बिहाइंड द कर्टन/प्रदेश में कई जिले आयुष्मान कार्ड बनाने के लक्ष्य से दूर हैं

प्रणव बजाज

आयुष्मान कार्ड

प्रदेश में कई जिले आयुष्मान कार्ड  बनाने के लक्ष्य से दूर हैं
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना संक्रमित होने पर आयुष्मान कार्ड धारियों को नि:शुल्क इलाज की सुविधा दी है। साथ ही अफसरों को शत प्रतिशत आयुष्मान कार्ड बनाने का आदेश दिया है। हालांकि आयुष्मान कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। प्रशासन के रिकॉर्ड के अनुसार पूरे मध्यप्रदेश में  पौने पांच करोड़ लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाने का टारगेट दिया गया है। जिसमें से अभी तक मात्र 51 प्रतिशत ही टारगेट पूरा हो पाया है। इंदौर जिले के अफसरों ने सक्रियता दिखाते हुए पूरे प्रदेश में अव्वल आते हुए 77 प्रतिशत कार्ड बनाए हैं। दूसरे नंबर पर गुना तथा तीसरे नंबर पर जबलपुर जिला है। वहीं भोपाल में अब भी चार लाख 67 हजार से अधिक कार्ड बनना बाकी है। इसी तरह पूरे प्रदेश में अभी भी दो करोड़ 28 लाख 35 हजार से अधिक कार्ड बनना बाकी है। यानी लक्ष्य पूरा करने के लिए किसी जिले में दो लाख तो किसी जिले में ढाई लाख आयुष्मान कार्ड बनना शेष है।

क्या होगा राहुल का भविष्य, लगाए जा रहे कयास
पहली बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते और बाद में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए राहुल लोधी की दमोह में हुई करारी हार के बाद उनके राजनीतिक भविष्य के बारे में भी कयास लगाए जाने लगे हैं। दरअसल जब प्रदेश की 28 सीटों पर उपचुनाव हो रहे थे तब राहुल लोधी उपचुनाव प्रचार अभियान के दौरान कांग्रेस को ही अपनी मां कहकर कांग्रेस में ही जीने-मरने की कसम खा रहे थे। फिर अचानक कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा ने उपचुनाव में टिकट दिया तो उन्हें करारी शिकस्त मिली। यह शायद इसलिए कि जब राहुल खुद जिस पार्टी को मां कहते थे उसे छोड़कर भाजपा में आ गए और अब कह रहे हैं कि मलैया ने भाजपा को मां कहा था उससे ही गद्दारी कर डाली। यही नहीं अपनी हार का ठीकरा मलैया पर फोड़ते है उन पर संगठन से सख्त एक्शन के लिए शिकायत भी कर डाली। फिलहाल ऐसे में अब राहुल का राजनीतिक भविष्य क्या होगा सियासी गलियारों में  इसकी चर्चाएं शुरू जरूर हो गई हैं।

पुलिसकर्मियों में संक्रमण से डीजीपी चिंतित, वैक्सीनेशन की दी हिदायत
प्रदेश में न कोरोना संक्रमण के बीच 24 घंटे ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियों में बढ़ते संक्रमण ने पुलिस मुख्यालय को चिंता में डाल दिया है। डीजीपी विवेक जौहरी ने पुलिसकर्मियों के वैक्सीन ना लेने पर नाराजगी जताई है साथ ही यूनिट हेड की लापरवाही पर हिदायत जारी की है। दरअसल वैक्सीन का दूसरा डोज 32 फीसदी पुलिसकर्मियों ने अब तक नहीं लिया है। बीएचयू ने सभी इकाई प्रमुखों को कर्मियों का टीकाकरण शत प्रतिशत कराने का निर्देश दिया है। पुलिस कर्मियों के लिए फरवरी 2021 में वैक्सीन लगाना शुरू हुआ था। तीन महीने बीतने के बाद भी अब तक पहला डोज 85 फीसदी से कम और दूसरा डोज इनमें से सिर्फ 67 फीसदी पुलिसकर्मियों ने ही लगवाया है। वहीं प्रदेश में करीब डेढ़ हजार से अधिक पुलिसकर्मी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। अकेले भोपाल में ही 350 से अधिक पुलिसकर्मी और अधिकारी अब तक कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। हालात यह है कि इसी सप्ताह  भोपाल में शुरू की गई पुलिस कोविड केयर सेंटर में ऑक्सीजन सपोर्ट के 16 में से 12 वर्ड भर चुके हैं।

बुनकरों की समस्या को लेकर आधा दर्जन विधायक आगे आए
प्र देश के आधा दर्जन विधायकों ने  बुनकरों का रोजगार छिनने का मुद्दा उठाया है। खरगोन के विधायक रवि जोशी, निवास के डॉ अशोक मर्सकोले, अमरवाड़ा के कमलेश प्रताप शाह, सतना के सिद्धार्थ कुशवाहा, सिवनी जिले के योगेंद्र सिंह बाबा और विधायक कुणाल चौधरी ने राजस्व मंत्री को पत्र लिखते हुए कहा है कि कोटवारों के खाते में वर्दी एवं सामग्री की राशि सीधे कोटवारों के खाते में डाले जाने से प्रदेश के करीब एक लाख बुनकर बेरोजगार होकर आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हैं। वहीं बुनकर सहकारी समितियों ने भी  बुनकरों का रोजगार छिनने पर मोर्चा खोल दिया है। दरअसल कोटवारों को वर्दी और अन्य सामग्री उपलब्ध कराने को लेकर वरिष्ठ आईएएस अफसर उलझ गए हैं। हाल ही में प्रमुख सचिव ग्रामोद्योग के लिखे पत्र को नजरअंदाज करते हुए राजस्व विभाग ने कोटवारों के खातों में ही राशि डालने का निर्णय कायम रखा है और कलेक्टरों को भी इसका पत्र भेज दिया है।

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