- प्रणव बजाज

अब निजी वाहनों की तर्ज पर चल सकेंगी ट्रेंने
कुछ दिनों बाद अगर आप रेल में यात्रा कर रहे हों और पता चले की वह निजी है तो चौंके नहीं, इसकी वजह है अब रेल मंत्रालय करीब डेढ़ सैकड़ा ट्रेनों को निजी हाथों में देने जा रहा है। इन ट्रेनों का संचालन भारत गौरव ट्रेनों के नाम से किया जाएगा। यह घोषणा खुद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की है। उनका कहना है कि इन ट्रेनों से देश विदेश के लोगों को देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत व भव्य ऐतिहासिक स्थल दिखाने का विजन साकार करने में सहायता मिलेगी। इसके अलावा इसके पीछे पर्यटन क्षेत्र के पेशेवरों की मुख्य क्षमता टूरिस्ट सर्किट्स के विकास, पहचान और भारत की व्यापक पर्यटन संभावनाओं के दोहन करने का उद्देश्य भी है। उनका कहना है कि यह ट्रेनें निजी स्तर पर सिख संस्कृति के अहम स्थलों को कवर करने के लिए गुरु कृपा ट्रेन भगवान श्रीराम से जुड़े स्थानों के लिए रामायण ट्रेन आदि नाम से चलाने के लिए भी स्वतंत्रता दी जाएगी। ट्रेन के भीतर और बाहर दोनों जगह ब्रांडिंग और विज्ञापन के लिए अनुमति दी जाएगी। इस ट्रेन में 2 एसएलआर (गार्ड वैन) सहित 14 से 20 कोच शामिल होंगे।
शिव सरकार किन्नरों को मुख्यधारा में लाएगी
मप्र सरकार अब प्रदेश में किन्नरों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की तैयारी तेजी से कर रही है। इसके लिए नियमों को बनाया जा रहा है। इसके तहत प्रारंभिक नियमों को बनाया जा चुका है, जिन्हें सामान्य प्रशासन विभाग ने स्वीकृति दे दी है। इनका प्रकाशन करने के साथ ही दावे-आपत्तियां मंगाकर उनको अंतिम रूप दिया जाएगा। यह कवायद ऐसे समय की जा रही है जब किन्नरों द्वारा उत्तर प्रदेश की तर्ज पर मध्यप्रदेश में राज्य किन्नर बोर्ड जल्द गठित करने की मांग की जा रही है। दरअसल मप्र में यह कवायद केन्द्र सरकार द्वारा लागू किए गए उभय लिंगी व्यक्तियों (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम 2019 लागू करने के तहत की जा रही है। इसके तहत अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन संस्थान ने किन्नर नीति और नियमों को विधि विभाग द्वारा किए गए परीक्षण के बाद जीएडी को सौंपा है। माना जा रहा है कि इन नियमों को अंतिम रूप से प्रकाशन होने में एक माह का समय लग सकता है।
पुलिस कमिश्नर प्रणाली पर नाथ का मिला साथ
राजनीति में वैसे तो विरोधी दल हमेशा सरकार के हर निर्णय में नुक्ताचीनी करते रहते हैं , लेकिन ऐसे कम ही मौके आते हैं, जब विरोधी दल के नेता भी सरकार के किसी फैसले में साथ खड़े दिखाई देते हैं। मप्र में कमलनाथ ऐसे नेता बनकर उभरे हैं, जो सरकार के हर अच्छे फैसले में साथ खड़े नजर आते हैं। इसका उदाहरण हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने की घोषणा है। वे इस मामले में सरकार के साथ खड़े हुए हैं। उनका कहना है कि वे भी इस सिस्टम को लागे करने का मन बना चुके थे। वे जब तक इसे लागू करते सरकार चली गई। उनका कहना है कि इससे हमारी व्यवस्था सुधरती है, यह करना चाहिए। देश के सभी बड़े महानगरों में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू है।
अस्पताल पहुंचकर प्रभुराम ने सभी को चौंकाया
सूबे के स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी लंबे समय बाद मैदानी स्तर पर सक्रिय नजर आए हैं। हमीदिया अस्पताल का हादसा हो या अन्य कोई भी उनके विभाग का मामला वे सक्रियता दिखाने में रुचि ही नहीं लेते हैं, जबकि उनका विभाग आम आदमी के जीवन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। कोरोना जैसी महामारी में भी वे कहीं भी मैदानी स्तर पर सक्रिय नजर नहीं आए। वे बीते रोज जब हमीदिया अस्पताल पहुंचे तो सभी चौंक गए। दरअसल वे लंबे समय बाद किसी सरकारी अस्पताल आए थे। इसकी भी वजह रही उनके गृह जिले रायसेन के लोगों द्वारा बच्चा बदलने के मामले में शिकायत की जाना। इस मामले में हमीदिया अस्पताल प्रबंधन की लेट लतीफी से पीड़ित परिवार परेशान है। इस मामले में अब मंत्री चौधरी ने गांधी मेडिकल कॉलेज के मुखिया डॉ. अरविंद राय और अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर डीडीके मरावी को दोनों बच्चों का पोस्टमार्टम कराने और डीएनए सैंपल की जांच करने मौत की वजह और उसके असली मां बाप का पता लागने को कहा है। मंत्री ने इस मामले को जल्द से जल्द निपटाने के आदेश भी दिए हैं।