बिहाइंड द कर्टन/ अब बिजली समस्या को लेकर मुखर हुए नारायण त्रिपाठी

  • प्रणव बजाज
 नारायण त्रिपाठी

अब बिजली समस्या को लेकर मुखर हुए नारायण त्रिपाठी
मै हर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी वैसे तो कई बार जनहित में सरकार की व्यवस्थाओं के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं। वहीं अब वे प्रदेश भर में बिजली समस्या को लेकर मुखर हुए है। विधायक त्रिपाठी ने कहा है कि बिजली की समस्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है और बिजली विभाग के अधिकारी झूठ जानकारी दे रहे हैं। इस मुद्दे पर भाजपा को बड़ा नुकसान होगा। समूचे विंध्य में बिजली कटौती को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। किसान, व्यापारी व आम आदमी तक को बिजली नहीं मिल रही है। मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री को इस मामले को स्वयं देखना चाहिए। बिजली विभाग पर कढ़ाई जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस मामले में वे मुख्यमंत्री और मंत्री से भी बात करेंगे। यदि समस्या फिर भी हल नहीं हुई तो चार सितंबर से विंध्य क्षेत्र में बिजली कटौती को लेकर बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

मंत्रालय के गलियारों में तबादलों की चर्चा
मंत्रालय के गलियारों में इन दिनों बड़े स्तर की प्रशासनिक सर्जरी की चर्चाएं आम है। दरअसल इसकी वजह यह भी है कि कई वरिष्ठ आईएएस अफसर ऐसे हैं जिन्हें कलेक्टर बनने जल्दबाजी है। ऐसे में वे अपने राजनीतिक और आला अफसरों से संबंधों का भी उपयोग कर रहे हैं। यही नहीं कुछ इधर-उधर हाथ पैर मार रहे हैं। हालांकि जिन्हें पता है कि सिस्टम में वे फिट नहीं हो पा रहे हैं ऐसे आईएएस यह बात कह कर अपने मन को संतुष्ट कर रहे हैं कि मुख्यमंत्री का फिलहाल तबादलों पर ज्यादा जोर नहीं है। अब देख लीजिए न, सागर कलेक्टर के हटने की चर्चाएं चलती रहीं पर वे नहीं हटे। सीहोर कलेक्टर को हटाने में भी महीनों लगे। बहरहाल कुछ जिलों के कलेक्टर हटाए जाने की बात कई महीनों से चल रही है। यही नहीं मंत्रालय में तबादलों को लेकर भी लंबे समय से कयास लगाए जा रहे हैं। कहा तो यह भी जा रहा है कि कई कलेक्टर ऐसे हैं जो रिश्तेदारी, समाज और राजनीतिक पहुंच को हथियार बनाकर जमे हुए हैं।

सियासी राखी के निकाले जा रहे मायने
पिछले दिनों बुंदेलखंड क्षेत्र के पथरिया से विधायक रामबाई प्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा के घर राखी बांधने पहुंची। सोशल मीडिया पर राखी बांधने की तस्वीरें भी वायरल हुई। वहीं अब सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा है और इसके मायने भी निकाले जा रहे हैं कि आखिर विधायक रामबाई को गृहमंत्री के सपोर्ट की ऐसी क्या जरूरत आन पड़ी कि उन्हें राखी के धागों का सहारा लेना पड़ा। हालांकि सियासत में त्यौहार के मायने भी लोग अपनी सुविधा से बदल लेते हैं। पिछली कांग्रेस सरकार में टेका देने बहाने विधायक रामबाई ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं। तब उनका इतना रसूख था कि हत्या के मामले में फंसे अपने पति के लिए वे ढाल बनकर खड़ी रही। जब सरकार बदली तो रामबाई ने भी पैंतरा बदल लिया लेकिन यहां रसूख के जलवे वैसे नहीं रहे। उनके रसूख का जलाल चंद दिनों तक ही रहा क्योंकि सरकार मजबूत होने से उनके समर्थन की जरूरत ही नहीं पड़ी।

अपने घर में ही घिरे लक्ष्मण सिंह
अपने बयानों से लगातार सुर्खियों में रहने वाले दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह अब सिंधिया को लेकर दिए गए बयान पर अपने ही घर में घिर गए है। दरअसल उनके भतीजे रुद्रदेव सिंह ने उनके बयान पर सवाल उठाया है। रुद्रदेव ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर के नेता के बारे में आपकी ऐसी टिप्पणी बताती है कि आपको कितना घमंड हो गया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे राष्ट्रीय स्तर के नेता के बारे में उनकी अभद्र भाषा बताती है कि उन्हें कितना घमंड और अहंकार है अपने ऊपर। रुद्र ने कहा कि लक्ष्मण सिंह को महाराज साहब या भाजपा की चिंता करने की बजाय खुद की सीट की चिंता करना चाहिए। आने वाले विधानसभा चुनाव में वे निश्चित रूप से अपनी सीट नहीं बचा पाएंगे। बता दें कि लक्ष्मण सिंह ने कहा था कि  सिंधिया कोई तोप नहीं है। हमें तो भाजपा को हराना है। उनको हराने के लिए तो कांग्रेस का छोटा-मोटा कार्यकर्ता ही बहुत है।

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