बिहाइंड द कर्टन/पीसी शर्मा का अतिक्रमण प्रेम

  • प्रणव बजाज
पीसी शर्मा

पीसी शर्मा का अतिक्रमण प्रेम
राजधानी भोपाल की गिनती कभी देश के खूबसूरत शहर में होती रही है, लेकिन कुछ नेताओं की नजर शहर पर ऐसी पड़ी की पूरा शहर ही बदसूरत नजर आना शुरू हो गया है। दरअसल भाजपा व कांग्रेस के नेताओं को गुमटी, हाथ ठेला व झुग्गी प्रेम ऐसा जागा की पूरे शहर पर वे भारी पड़ गए। अब शहर में यह सभी पैबंद की मानिंद नजर आने लगे हैं। हालात यह है की बेशकीमती सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे हो गए और फुटपाथों पर दुकानें सज गई। वैसे तो नगर निगम अमला इन पर कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं करता है और कभी कभार करता भी है तो पीसी शर्मा जैसे नेता इन अतिक्रमणकारियों के समर्थन में मोर्चा खोल लेते हैं।  ताजा मामला बीते रोज का है जब उनकी शहर पर अतिक्रमण अमला हमले का शिकार हो गया। ऐसा नही है की इस तरह का प्रेम सिर्फ शर्मा को ही है, बल्कि भाजपा के एक नेता जी का भी है, जिसकी वजह से उन्हें विधायकी का चुनाव तक हारना पड़ा है। इसके बाद भी उनका यह प्रेम कायम बना हुआ है। कहीं ऐसा न हो की अगले साल शर्मा जी भी भाजपा नेता की ही तरह विधायकी के चुनाव में खेत रहें।

धमकी के बाद भी सरकार बेफिक्र
कांग्रेस नेता अरुण यादव धीरे-धीरे अब सक्रियता बढ़ा रहे हैं। अब उनके द्वारा शिवराज सरकार के खिलाफ प्रदेश के कोटे के कोयले को लेकर मोर्चा खोलने का एलान कर दिया गया है। इसके बाद भी शिव सरकार पूरी तरह से बेफिक्र नजर आ रही है। इसकी वजह है यादव द्वारा अपनी घोषणाओं पर ही पूरी तरह से अमल नहीं किया जाना। इसके पहले भी प्रदेश में ट्रेक्टर यात्रा निकालने की बड़े जोर शोर से घोषणा कर चुके हैं, जो कब शुरू हुई और कब समाप्त हो गई किसी को भी पता ही नहीं चला। दरअसल उनके द्वारा किए गए ट्वीट में कहा गया है की मैं केन्द्र सरकार से मांग करता हूं की मप्र को उसके हिस्से का कोयला दो, नहीं तो हम जनता के हितों के लिए अपने हिस्से का कोयला लेकर रहेंगे। अगर कोयला नहीं दिया गया तो वे कोयला यात्रा निकालेगें। उनके इस ट्वीट के कई तरह के राजनैतिक मायने निकाले जा रहे हैं।

विभाग व सरकार पर भारी पांच राजस्व निरीक्षक
प्रदेश में सुशासन के हाल यह हैं की कई सरकार कर्मचारी सरकारी आदेशों के पालन में विभाग के साथ ही सरकार पर पूरी तरह से भारी पड़ रहें हैं। ऐसा ही कुछ हाल है राजस्व विभाग का। इस विभाग के तहत भोपाल में पदस्थ पांच राजस्व निरीक्षक बीते पांच माह बाद भी नए पदस्थापना स्थल पर आमद देने को तैयार नही है। इसके बाद भी उनके रसूख को देखते हुए शासन व प्रशासन उनके खिलाफ कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं दिखा पा रहा है। बीते एक  माह पहले जैसे तैसे उन्हें एक तरफा रिलीव भी कर दिया गया , लेकिन मजाल है की वे अपना सर्किल छोड़ रहे हों। खास बात यह है की शहर के उन स्थालों के आरआई हैं, जो बेहद मलाईदार माने जाते हैं। ऐसा नही है की उनके मामलों की जानकारी प्रशासन के आला अफसरों को नहीं है, लेकिन फिर भी वे उन पर पता नहीं कृपा दृष्टि बनाए हुए हैं।

नेता जी से टोल मांगना पड़ गया  भारी
सत्तारुढ़ दल के एक नेता जी से टोल टैक्स मांगना टोल कर्मियों को भारी पड़ गया है। दरअसल नेता जी शाजापुर के जिलाध्यक्ष है और वे अपने दो मातहत महामंत्रियों के साथ अपनी लग्जरी कार से कहीं जा रहे थे, उनके जिले के ही एक टोल नाके पर नेता जी की कार रोककर टोल कर्मचारियों ने टोल का पैसा मांग लिया। सत्ता की हनक में मदहोश नेता जी को गुस्सा आ गया इसके बाद तो उनके द्वारा अपने समर्थकों के साथ टोल कर्मचारियों को सबक सिखाने का ठान लिया गया। इसके बाद टोल पर जो कुछ हुआ उसका वीडियो बनाकर टोल कर्मचारियों ने वायरल कर दिया। यह बात अलग है कि इस मामले में टोल कर्मचारियों पर नेता जी ने पुलिस में शिकायत कर दी है। अब नेता जी को कौन बताए की यह टोल तो उनकी ही सरकार ने लगवाए हैं, जिससे आमजन कितने परेशान हैं, वे ही जानते हैं।

Related Articles