- प्रणव बजाज
शिवराज यानी ‘मामा’ की गूंज अन्य राज्यों में भी
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान यानी ‘मामा’ ने कई जन कल्याणकारी योजनाओं को लागू कर जनता के दिलों में जगह बनाई है। मामा ने महिलाओं, बच्चों, किसान, युवा और मजदूर सहित हर वर्ग के कल्याण के लिए योजनाएं बनाई है। इनका लाभ प्रदेश की जनता उठा रही है। यही नहीं इनमें कई योजनाएं तो यदि हैं जिन्हें अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी अपनाया है। लाड़ली लक्ष्मी योजना को तो पूरे देश में सराहा गया है। हाल ही मुख्यमंत्री ने उन बच्चों के प्रति संवेदना दिखाई जो कोरोना काल में अपने माता-पिता को खो चुके हैं। मामा ने ऐसे 179 बच्चों के खातों में आठ करोड़ से ज्यादा रुपए जमा कराए हैं। साथ ही मुख्यमंत्री कोविड-19 कल्याण योजना की शुरूआत कर इन बच्चों के सुनहरे भविष्य के आधारशिला रख दी । इन बच्चों की भविष्य में पढ़ाई और तरक्की का भी पूरा ध्यान सरकार रखिए। इस योजना को भी अन्य राज्य अपना रहे हैं।
मंत्री के चमत्कारी ज्ञान से हतप्रभ हैं डॉक्टर
हमेशा सुर्खियों में रहने वाले प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर सोशल मीडिया पर डाली अपनी एक पोस्ट को लेकर चचार्ओं में है। दरअसल उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा कि एक मरीज जिसका फेफड़ा सौ प्रतिशत संक्रमित हो गया था। उसने कोरोना के मात दे दी है और अब वह स्वस्थ है। उनका यह चमत्कारी ज्ञान डॉक्टरों के गले की हड्डी बन गया है। डॉक्टर हतप्रभ हैं कि ऐसा कैसे हो गया। क्योंकि फेफड़ा पूरी तरह से संक्रमित होने के बाद किसी भी मरीज का बच पाना असंभव है। हालांकि किसी डॉक्टर ने इसकी जानकारी देते हुए पुष्टि नहीं की है। बहरहाल अब यह चर्चा का विषय जरूर है कि जिस सरकार में प्रद्युम्न सिंह मंत्री हैं आखिर उस सरकार ने भी तो कोरोना काल में आंकड़ों को लेकर इतनी हेरा-फेरी दिखाई गई है।
कोर्ट ने वापिस की गोविंद सिंह की जमानत याचिका
प्रदेश के हटा के देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड के आरोपी पथरिया विधायक रामबाई के पति गोविंद सिंह को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने गोविंद सिंह के वकील को याचिका वापस लेने की छूट दी है। जिसके बाद वकील ने यह याचिका वापस ले ली है। इस पूरे मामले में सोमेश चौरसिया की ओर से बताया गया कि तीन मामलों में सजायाफ्ता होने के बाद उसने जमानत का दुरुपयोग करते हुए यह जघन्य अपराध किया है।
टैक्स माफी के समर्थन में विधायक नारायण त्रिपाठी
कोरोना महामारी के बीच लगाए गए लॉकडाउन और जनता कर्फ्यू के दौरान बसों का संचालन बंद रहा। ऐसे में बस ऑपरेटर चाहते हैं कि इस समयावधि का टैक्स उन्हें ना देना पड़े। उनकी इस मांग को मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी का भी समर्थन मिल गया है। दरअसल त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इस संबंध में एक पत्र लिखा है। जिसमें कहा गया है कि चूंकि कोरोना काल में अधिकतर यात्री बसें खड़ी रही है। परिवहन आयुक्त के निर्देशों के बाद भी ऑपरेटर बसों का संचालन नहीं कर सके। जिससे उन्हें इस अवधि में आर्थिक नुकसान हुआ है। भाजपा विधायक त्रिपाठी द्वारा बस संचालकों को यात्री बसों पर लगने वाले विभिन्न करों को माफ करने का आग्रह किया गया है। ज्ञात हो कि पिछले साल भी कोरोना काल में लगे लॉकडाउन अवधि का टैक्स सरकार ने माफ कर दिया था।
आईएएस जांगिड़ के तबादले का विरोध
भारतीय किसान संघ बड़वानी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आईएएस लोकेश जांगिड़ के स्थानांतरण पर पुनर्विचार करने कहा है। किसान संघ ने कहा कि जब उक्त अधिकारी द्वारा कोरोना संकट काल में संक्रमण से बचाव को लेकर जिले में अच्छा काम किया जा रहा था तो ऐसे में अचानक अपर कलेक्टर जांगिड़ को वहां से क्यों हटा दिया गया। किसान संघ ने एक घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि जब अस्पताल में एक महिला कराह रही थी तो उस महिला की जान बचाने के लिए अपर कलेक्टर लोकेश जांगिड़ ने अपना ब्लड तक दे दिया। क्या इस अच्छे काम की सजा उन्हें तबादले के रूप में मिली है। उनके स्थानांतरण पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए।