बिहाइंड द कर्टन/महेन्द्र बोले- ढह जाएगा कांग्रेस का राघौगढ़ गढ़

महेंद्र सिंह सिसौदिया

– प्रणव बजाज/

महेन्द्र बोले- ढह जाएगा कांग्रेस का राघौगढ़ गढ़
श्री मंत के बेहद खास सिपहसलार और शिव सरकार में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया के निशाने पर पूरी तरह से राघौगढ़ किला बना हुआ है। मौका मिलते ही वे न केवल इस गढ़ में घुसकर अपनी ताकत दिखा देते हैं, बल्कि खुली चुनौती देने में भी पीछे नहीं रहते हैं। केसरिया बाना धारण करने के बाद से सिसौदिया का पूरा फोकस राघौगढ़ किले को ढहाने की रणनीति पर है। यही वजह है कि बीते रोज वे न केवल श्रीमंत को राजा की इस पूर्व रियासत में महाराजा को लेकर आए , बल्कि किले के बेहद अहम सेनापति को भी तोड़ लाए। श्रीमंत की मौजदूगी में सिसौदया ने दावा किया है कि अगले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का यह अंतिम गढ़ भी ढहा दिया जाएगा। खास बात यह है कि इस दौरान श्रीमंत ने भी सिसौदिया के सुर में सुर मिलाते हुए घोषणा कर दी के वे अब तक यहां (राघौगढ़) आने में संकोच करते थे, लेकिन अब मैं बार-बार आऊंगा। 

इज्तिमा के आयोजन पर ट्वीट वार शुरू
भाजपा व कांग्रेस नेताओं में अब भोपाल में होने वाले इज्तिमा को लेकर ट्वीट वार शुरू हो गया है। इसकी शुरुआत भाजपा प्रवक्ता डॉ. हितेश वाजपेयी के द्वारा किए गए एक ट्वीट से हुई। दरअसल उनके द्वारा इज्तिमा के आयोजन को स्थगित करने की मांग करते हुए एक ट्वीट किया गया। यह ट्वीट उनके द्वारा स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मो. सुलेमान को किया गया, जिसमें उनके द्वारा इज्तिमा में आने वाली विदेशी जमातों से ओमिक्रोन के आगमन की आशंका को आधार बनाते हुए कहा गया है कि इसके आयोजन को स्थगित करवाने का विचार करें। उनके इस ट्वीट का भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने भी समर्थन करते हुए रीट्वीट करते हुए लिखा है कि संभावित खतरे को देखते हुए डॉक्टर साहब आपकी चिन्ता सही है। इस पर पलटवार करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने डॉ. वाजपेयी से पूछा है कि किसी भी आयोजन को अनुमति देने का काम सरकार और प्रशासन का होता है न कि स्वास्थ्य विभाग के पीएस का। वैसे भी प्रदेश में आप की सरकार है, फिर सुलेमान जी से अनुरोध क्यों? क्या धर्म के आधार पर उनसे मांग कर रहे हैं? उस हिसाब से तो आपको यह मांग शाहनवाज हुसैन व नकवी जी से करनी चाहिए।

आला अफसरों में फैली दहशत
सूबे के महाकौशल अंचल में पदस्थ एक आला आइएएस अफसर को कोरोना हो गया है। उनकी यह रिपोर्ट ऐसे समय आयी है जब उनके द्वारा बीते कुछ दिनों में लगातार मातहत आला अफसरों की बैठकें ली गई हैं। जैसे ही सरकारी महकमे में उनके कोरोना पीड़ित पाए जाने की खबर फैली, उन अफसरों में दहशत का माहौल बन गया है। अब इन सभी अफसरों का आनन-फानन कोरोना टेस्ट कराया जा रहा है। हालात यह बन चुके हैं कि कोई भी अफसर एक दूसरे से मिलने से तो घबरा ही रहे हैं, साथ ही उनके मातहत कर्मचारी भी दूरी बनाने में जुट गए हैं। कोरोना पीड़ित पाए गए अफसर का रुतबा ऐसा है कि कोई भी कुछ भी कहने से बच रहा है। उनकी रिपोर्ट को भी स्वास्थ्य महकमा दबाने में लगा रहा, लेकिन मामला गंभीर था सो बात बाहर तक आ ही गई है। फिलहाल उन्हें घर में ही क्वारंटाइन कर इलाज किया जा रहा है। 

सीएम की बैठक पर पुलिस महकमे की नजर
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार का दिन पूरी तरह से रिजर्व रखा है। वे इस दौरान प्रदेश में होने जा रहे पंचायत चुनावों को लेकर पार्टी नेताओं से चर्चा करने के साथ ही पुलिस कमिश्नर प्रणाली पर आला अफसरों के साथ बैठक करने वाले हैं। इसकी भनक लगते ही पूरे पुलिस महकमे की नजर इस बैठक पर लग गई है। माना जा रहा है कि आज रविवार को मुख्यमंत्री द्वारा इस प्रणाली के लिए तैयार किए गए प्रारुप पर चर्चा के बाद मुहर लगने की उम्मीद जताई जा रही है। दरअसल राजधानी भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने की प्रक्रिया की जा रही है। अब इसके एक जनवरी से लागू होने की संभावना जताई जा रही है। सूत्रों की माने तो पुलिस कमिश्नर प्रणाली के ड्राफ्ट को अंतिम रूप देने के लिए मुख्यमंत्री के साथ होने वाली बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के अलावा एसीएस होम डॉक्टर राजेश राजौरा, डीजी विवेक जौहरी और एडीजी चयन एवं भर्ती संजीव शमी शामिल होंगे। 

Related Articles