बिहाइंड द कर्टन/भाजपा विधायक पटेल को लगा हाईकोर्ट से झटका

विधायक पटेल

प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। 

भाजपा विधायक पटेल को लगा हाईकोर्ट से झटका
भाजपा विधायक और केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल के छोटे भाई जालम सिंह को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। यह झटका लगने की वजह है उनकी वह याचिका खारिज हो जाना जिसमें उनके द्वारा अपने खिलाफ लंबित हत्या के एक प्रयास मामले मेडीकल रिपोर्ट को और गवाही के लिए एक चिकित्सक को बुलाने पर चुनौति दी गई थी। न्यायालय ने पटेल की अर्जी पर सुनवाई करते हुए तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा की आवेदक की कल्पना के हिसाब से कानून को लागू नहीं किया जा सकता है। दरअसल यह पूरा मामला 18 नवंबर 14 की उस घटना से जुड़ा हुआ है, जिसमें गोटेगांव के एक पत्रकार गोंविद केटले को पता चला था की विधायक पुत्र मोनू द्वारा  मुकेश नामक युवक के साथ मारपीट की जा रही है। इस पर गोविंद ने मोनू की मारपीट करते हुए कुछ तस्वीरें खींच ली थीं। यह पता चलने पर आरोपियों द्वारा गोविंद पर भी हमला कर दिया गया था।

हर महिने उड़न खटोले का पौने दो करोड़ किराया
एक तरफ सरकार का खजाना खाली है, तो दूसरी तरफ सरकार द्वारा हर माह औसतन उड़नखटोले के किराए के रुप में पौने दो करोड़ रुपए का भुगतान किया जा रहा है। मामला चूंकि सरकार के उड़नखटोले का है , सो कोई कुछ कर भी नहीं सकता है। हालात यह है कि अगर बीते सालों से इसकी तुलना की जाए तो यह खर्च अब तीन गुना तक बढ़ गया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस साल जून से लेकर इस माह के बीच तक सरकार द्वारा इस पर 12 करोड़ तो खर्च किए जा चुके हैं , जबकि अगले तीन माह के लिए छह करोड़ रुपए का और प्रावधान ताजा सप्लीमेंट्री बजट में कर दिया गया है। खास बात यह है कि इस बजट में सरकार द्वारा अपने हैलीकाफ्टर की सर्विसिंग के लिए भी एक करोड़ रुपए की मांग की गई। इस तरह से इस पूरक बजट में विमानन विभाग द्वारा 19 करोड़ रुपए की मांग की गई है। उधर सरकार एक नया जेट विमान भी खरीदने की योजना पर काम कर रही है। यह विमान लगभग 80 करोड़ का बताया जा रहा है।

तन्खा बढ़ाएंगे तीन भाजपा नेताओं की मुश्किलें
कांग्रेस के दिग्गज नेता और ख्यातनाम वकील विवेक तन्खा के निशाने पर अब भाजपा के तीन दिग्गज नेता आ गए हैं। वे जल्द ही इन नेताओं के खिलाफ मानहानी का मामला दायर करने जा रहे हैं। इसके लिए उन्होंने तीन जनवरी की तारीख तय की है। जिन तीन नेताओं पर वे मानहानी का प्रकरण दायर करने जा रहे हैं उनमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा और वरिष्ठ मंत्री भूपेन्द्र सिंह के नाम शामिल हैं। दरअसल यह पूरा मामला त्रि- स्तरीय पंचायत चुनाव में ओबीसी के आरक्षण विवाद से जुड़ा हुआ है।  उनका कहना है कि कांगे्रस तो हमेशा से पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने के पक्ष में रही है, भाजपा इस मामले में उन पर निराधार आरोप लगा रही है। उनका कहना है कि दरअसल भाजपा सरकार ही नहीं चाहती है कि प्रदेश में ओबीसी आरक्षण लागू हो।

कल्पना पर क्यों खफा हुई सरकार
आला आईएएस अफसर कल्पना श्रीवास्तव की गिनती उन गिने चुने अफसरों में होती है, सो काम और व्यवहार की वजह से लोकप्रिय हैं। उन्हें नवाचारों के लिए भी जाना जाता है। जहां भी वे पदस्थ होती हैं, वहां पर वे अपनी छाप जरुर छोड़ देती हैं। इसके बाद भी अचानक उनका तबादला कर दिया जाना किसी को समझ नही आ रहा है। पहले तो उन्हें हटा कर बिना विभाग के पदस्थ कर दिया गया और उसके बाद यह खबर सुर्खियां बनने लगी तो फिर उन्हें एक छोटे से महकमे वाले विभाग में पदस्थ कर दिया गया। उनके तबादले को लेकर अब सरकार व शासन पर लोग सवाल खड़े कर रहे हैं। दरअसल मामला एक अधीनस्थ अफसर के गड़बड़झाला से जो जुड़ा हुआ है। उसे सरकार का बेहद खास माना जाता है। दरअसल उनके द्वारा उस अफसर के खिलाफ न केवल ईओडब्ल्यू से जांच शुरू करा दी गई थी , बल्कि उसके कारनामों की फाइल भी उच्च स्तर पर भेज दी गई थी। इससे कहा जाने लगा है कि अब घोटालों पर कार्रवाई करने की क्या सजा भी मिलने लगी है।  

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