- प्रणव बजाज
आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति
प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति का दौर इस स्थिति में पहुंच गया है कि वे एक-दूसरे के कार्यक्रमों पर भी कटाक्ष करने के मौका नहीं चूक रहे हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस ने भाजपा के बूथ विस्तारक अभियान को लेकर कहा है कि नेताओं की आपसी गुटबाजी के कारण यह कार्यक्रम पूरी तरह फ्लाप शो साबित हुआ और आला नेताओं ने ही बूथ पर निर्धारित घंटे समय नहीं बिताया। वहीं भाजपा ने कांग्रेस को सलाह दी है कि वह भाजपा नेताओं के घंटे गिनने की बजाए अपने घर-घर चलो अभियान पर ध्यान दें जिसमें पार्टी के नेता ही इसमें पलीता लगा रहे हैं। पूर्व सीएम कमलनाथ के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने कहा कि इस कार्यक्रम पर गुटबाजी हावी रही और किसी केन्द्रीय मंत्री समेत प्रदेश सरकार के मंत्री ने भी बूथ पर सौ घंटे पूरे नहीं दिए और महज रस्म अदायगी की। भाजपा के कई बड़े नेताओं ने भी इस कार्यक्रम से दूरी बनाकर रखी। वहीं भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता उमेश शर्मा ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस अपने अभियानों की चिंता करें। कांग्रेस में एक चार की बटालियन है, वयोवृद्ध अध्यक्ष के साथ चार कार्यकारी अध्यक्ष हैं। बेहतर होगा कि कांग्रेस अपने इन चारों कार्यकारी अध्यक्षों के साथ घर घर चलो अभियान के लिए निकले। उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष की टीम भाजपा के घंटे गिनने में लगी है तो कार्यकारी अध्यक्ष अपने घंटे बचाकर पार्टी के अभियान को पलीता लगाने में लगे हैं।
छह अफसरों की यूएनए में दिखेगी काबिलियत
प्रदेश के छह पुलिस अफसरों की काबिलियत अब यूएनए में दिखेगी। इन पुलिस अधिकारियों को दो साल के लिए यूएन मिशन पर भेजा जाएगा। उनके नाम का ऐलान कर दिया गया है। जिन अधिकारियों को भेजा जाएगा, उनमें एसपी एसटीएफ उज्जैन अंजना तिवारी, डीएसपी निधि श्रीवास्तव, सोफिया मुद्गल कुरैशी, टीआई इंदिरा नामदेव, नेहा चंद्रवंशी और एसआई मनोज शर्मा शामिल हैं। उन्हें वर्ष 2022 से 2024 के लिए भेजा जाएगा। यूनाइटेड नेशन में जाने के लिए परीक्षा का आयोजन किया गया था। इस परीक्षा में 151 अधिकारी और कर्मचारी शामिल हुए थे। लिखित परीक्षा के अलावा ड्राइविंग, कंप्यूटर, फायरिंग और इंटरव्यू लिया गया था। पास होने वाले छह पुलिस अधिकारियों का चयन किया गया है। अंजना और सोफिया पहले सूडान और इंदिरा नामदेव साउथ सूडान में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी हैं।
ईएनसी बनने की आस नहीं हो पाई पूरी
लोक निर्माण विभाग का प्रमुख अभियंता बनने के लिए दो वरिष्ठ अधिकारी कतार में थे, लेकिन उनकी यह आस पूरी नहीं हो पाई है। ये दो अफसर हैं पीसी बारस्कर और आरके मेहरा। ईएनसी बनाने की जगह राज्य सरकार ने लोक निर्माण विभाग के सचिव पीसी बारस्कर की सेवाएं तत्काल प्रभाव से विभाग को वापस लौटाते हुए राज्य योजना आयोग के सलाहकार आरके मेहरा को नया सचिव बनाया है। पीडब्ल्यूडी में प्रमुख अभियंता के पद पर पीसी बारस्कर और आरके मेहरा ही पदस्थ हैं, जबकि नरेंद्र कुमार चीफ इंजीनियर के रूप में कार्यरत होने के बाद भी उन्हें संचालक पीआईयू और विभाग का प्रभारी ईएनसी बनाया गया है। इस तरह विभाग में ईएनसी के दो पद रिक्त होने के बाद भी मेहरा और बारस्कर प्रमुख अभियंता नहीं बनाए गए हैं। बारस्कर पहले भी योजना आयोग के सलाहकार रह चुके हैं। संभवत: उन्हें सीटीई के पद पर पदस्थ किया जा सकता है। अब बारस्कर पोस्टिंग को लेकर हाथ-पैर मार रहे हैं।
मुख्य सूचना आयुक्त का डंडा
स्वास्थ्य विभाग में हुए 65 करोड़ की खरीदी के गड़बड़झाले को मुख्य सूचना आयुक्त एके शुक्ला ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने इस गड़बड़झाले की जानकारी नहीं देने को तृतीय पक्ष नहीं माना है। क्योंकि इस गड़बड़ी में उप संचालक में डॉ. प्रज्ञा तिवारी की एक वेतनवृद्धि रोकी गई थी। सूचना अधिकार के तहत उक्त जानकारी मांगने वाले आवेदक को यह कहते हुए विभाग ने जानकारी देने से इंकार कर दिया था कि यह मामला तृतीय पक्ष का है, इसलिए जानकारी नहीं दी जा सकती है, लेकिन आयोग ने अब विभाग को जानकारी देने के आदेश दिए है। सूचना अधिकार अधिनियम के तहत स्वास्थ्य विभाग में दवा खरीदी में हुए घोटाले की जानकारी देने से इंकार कर दिया था। इसके विरुद्ध आवेदक ने राज्य सूचना आयोग में अपील दायर की थी। सूचना अधिकारी ने यह कहते हुए इंकार कर दिया था कि उक्त जानकारी व्यक्तिगत जानकारी है। सूचना आयोग ने आदेश में कहा है कि भ्रष्टाचार से संबंधित मामले में तृतीय पक्ष की जानकारी लोकहित में प्रकट किए जाने योग्य है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी उल्लेख किया गया। आयोग ने स्वास्थ्य विभाग को आदेश दिया है कि उक्त जानकारी एक माह के भीतर आवेदक को नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाए।