बिहाइंड द कर्टन/सांसद तन्खा ने की रेमडेसिविर स्कैम की सीबीआई जांच की मांग

  • प्रणव बजाज
विवेक तन्खा

सांसद तन्खा ने की रेमडेसिविर स्कैम की सीबीआई जांच की मांग
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखते हुए रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर कहा कि यह एक मल्टी स्कैम है और इसकी सीबीआई जांच होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के हजारों मरीज इस नकली इंजेक्शन के शिकार हुए होंगे। बहुत की मृत्यु भी हो गई होगी आपकी पार्टी से संबंधित लोग भी आरोप के घेरे में है। स्वास्थ्य विभाग को यह पूरा मामला सार्वजनिक करना चाहिए। तन्खा ने कहा कि प्रदेश के इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर एवं रीवा सहित अन्य जिलों में शासन स्तर पर सौ, दो सौ और पांच सौ इंजेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं, लेकिन निजी अस्पतालों में यह हजारों की संख्या में कैसे पहुंच गए और यह इंजेक्शन मरीजों को लगाए गए हैं। जिनके नकली होने की संभावना है।

दिसम्बर 22 तक तैयार होगा देश का सबसे बड़ा ग्लोबल स्किल पार्क
प्रदेश की राजधानी भोपाल में देश का सबसे बड़ा ग्लोबल स्किल पार्क बनाया जा रहा है। इसे दिसंबर 2022 तक तैयार करने का लक्ष्य है और जनवरी 2023 से यहां क्लासेस प्रारंभ हो जाएंगी। यहां छह हजार छात्र पढ़ाई कर सकेंगे।  इस स्किल पार्क की तरह ही अब अन्य राज्य भी ऐसे ही पार्क बनाने की तैयारी में है। इसके लिए बिहार और पंजाब सरकार के विशेषज्ञों की टीम जल्दी यहां का दौरा कर सकती है। इसके पहले केरल, उड़ीसा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की टीमें दौरा कर चुकी है। सूत्रों की माने तो 1548 करोड़ की इस परियोजना के पहले चरण में छह सौ करोड़ का ग्लोबल स्किल पार्क तैयार कराया जा रहा है। इसके बाद दूसरे चरण में दस आईआईटी सेंटर बनाए जाएंगे। ग्लोबल स्किल पार्क के लिए देश के पांच राज्यों के लिए एडीबी ने लोन दिया है। वहीं इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल एजुकेशन एंड एजुकेशन सर्विसेज सिंगापुर को तकनीकी परामर्श के लिए नियुक्त किया गया है। पार्क की डिजाइन के लिए टाटा कंसलटिंग इंजीनियर्स लिमिटेड को अनुबंधित किया गया है।

कई केंद्रों पर बारदाने की कमी से नहीं हो पा रही गेहूं खरीदी
प्रदेश में कोरोना महामारी के बीच समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी का काम चल रहा है, लेकिन कई खरीदी केंद्रों पर बारदाने खत्म हो गए हैं इस कारण खरीदी का काम बंद हो गया है। वहीं खरीदी की अंतिम तारीख नजदीक आने के साथ ही किसानों की चिंता भी बढ़ने लगी है। दरअसल प्रदेश में अभी तक सिर्फ 95 लाख मीट्रिक टन गेहूं ही खरीदा गया है जबकि सरकार का लक्ष्य 135 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का है। इसके लिए प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में 27 मार्च तो अधिकांश में एक अप्रैल से गेहूं खरीद की जा रही है। कोरोना संक्रमण और प्रशासनिक लापरवाही की वजह से खरीदी की रफ्तार इस बार धीमी है। टारगेट पूरा करने के लिए अगले 13 दिन में 40 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदना पड़ेगा। प्रदेश में इस बार चार हजार से अधिक खरीदी केंद्र बनाए गए हैं। बारदानों की कमी के कारण प्रदेश में कई केंद्रों पर पिछले पांच दिनों से गेहूं की तुलाई नहीं हो पा रही है। ऐसे में किसानों ने खरीदी के लिए 15 और 25 मई को आगे बढ़ाने की मांग की है।

लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट से रोजाना मिलेंगे दस ऑक्सीजन  सिलेंडर
कोरोना संकटकाल में ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए प्रदेश सरकार ने वैसे तो कई जिलों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का निर्णय लिया है। कई जगह उत्पादन शुरू भी हो गया है। इसी कड़ी में सब संत सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना के हाइड्रोजन प्लांट के साइड में लिक्विड ऑक्सीजन का प्लांट बनाया जाएगा। इस प्लांट के निर्माण का ठेका अस्सी लाख में अहमदाबाद की एअरोस्क कंपनी को  में दिया गया है। अमेरिका और जर्मनी से पार्ट्स बुलवाने वाली सुकैन कंपनी ने इस काम के लिए करीब डेढ़ करोड़ का प्रस्ताव रखा था। खास बात है कि प्लांट बनने के बाद यहां से रोजाना दस सिलेंडर ऑक्सीजन मिलेगी जो कई लोगों का जीवन बचाएगी। पावर प्लांट में दिन-रात चलने वाले जनरेटर को ठंडा करने के लिए हाइड्रोजन का उपयोग किया जाता है। इसके लिए यहां हाइड्रोजन के निर्माण के दौरान बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन निकलती है जिसे वातावरण में छोड़ दिया जाता है। माइनस 183 डिग्री सेल्सियस पर इस ऑक्सीजन में से अन्य गैसें नष्ट हो जाती हैं। इस प्लांट में ऑक्सीजन को शुद्ध भी किया जाएगा।

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