- प्रणव बजाज
विधायक रामबाई के तेवरों से हैरान परेशान
दमोह जिले की पथरिया विस क्षेत्र की विधायक रामबाई ऐसी विधायक हैं जो गाहे- बगाहे अपने तीखे तेवर दिखाने से पीछे नही रहती हैं। इसकी वजह से भले ही वे चर्चा में आ जाती हंै, लेकिन विवाद भी खड़े हो जाते हैं। इससे सभी जनप्रतिनिधि भी परेशान हैं। इसकी वजह है उनकी वजह से जनप्रतिनिधियों के बारे में लोगों की राय बनना और बिगड़ना। अब उनका एक नया वीडियो सामने आया है। इसमें वे एक युवक को कॉलर पकड़कर ट्रेन से नीचे उतार रही हैं। यह वाकया दो साल बाद फिर से शुरू हुई राज्य रानी एक्सप्रेस के स्वागत के दौरान का बताया जा रहा है। 16 अक्टूबर की रात ट्रेन पथरिया रेलवे स्टेशन पर पहुंचीं तो अन्य लोगों की तरह ही उसके स्वागत के लिए बीएसपी विधायक रामबाई परिहार भी गाजे-बाजे के साथ आई थीं। ट्रेन के रुकते ही चालक का स्वागत करने वालों का हुजूम टूट पड़ा। इस बीच विधायक ने भी भीड़-भाड़ के बीच इंजन में चढ़ने का प्रयास किया और बीच में आ रहे भाजपा कार्यकर्ता अंकित पटेल की कालर पकड़ी और उसे नीचे खींच लिया।
पुरातत्व सर्वेक्षण के अफसर सीबीआई के निशाने पर
चंदेलकालीन विश्व प्रसिद्ध खजुराहो के मंदिरों के सरंक्षण का जिम्मा जिन भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के कंजर्वेशन असिस्टेंट राजेश जौहरी के पास है। वे अब सीबीआई के निशाने पर आ गए हैं। इसकी वजह है उन पर संरक्षित और प्रतिबंधित क्षेत्र में बिल्डर को निर्माण संबंधी एनओसी देने का आरोप। इस मामले में सीबीआई ने जौहरी सहित एएसआई व नेशनल मॉन्यूमेंट अथॉरिटी के आधा दर्जन लोगों पर प्रकरण दर्ज किया गया है। सीबीआई ने इस मामले में निर्माण संबंधी एनओसी जारी किए जाने में कई लोगों के बीच सांठगांठ का पता चला है। इस मामले में कुछ दिन पहले ही सीबीआई ने अहमदाबाद, वड़ोदरा, खजुराहो, दिल्ली और कर्नाटक के गडग में छापा मारकर कुछ संदिग्ध दस्तावेज भी जप्त किए हैं। इस दौरान छापे में 26 लाख 75 हजार रुपए और 6.5 किलोग्राम चांदी की ईट भी नेशनल मान्युमेंट अथॉरिटी के तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारी के यहां से बरामद हुई है। इस मामले में सीबीआई की एक टीम ने खजुराहो में जौहरी से भी लंबी पूछताछ की है।
और चहेते अफसरों के पूर्व थानेदार निकले करोड़पति
पुलिस के आला अफसरों के चहेते रहे एक पुलिस निरीक्षक अब रिटायर्ड हो चुके हैं। नौकरी में रहते अपना जलवा दिखाते रहे यह अफसर अब आयकर विभाग के निशाने पर हैं। आयकर विभाग ने उनकी संपत्तियों का पता लगाकर अब उनके खिलाफ जांच शुरू कर दी है। यह निरीक्षक हैं भोपाल पुलिस में पदस्थ रहे पूर्व थानेदार चंद्रदेव दुबे। अब उनके बीते 20 साल के रिकॉर्ड की छानबीन कर कई बेनामी संपत्ति का पता लगाया है। इसके साथ ही आयकर विभाग ने उनकी सभी संपत्तियों की खरीद बिक्री पर रोक लगा दी है। दुबे द्वारा यह प्रापर्टी अपने बेटे, बहू और पत्नी के नाम पर खरीदी गई थीं। उनका बेटा एक मंदिर में पुजारी है उसने विभाग को वेतन के रूप में एक हजार रुपए मिलने की जानकारी दी है। खास बात यह है कि प्रॉपर्टी की खरीददारी में उनके द्वारा नकद में भुगतान करने की भी जानकारी सामने आयी है। यह प्रापर्टी 2003, 06, 07,08, 09, 19 ,20 और 2021 में भी खरीदी गई। आयकर विभाग को यह भी शिकायत मिली है कि दुबे प्रॉपर्टी के विक्रेताओं पर बयान पलटने का दबाव भी बना रहे है।
मंत्री जी को पसंद है हर जगह एकांतवास
प्रदेश के एक मंत्री इन दिनों अपने एकांतवास प्रेम की वजह से चर्चा में बने हुए हैं। इन मंत्री जो को एकांतवास इतना पसंद है कि वे भोपाल से लेकर अपने गृह क्षेत्र में भी एकांत की सुविधा के लिए सरकारी आवासों पर अघोषित रुप से कब्जा करने में पीछे नही रह रहे हैं। उनकी इस इच्छा से विभाग के अफसर भी हलकान हैं कि कब उनके आवास पर मंत्री जी की नजर पड़ जाए और उन्हें अपना बंगला खाली करना पड़े। ऐसा वे प्रभार तक के जिले में कर चुके हैं। उन्हें पता नहीं क्यों सरकारी गेस्टहाउस पसंद नहीं आते हैं। अब तो उनके इस एकंतवास के प्रेम को लेकर तरह -तरह की चर्चाएं भी होनी लगी है। विरोधी भी उनके एकांतवास का रहस्य जानने के लिए पीछे पड़ गए हैं। कहा जा रहा है कि जल्द ही इस मामले में विपक्ष को कुछ खास हाथ लगने की उम्मीद है। खबर तो यह है कि वे अब तक अपने एकांतवास के लिए तीन बंगलो को आबाद कर चुके हैं।