बिहाइंड द कर्टन/प्रदेश में 16 माह बाद बनेगी कांग्रेस की सरकार: नाथ

  • प्रणव बजाज
 कमलनाथ

प्रदेश में 16 माह बाद बनेगी कांग्रेस की सरकार: नाथ
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ  ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान अब तक 20 हजार से अधिक झूठी घोषणाएं कर चुके हैं। वे जहां जाते हैं झूठी घोषणाओं के सिवाय कुछ नहीं करते हैं।  मेरी सरकार 15 महीने रही और उससे पहले 15 साल भाजपा की सरकार रही। मैं शिवराज सिंह चौहान को चुनौती देता हूं कि वे यहां आकर अपने पूरे कार्यकाल का हिसाब बताएं कि उन्होंने सिंगरौली के लिए इतनी झूठी घोषणाएं क्यों की? कमलनाथ ने कहा कि सिंगापुर की घोषणा करने की जगह शिवराज सिंह चौहान को मुंबई चला जाना चाहिए और एक्टिंग करनी चाहिए। वहां जाकर वे एक्टिंग में प्रदेश का नाम रोशन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह चुनाव देश व प्रदेश के भविष्य का फैसला नहीं करेगा, बल्कि आपके शहर के भविष्य का फैसला करेगा। उन्होंने कहा कि जनता निर्भय होकर वोट डाले, 16 महीने बाद प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने वाली है। कमलनाथ ने कहा कि शिवराज जी कहते हैं कि मैं किसान का बेटा हूं। मैं उनसे पूछना चाहता हूं तो फिर प्रदेश क्यों किसान आत्महत्या में नंबर वन है, बेरोजगारी में नंबर वन है, महिला अत्याचार में नंबर वन है, आदिवासी और दलित अत्याचार में नंबर वन है।

साहब को देखते ही बंध जाती है घिग्घी
सूबे के बड़े से बड़े अफसर एक साथी अफसर की वजह से सार्वजनिक सरकारी कार्यक्रमों में खौफजदा रहते हैं। यह वे साहब हैं जिन्हें भाषण देने का बहुत शौक है। वे अगर माइक पकड़ लें तो उन्हें बिठाना मुश्किल हो जाता है। ऐसा ही एक बाकया कुछ दिनों पहले हुआ जब एक सरकारी कार्यक्रम में साहब को एक अफसर ने धोखे से मंच पर माइक पकड़ा दिया। फिर क्या था साहब ऐसे शुरू हुए की बोलना बंद करने को तैयार ही नहीं हो रहे थे। जैसे-तैसे कई अफसरों ने उन्हें शांत कराया , लेकिन तब तक यह उत्साही लाल ने आधी वह घोषणाएं भी बता डाली जो सरकार को करनी थी। इस दौरान सरकार भी असहज होते रहे। बची कुची घोषणाएं सरकार ने कर कार्यक्रम की इति श्री की , लेकिन बाद में वहां पर मौजूद अफसरों को सरकार ने अपने सतरंगी गुस्से से ऐसा समझाया की अब कोई भी अफसर साथी साहब को माइक देने की हिमाकत तक नहीं करता है। यह बात अलग है कि साहब भी बड़े ओहदेदार हैं , सो छोटे अफसर उनके किसी कार्यक्रम में आते ही बैचेन हो उठते हैं। अगर धोखे से साहब माइक की तरफ भी कदम बढ़ते हैं, तो वहां मौजूद अफसरों की घिग्घी तक बंध जाती है।  

सैयां भये कोतवाल तो डर काहे का
बड़ी प्रसिद्ध व पुरानी कहावत है सैयां भये कोतवाल तो डर काहे का । यह कहावत भाजपा कर शिव सरकार पर पूरी तरह से फिट बैठती है। दरअसल मामला भोपाल मे प्रदेश भाजपा के नए ठिकाने का है। पुराना पार्टी दफ्तर तोड़कर नया बनाया जाना है , सो नए अस्थाई ठिकाने की तलाश की गई इस बीच भाजपा नेताओं की नजर कार्यालय के सामने लगने वाले आरटीओ दफ्तर पर लग गई। फिर क्या था परिवहन विभाग ने आनन- फानन में पूरा दफ्तर कोकता में शिफ्ट कर लिया और इस भवन को भाजपा को किराए पर थमाने की तैयारी कर डाली। आठ हजार वर्ग मीटर की इस प्राइम लोकेशन वाली जगह को महज 68 हजार रुपए मासिक किराए पर दे दिया गया। अगर इस जमीन को किराए पर ही देना था , सो टेंडर निकाल दिया जाता तो उसका किराया लाखों रुपए में आता। यही नहीं यह वो संपत्ति है जिसे कुर्क किया गया है , जिसे नियमानुसार किराए पर दिया ही नहीं जा सकता है। यही नहीं कोर्ट के स्पष्ट आदेश हैं कि इस जमीन को बेंचकर सड़क परिवहन कर्मचरियों को बकाया भुगतान किया जाए , लेकिन मामला सुत्तारुढ़ दल का है सो कोई पचड़े में पड़ने  को तैयार नही है।

और हवा हुए निर्देश
मध्यप्रदेश की अफसरशाही करती ही वही है जो उसे अच्छा लगता है। फिर चाहे कोई कुछ भी कर ले। इसमें पुलिस के आला अफसर भी शामिल हैं। एक तरफ पुलिस महकमा सिपाही से लेकर एएसआई तक की कमी से जूझ रहा है , लेकिन साहब लोगों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। उन्हें तो अपनी सुख सुविधाओं की चिंता रहती है। इस चिंता में वे मामा जी के निर्देशों को भी हवा में उड़ाने से नहीं चूकते हैं। अब ताजा मामला है महकमे में अफसरों के घरों पर बेगारी करने वाले पुलिसकर्मियों का। इसकी जानकारी मामाजी यानि की मुख्यमंत्री को लगी तो पुलिस के आला अफसरों को तलब कर पूर्व हो चुके अफसरों के घरों से बेगारी करने वाले जवानों को वापस बुलाने का फरमान सुना डाला। इस दौरान शिव का स्वरुप तांडवी देखकर तब तो यह अफसर हां जी-हां जी करते रहे , लेकिन बाहर निकलते ही सारी समझाइश भूल गए। दरअसल यह वे अफसर हैं जिन्हें लगता है कि उनके द्वारा नियमानुसार चला गया तो उनको भी पूर्व होते पैसे देकर बेगारी करने वाले रखने पड़ेंगे। अब मामा को कौन बताए की आपके सुशासन को यह अफसर ही पलीता लगाने में लगे रहते हैं।

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