बिहाइंड द कर्टन/विधायक कुशवाह और राणा की बर्खास्ती के लिए लगाई याचिका

  • प्रणव बजाज
कुशवाह और राणा

विधायक कुशवाह और राणा की बर्खास्ती के लिए लगाई याचिका
राष्ट्रपति चुनाव से पहले तीन विधायकों द्वारा भाजपा की सदस्यता लेने के मामले में पूर्व विधायक किशोर समरीते ने राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मप्र विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के समक्ष याचिका लगाई गई है। इसमें बसपा विधायक संजीव सिंह कुशवाह और निर्दलीय विधायक विक्रम सिंह राणा को दलबदल कानून के तहत बर्खास्त करने की मांग की गई है। समरीते ने साक्ष्य के रूप में भाजपा कार्यालय में विधायकों की मौजूदगी वाली पत्रकारवार्ता की सीडी पेश की है। इसमें उनके द्वारा निर्दलीय विधायक दिलीप भटेरे की बर्खास्तगी का हवाला देते हुए कहा कि दोनों विधायक विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य हो गए हैं इसलिए इन्हें बर्खास्त किया जाए। भिंड से बसपा विधायक संजीव सिंह कुशवाह, बिजावर से सपा विधायक राजेश शुक्ला और सुसनेर से निर्दलीय विधायक विक्रम सिंह राणा 14 जून को भाजपा में शामिल हुए थे। इनमें से कुशवाह और राणा समरीते की याचिका के बाद दल-बदल कानून के दायरे में आ सकते हैं। प्रदेश में वर्ष 1990-91 में निर्दलीय विधायक दिलीप भटेरे की सदस्यता ऐसे ही मामले में खत्म की गई थी।

बोले दिग्विजय, टिकट मैंने काटे और दिए कमलनाथ ने
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर नगरीय निकाय चुनाव में टिकट काटने से नाराज चल रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मनाने के लिए विषपान करना शुरू कर दिया है।  नाराज कांग्रेसियों को मनाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मोर्चा संभाल लिया है। सिंह ने मिलकर निकाय चुनाव लड़ने  और पार्टी के लिए काम करने पर जोर देते हुए कहा, जिसका भी टिकट कटा है वह यह मान ले की मैने टिकट काटा है और जिन्हें टिकट मिले हैं, वे यह मानकर चलें कि यह टिकट कमलनाथ ने उन्हें दिए हैं। यह बात उनके द्वारा भोपाल शहर के कांगेस कार्यकतार्ओं की बैठक में कही है। यही बैठक जिला कांग्रेस कमेटी और महापौर पद की प्रत्याशी विभा पटेल की ओर से बुलाई गई थी। दरअसल पार्टी ने समन्वय बनाने की जिम्मेदारी दिग्विजय सिंह को दी है। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि सारे लोग अपनी पूरी नाराजगी मुझ पर उतारने के बाद पूरी दृढ़ता से मिलकर 6 जुलाई को होने वाले चुनाव के लिए काम करेंगे। इसके साथ ही सिंह कार्यकर्ताओं को मनाने का काम शुरू कर दिया है। वे नाराज होने वाले प्रत्येक कार्यकर्ता के घर जा रहे हैं।

नाथ की चेतावनी ,प्रशासन निष्पक्ष तरीके से कराए चुनाव
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा है की प्रशासन निष्पक्ष तरीके से निकाय व पंचायत चुनाव कराए। लोकतंत्र के इस महापर्व को चुनाव आयोग की निगरानी में सफलतापूर्वक सम्पन्न कराने की जिम्मेदारी राजनैतिक दलों, प्रशासन और जनता जनार्दन को है, परन्तु चुनावों को निष्पक्ष, स्वतंत्र और पारदर्शी तरीके से कराना प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है। नाथ ने कहा कि अनैतिकता एवं सौदेबाजी की नींव पर खड़ी भाजपा की शिव सरकार से शुचिता और नैतिकता की उम्मीद नहीं की जा सकती है और उसके द्वारा प्रशासनिक मशीनरी पर अनाधिकृत दबाव डालकर उसका दुरूपयोग किये जाने की सम्भावनाओं से इंकार भी नहीं किया जा सकता, परंतु मुझे विश्वास है कि मध्यप्रदेश की प्रशासनिक मशीनरी चुनावों को संवैधानिक मूल्यों का पालन करते हुए निष्पक्षता से सम्पन्न करायेगी। उन्होंने कहा की अगले 15 महीनों में प्रदेश में परिवर्तन होने जा रहा है और कांग्रेस की सरकार प्रदेश की जनता के बीच आ रही है। सभी ध्यान रखें कि समय बदलता है और साथ उसी का दिया जाता है, जो सच्चाई के साथ मजबूती से खड़ा रहा हो।

शिव ने कहा- हमारे प्रत्याशी आदि व अंत नहीं बल्कि अनंत हैं
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भाजपा के मेयर पद के प्रत्याशी सभी पार्षद पद के प्रत्याशियों के लिए जनता से आशीर्वाद मांगा। उन्होंने नगर निगम चुनाव में महापौर व पार्षद प्रत्याशियों के समर्थन में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा की हमारा महापौर प्रत्याशी वो हंै जिसका न आदि है न अंत है, वो अनंत है। इसके साथ ही उन्होंने कमलनाथ  पर निशाना साधते हुए का की तुमने सीएम बनते ही सम्बल योजना बन्द कर दी थी। बताओ क्यों बन्द की थी, अपने बेटे को तो आपने सांसद बना दिया, लेकिन संबल योजना बन्द कर दी। सीएम ने कहा कि कांग्रेस और कमलनाथ ने सिर्फ विकास की बातें कीं। उन्होंने कहा कि कमलनाथ द्वारा मुख्यमंत्री रहते जिस छिंदवाड़ा के विकास मॉडल का प्रचार किया जाता था अब उस पर भी उन्हें जबाब देना पड़ेगा। उन्होंने कहा की इस मॉडल के रुप में उनके द्वारा जनता का मजाक उड़ाया गया है। चौहान ने कहा की अभी पूर्व सीएम कमलनाथ को नया काम सौंपा गया है कि जाओ महाराष्ट्र की सरकार बचाओ, अब बताओ वो अपनी तो बचा नहीं पाए, महाराष्ट्र की क्या बचाएंगे ये तो वही बात हुई हम तो डूबे हैं सनम तुमको भी ले डूबेंगे।

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