- प्रणव बजाज
भोपाल सांसद प्रज्ञा ठाकुर योग दिवस पर सांसदों को सिखाएंगीं योग
कोरोना संकट काल में अपने आप को संक्रमण से बचाना और स्वस्थ रहना जरूरी है। इसमें योग की बड़ी भूमिका है। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी इजाफा होता है। यही वजह है कि देश के सांसदों को योग सिखाया जा रहा है। भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर योग दिवस पर सांसदों को योग के गुर सिखाएंगी। लोकसभा सचिवालय ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर सांसदों के लिए चार सत्रों का स्वास्थ्य और योग को मिलाकर एक विशेष पैकेज तैयार किया है ताकि कोरोना के समय में सांसद अपने स्वास्थ्य का बेहतर ख्याल रख सकें और शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता तेजी से विकसित कर सकें।
शहरों के नाम बदलने अब कांग्रेस भी उतरी मैदान में
पिछले कुछ समय से भाजपा नेताओं ने अलग-अलग शहरों के नाम बदले जाने की मुहिम चलाई थी। अब इसी पैटर्न पर कांग्रेस भी उतर आई है। कांग्रेस नेताओं ने ग्वालियर और इंदौर शहर के नाम बदलने की मांग की है। शुक्रवार को वीरांगना लक्ष्मीबाई की शहादत के मौके पर कांग्रेस ने ग्वालियर शहर का नाम बदलकर लक्ष्मीबाई नगर करने की मांग की है। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में रानी लक्ष्मीबाई की पुण्यतिथि पर उन्हें याद किया गया। इस मौके पर पूर्व मंत्री व विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि पाठ्यक्रम में रानी लक्ष्मीबाई से जुड़े इतिहास के कुछ और तथ्यों को शामिल किया जाना चाहिए। पाठ्यक्रम में नई पीढ़ी को यह भी बताया जाना चाहिए कि रानी लक्ष्मीबाई के साथ षड्यंत्र करने वाले कौन थे। पूर्व मंत्री वर्मा ने ग्वालियर शहर का नाम बदलने के साथ ही इंदौर शहर का नाम भी देवी अहिल्या बाई नगर रखने की मांग की है। वहीं भाजपा नाम बदलने के समर्थन में नहीं है। पार्टी का कहना है कि ग्वालियर की अपनी ऐतिहासिक महत्ता और परंपरा है।
गजराज सिकरवार की नाराजगी ने बढ़ाई सरकार की चिंता
एक दौर था जब ग्वालियर अंचल की राजनीति में गजराज सिंह सिकरवार समाजवादी राजनीति के बड़े नेता माने जाते थे। हालांकि बाद में वे जनता दल में रहे और फिर भाजपा में आ गए। भाजपा ने उन्हें विधायक भी बनवाया। वहीं अब सिकरवार अपनी ही सरकार के तंत्र से खफा बताए जा रहे हैं। सरकारी तंत्र से उनकी नाराजी की वजह है जंगल महकमा। यही नहीं उन्होंने जंगल महकमे के खिलाफ मुहिम छेड़ रखी है। पोरसा में फॉरेस्ट की फायरिंग में एक बेकसूर ग्रामीण की मौत के मामले में सिकरवार ने जन संघर्ष समिति बनाकर वन महकमे व पुलिस के खिलाफ आंदोलन छेड़ने का ऐलान किया है। उनके द्वारा उठाए जा रहे कदम से सरकार की चिंता बढ़ गई है। चूंकि जल्द ही नगरीय निकाय व पंचायतों के चुनाव होना है। ऐसे में उन्हें मनाने के प्रयास शुरू किए गए हैं। ज्ञात हो कि पिछले साल सुमावली के उपचुनाव में उन पर भितरघात के आरोप लगे थे। जिसके बाद उन्हें मुरैना से हटाकर अनूपपुर सीट का प्रभारी बनाया गया था।
खंडवा में अरुण यादव और अर्चना चिटनिस होंगे आमने-सामने
खंडवा लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस की ओर से जहां अरुण यादव की चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी है वहीं भाजपा की ओर से पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस दावेदारों की दौड़ में सबसे आगे हैं। ऐसे में खंडवा लोकसभा सीट पर अरुण यादव और अर्चना एक्सप्रेस के बीच मुकाबला होना तय मन जा रहा है। चिटनिस विधानसभा चुनाव हारने के बाद भी खुद को सक्रिय बनाए हुए हैं और सीट रिक्त होने के बाद टिकट की दावेदारी के हिसाब से राजनीतिक कार्यक्रमों में भी उनकी सक्रियता बड़ गई है। बहरहाल नंदकुमार सिंह चौहान के निधन के बाद खाली हुई खंडवा लोकसभा सीट के लिए टिकट की दावेदारी करने वालों में और भी कई नेता सक्रिय हैं, जिन्होंने भोपाल और दिल्ली तक अपने स्तर पर जोर आजमाइश तेज की है। वहीं संघ की ओर से हिंदू जागरण मंच के अशोक पालीवाल का नाम आगे बढ़ाया गया है। हालांकि खंडवा जिले के पूर्व जिला अध्यक्ष राजेश डोंगरे और वर्तमान जिला अध्यक्ष सेवादास पटेल भी दावेदारी कर रहे हैं।