़ गया। इसकी वजह है इस मामले में सत्ता पक्ष द्वारा उनके ही नेता के बयान को बनाकर उन्हें घेर लेना। दरअसल डां साधौ ने महेश्वर और बड़वारा तहसील में अतिवृष्टि से हुई क्षति का मुआवजा किसानों को नहीं मिलने का मामला उठाया था। इसी दौरान फसल क्षति की समय सीमा को लेकर उनकी मंत्री राजपूत से बहस हो गई। हस्तक्षेप करते हुए संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि अतिशीघ्र बांटेगे, लेकिन समयसीमा बताना संभव नही है। इस पर साधौ समय सीमा बताने की मांग पर अड़ गई। तभी डां मिश्रा ने किसान कर्जमाफी का उल्लेख करते हुए कहा कि आपके अध्यक्ष ने तो दस दिन में कर्जमाफी नहीं हुई तो सीएम बदल देने की घोषणा की थी। ऐसे में तो एक माह में तीन और डेढ़ साल में 45 मुख्यमंत्री बदल जाते। इसके बाद मामला शांत हो गया।

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