- प्रणव बजाज

अब पट्टे की कृषि भूमि बेचने का भी मिलेगा अधिकार
किसानों को अब पट्टे की जमीन बेचने का अधिकार भी शिव सरकार देने जा रही है। इस पर आज कैबिनेट की मुहर लगना तय माना जा रहा है। इसके लिए मप्र भू राजस्व संहिता संशोधन विधेयक संबंधी प्रस्ताव पेश करने की तैयारी है। इसके बाद पट्टाधारकों को जमीन बेचने के लिए कलेक्टर की अनुमति लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह बात अलग है कि पट्टे की जमीन खरीदने वाले को बाजार दर की तुलना में 5 प्रतिशत राशि सरकार के खाते में जमा करना होगी। दरअसल पट्टे पर मिली कृषि भूमि का दस साल बाद पट्टाधारक को भूमि स्वामी का अधिकार दिए जाने का प्रावधान है, लेकिन उसे इस जमीन को बेचने का अब तक अधिकार नहीं है। साथ ही उसे भूमि के नामांतरण, लैंड यूज परिवर्तित कराने आदि में भी भारी परेशानी का सामना करना होता है। इसी तरह से अब गैर विवादित जमीन के नामांतरण के लिए भूस्वामियों को तहसीलदार के समक्ष भी उपस्थित होने से राहत दी जा रही है। उनके बयान भी वीसी के जरिए लिए जाएगें।
और मुख्यमंत्री ने तोड़ दिया आईएएस अफसर का भ्रम
अक्सर अफसर अपनी लच्छेदार बातों और आंकड़ों के जाल से सरकार को सबकुछ अच्छा चलने का अहसास कराने में पीछे नहीं रहते हैं, लेकिन इस बार उनका यह दांव उलटा पड़ गया। लंबा सरकार चलाने का अनुभव होने की वजह से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह अब अफसरशाही द्वारा कही जाने वाली बात का मकसद समझने में देर नहीं लगाते हैं, लेकिन एक आईएएस अफसर की इसमें चूक हो गई। हाल ही में सरकारी योजनाओं को लेकर एक बड़ी बैठक चल रही थी। इस बीच जब बात मुद्रा योजना की आई, तो मुख्यमंत्री का खराब स्थिति को देखकर मूड बिगड़ गया। बड़े साहब का गुस्सा भांपते देख एक साहब ने मक्खनभरी बातें करना शुरू कर दिया। इस बीच साहब यह ही कह पाए थे कि हम अच्छी प्रोग्रेस कर रहे हैं, कि सीएम ने न केवल तत्काल उनकी बात काटी, बल्कि उन्हें भरी बैठक में यह कहकर नसीहत दे डाली की-कुछ नहीं हो रहा है, ऐसे काम नहीं चलेगा। मुझे अच्छे परिणाम चाहिए। इतना सुनते ही साहब का वह भ्रम टूट गया कि उनकी गिनती अच्छे अफसरों में होती है। इसके बाद तो साहब का चेहरा देखने लायक हो गया। उन्हें फिर तो जी…सर…यस सर ही कहना पड़ा।
मंत्रियों का समर्थन दिला सकता है तीन रुपए प्रति यूनिट की राहत
प्रदेश के उद्योगपतियों को जल्द ही बिजली बिलों में बड़ी राहत मिल सकती है। इसकी वजह है उनके समर्थन में सरकार के मंत्रियों का आना। दरअसल बीते रोज निवेश संवर्धन संबंधी कैबिनेट की समिति की बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में मंत्रियों ने एक स्वर में मुख्यमंत्री के सामने उद्योगों को सस्ती बिजली देने की मांग उठाई , बल्कि इस पर खूब जोर भी दिया। इसके साथ ही मंत्रियों का कहना था कि ऐसी नीति तैयार की जाए जिसका फायदा व्यक्तिगत या क्षेत्र विशेष के उद्योगों को बजाए सभी को मिले। दरअसल अभी प्रदेश में उद्योगों को आठ रुपए प्रति यूनिट की दर पर बिजली दी जाती है। यही वजह है कि अब मंत्रियों द्वारा उद्योगों को 5 रुपए प्रति यूनिट बिजली देने की मांग की गई। इस मामले में मंत्री समूह के सदस्यों का तर्क है कि यदि बिजली सहित अन्य सुविधाएं उद्योगों को मिलेंगी तो नए उद्योग अधिक प्रदेश में आएंगे।
जब दिग्विजय ने गृहमंत्री नरोत्तम को दी चेतावनी
कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की उम्र भले ही अन्य कांग्रेस नेताओं की तुलना में अधिक हो , लेकिन सक्रियता के मामले में वे प्रदेश के सभी बड़े कांग्रेस नेताओं पर कई गुना भारी पड़ते हैं। वे इन दिनों जनजागरण पदयात्राओं में खुद भागीदारी कर रहे हैं। बीते रोज वे दतिया जिले के ग्राम उपरांय में जनजागरण पदयात्रा का शुभारंभ करने पहुंचे इस दौरान उनके द्वारा किए गए जनसंवाद में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा पर जमकर हमला बोला गया। इस दौरान सिंह ने कहा कि वह जिस प्रकार की राजनीति कर रहे हैं, उस पर जनता और ईश्वर इन्हें कभी माफ नहीं करेगा। उनका कहना था कि उनके कार्यकाल में किसी भाजपाई पर झूठा केस दर्ज नहीं हुआ, लेकिन डॉ. मिश्रा के कार्यकाल में कांग्रेस नेताओं पर लगातार झूठे प्रकरण दर्ज हो रहे हैं। सिंह यहीं नहीं रुके बल्कि उन्होंने चेतावनी दी की जिस दिन हम सभी एक साथ आ गए तो उस दिन तुम्हारी जेल में जगह कम पड़ जाएगी।