- प्रणव बजाज
दिग्विजय ने अब फिर गोडसे को लेकर संघ पर साधा निशाना
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह के निशाने पर एक बार फिर से संघ है। उन्होंने इस बार फिर से गोडसे को लेकर संघ पर निशाना साधा है। यह निशाना उनके द्वारा ऐसे समय साधा गया है जब, देश में गोडसे के समर्थन में बयानबाजी का दौर चल रहा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि पहले महात्मा गांधी की हत्या की गई और अब उनके विचारों की हत्या करने में संघ लगा हुआ है। उन्होंने लिखा है कि संघ प्रमुख मोहन भागवत जी आपका गोडसेवादियों के खिलाफ एक भी बयान नहीं आया है। दरअसल इसके पहले भी सिंह गोडसे के समर्थन में आ रहे बयानों को लेकर ट्वीट कर अपना विरोध जता चुके हैं।
पीएम की सुरक्षा में चूक, सोनिया से मांगा स्पष्टीकरण
बीते रोज पंजाब दौरे के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में अब गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सोनिया गांधी से स्पष्टीकरण देने की मांग की है। उनका कहना है कि उन्हें बताना चाहिए की यह शरारत है या फिर साजिश। उनका कहना है कि देश के इतिहास में इस तरह से कभी नहीं हुआ है। यह संघीय व्यवस्था पर प्रहार है। अगर उनके नेता किसी भाजपा शासित प्रदेश में जाएं और उनके साथ इस तरह का व्यवहार हो तो उन्हें कैसा लगेगा। इस पर विचार करना चाहिए। उनका कहना है कि इस दौरे के मामले में पंजाब के डीजीपी से स्पष्ठ रुप से बात की गई थी, जिसके बाद ही रास्ता तय किया गया था। इसके लिए विधिवत अनुमति भी ली गई थी। इसके बाद भी इस तरह की घटना होना अक्षम्य है।
दो पूर्व संगठन मंत्रियों को करना पड़ रहा इंतजार
प्रदेश की शिव सरकार ने हाल ही में 25 नेताओं को विभिन्न निगम मंडलो की कमान देकर उन्हें मंत्री पद का दर्जा दे दिया। खास बात यह है कि इनमें उन चार पूर्व संभागीय संगठन मंत्रियों को भी शामिल किया गया है , जिन्हें पार्टी ने हाल ही में हटा दिया था। इनमें जयपाल सिंह चावड़ा , शैल्ोन्द्र बरुआ,आशुतोष तिवारी और जितेन्द्र लिटौरिया को तो निगम मंडलों व प्राधिकरण की कमान सौंप दी गई है , लेकिन दो पूर्व संगठन मंत्री रहे श्याम महाजन और केशव भदौरिया को छोड़ दिया गया है। इन दोनों ही नामों को छोड़ने के कारणों का अब तक पता नहीं चल सका है। इन दोनों ही पूर्व प्रचारकों का पुनर्वास नहीं किए जाने की वजह से कई तरह के कायासों का दौर चल निकला है। हालांकि कहा जा रहा है कि इनका नंबर भी अगली सूची में आ सकता है। फिलहाल तो यह सरकार व संगठन को ही पता है कि आखिर उन्हें पहली सूची में जगह क्यों नहीं दी गई है।
क्या एडीजी वर्मा दे पाएंगे ज्वाइनिंग
बीते सप्ताह सरकार द्वारा जारी की गई आईपीएस अफसरों की पदस्थापना सूची में गृह सचिव श्रीनिवास वर्मा को ग्वालियर आईजी रेंज में पदस्थ करने के आदेश जारी किए गए थे। वे वहां ज्वाइन कर पाते इसके पहले ही एक केंद्रीय मंत्री उनके विरोध में आ गए। इसकी वजह से उन्हें ऐन वक्त पर ज्वाइन करने से रोक दिया गया। वे चूंकि पहले वाले पद से कार्यमुक्त हो चुके थे , लिहाजा उन्हें मौखिक आदेश में आनन फानन पुलिस मुख्यालय में आमद दिलवाई गई। इससे नाराज वर्मा छुट्टी पर चले गए। इसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार उनकी पदस्थापना बदलेगी या फिर वर्मा को ही ग्वालियर की कमान सौंपेगी। फिलहाल तो ग्वालियर आईजी का पद बीते एक सप्ताह से रिक्त ही पड़ा है। इसकी वजह है आईजी अविनाश शर्मा का 31 दिंसबर को सेवा निवृत्त हो जाना। फिलहाल ग्वालियर आईजी के पद को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।