बिहाइंड द कर्टन/अब महाराष्ट्र के सीएम ठाकरे भी हुए मुख्यमंत्री शिवराज के मुरीद

  • प्रणव बजाज
उद्धव ठाकरे

अब महाराष्ट्र के सीएम ठाकरे भी हुए मुख्यमंत्री शिवराज के मुरीद
महाराष्ट्र में सत्ताधारी दल शिवसेना के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जमकर तारीफ की है। हालांकि उनकी इस तारीफ ने राजनीतिक विशेषज्ञों को भी चौंका दिया है। यही वजह है कि सियासत में भाजपा की विरोधी पार्टी शिवसेना के इस कदम के राजनैतिक मायने तलाशे जाने लगे हैं। दरअसल मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा कोरोना संक्रमण से अनाथ हुए बच्चों को पेंशन योजना शुरू किए जाने की घोषणा की गई है।  महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस पेंशन योजना को नजीर बताते हुए शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में शिवराज की तारीफों के पुल बांधे हैं। बता दें कि इसके पहले भी शिवराज की योजनाओं की दूसरे राज्यों द्वारा सिर्फ सराहना ही नहीं की गई है बल्कि राज्यों ने मप्र की कल्याणकारी योजनाओं को अपनाया भी है।

आजीविका मिशन में बेलवाल का नवाचार बना गरीब युवाओं का सहारा
मप्र का ग्रामीण आजीविका मिशन हजारों गरीब ग्रामीण युवाओं के जीवन का सहारा बन गया है। दरअसल यह ग्रामीण आजीविका मिशन के सीईओ एलएम बेलवाल के नवाचार से संभव हो सका है। बेलवाल के मुताबिक पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना कार्यक्रम के तहत बड़ी संख्या में गरीब युवाओं को जोड़ा गया है। इसके तहत उन्हें बाजार की मांग के अनुरूप कम अवधि का प्रशिक्षण देकर उद्योगों एवं सेवा के क्षेत्रों में रोजगार दिया जा रहा है। अब तक 29,700 से ज्यादा युवाओं को रोजगार दिया गया है। इनमें हाल ही में सरकारी खर्चे पर प्रशिक्षण पाकर 33 गरीब युवतियों को हैदराबाद में रोजगार मिला है। उन्हें आजीविका मिशन द्वारा फ्लाइट से हैदराबाद भेजा गया है। बैतूल, कटनी व प्रदेश के अन्य जिलों की इन गरीब युवतियों को वेयरहाउस व इलेक्ट्रीशियन ट्रेड में छह माह का प्रशिक्षण दिया गया। इसी तरह रोजगार मेलों से भी कई युवा गांव से बाहर निकलकर शहरों में नौकरी करने पहुंचे हैं।

केंद्र से फिर मिली प्रदेश को दस करोड़ की राशि
प्रदेश को केंद्रीय सहायता अंतर्गत  दस करोड़ की राशि फिर आवंटित कर दी गई है। दरअसल भारत सरकार से स्वीकृत गतिविधियों के लिए पिछले साल मिली यह करोड़ों रुपए की राशि प्रदेश में चल रही योजनाओं पर खर्च ही नहीं हो सकी थी और लैप्स हो गई। वहीं अब केंद्र ने इस राशि को नए सिरे से फिर प्रदेश को आवंटित कर दिया है। पिछले साल कोरोना के चलते आदिम जाति कल्याण विभाग के मैदानी कार्यालयों ने लैप्स हो जाने पर दस करोड़ दस लाख 61 हजार रुपए की राशि समर्पित की थी। अब इस साल फिर इन परियोजनाओं पर काम शुरू करने के लिए जिलों द्वारा यह राशि मांगी गई है। आदिम जाति कल्याण विभाग ने वर्ष 19-20 की यह राशि इस वर्ष 21-22 में उपयोग करने के लिए आवंटित की है। आयुक्त सह संचालक आदिम जाति क्षेत्रीय विकास योजनाएं संजीव सिंह ने सभी जिलों को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं। इस राशि से आदिवासी उपयोजना क्षेत्र में विभिन्न विकास कार्य कराए जाएंगे। योजनांतर्गत जिन जिलों में काम होने हैं उनमें धार, बड़वानी, सीधी, बालाघाट, गुना, होशंगाबाद, नरसिंहपुर और अलीराजपुर आदि शामिल है।

लोगों को अवसाद से बाहर निकालने आनंद संस्थान की पहल
वर्तमान में कोरोना के संकट काल में लोगों के भीतर डर बढ़ता जा रहा है। जिसका असर लोगों के मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। लोगों को इस अवसाद की अवस्था से बाहर निकालने के लिए राज्य आनंद संस्थान ने पहल की है। इसके लिए संस्थान द्वारा तीन दिवसीय एक आॅनलाइन कार्यक्रम आओ दिल की बात करें तैयार किया गया है। इस आयोजन के लिए रोजाना डेढ़ घंटे के सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिसमें 40 प्रतिभागी शामिल हो सकेंगे। इसके लिए संस्थान की वेबसाइट  www.anandsansthanmp.in पर जाकर इसका पंजीयन किया जा सकता है। इस आयोजन में जेपी अस्पताल के डॉक्टर नीलेश आर्य और राज्य आनंद संस्थान के विशेषज्ञ मिलकर लोगों से बात करेंगे और उन्हें योग के बारे में जानकारी देंगे। रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने के लिए योग कराया जाएगा। सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण जीवन हेतु ध्यान कराया जाएगा। प्रार्थना होगी। साथ ही लोग अपनी चिंताओं को लिखकर नष्ट करने का अभ्यास भी करेंगे।

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