बा खबर असरदार/काम चाहिए, सलाम नहीं

  • हरीश फतेहचंदानी
 प्रतिभा पाल

काम चाहिए, सलाम नहीं
देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने वालीं 2012 बैच की महिला आईएएस अधिकारी प्रतिभा पाल ने जब विंध्य क्षेत्र के एक बड़े जिले की कमान संभाली तो प्रशासनिक एवं विभागीय जिला अधिकारियों ने मैडम के समक्ष अपने को बेहतर दिखाने की कोशिशें शुरू कर दीं,इसके लिए  कोई गुलदस्ता लेकर तो कोई खाली हाथ सलाम करने पहुंचा। कुछ अधिकारी ऐसे भी थे जो बात-बात में मैडम के सामने हां में हां मिला रहे थे। यह बात मैडम को नागवार गुजरी और उन्होंने आव देखा न ताव उन अफसरों से साफ-साफ शब्दों में कह दिया कि मुझे काम चाहिए, सलाम नहीं। मैडम ने अपने इस तेवर को पहली बैठक में भी दिखा दिया। पहले तो उन्होंने बैठक लेकर शासकीय योजनाओं की स्थिति की जानकारी प्राप्त की। फिर अधिकारियों से कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही नहीं तत्परता बरतें। किसी भी प्रकार की शिकायत नहीं मिलनी चाहिए, सभी योजनाबद्ध तरीके से काम करें। मैडम के तेवर देखकर कई अफसर असमंजस में हैं।

नई कलेक्टर, नई सुविधा
2014 बैच की एक महिला आईएएस अधिकारी जबसे निमाड़ क्षेत्र के एक जिले की कलेक्टर बनी हैं, उन्होंने पुरानी और धीमी गति से चलने वाली व्यवस्थाओं को बदलना शुरू कर दिया है। टेक्निकल बैकग्राउंड वाली मैडम ने सबसे पहले कलेक्टोरेट में मिलने की व्यवस्था में बदलाव किया है। इसके तहत अब कलेक्टर से मिलने के लिए बार-बार पर्ची लिखकर देने की जरूरत नहीं है। कलेक्टर कार्यालय में शिकायत करने व मिलने आने वालों की जानकारी अब टेबलेट से कलेक्टर तक पहुंच जाती है। कर्मचारी बार-बार पर्ची लिखकर कमरे में रखने नहीं जाता है, बल्कि टेबलेट से मैसेज भेज देता है, कलेक्टर को जिससे मिलना होता है, मैसेज देकर बुला लेती हैं। कलेक्टर कार्यालय में कुछ दिन से यह नई सुविधा शुरू हुई है। इस व्यवस्था के लागू होने के बाद से लोगों को कलेक्टर से मिलने में आसानी हो रही है।

अभी तक नहीं मिला ऑफर
बड़ी उम्मीद के साथ 2002 बैच के एक आईएएस अधिकारी बी. चंद्रशेखर ने सरकारी नौकरी छोडऩे के लिए सरकार को आवेदन दिया है। आवेदन के साथ ही आईएएस अधिकारी ने 3 माह की सैलरी भी एडवांस में जमा कर दी है। बताया जा रहा है कि वे लंबे समय से नौकरी छोड़ने की इच्छा जता रहे थे। सूत्रों का कहना है कि नौकरी छोड़ने की एक वजह एक बड़ा दलित मूवमेंट खड़ा करने की तैयारी बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि वे जल्द ही एक आदिवासी संगठन से जुड़ कर बड़ा आंदोलन खड़ा करने की तैयारी में है। वहीं आईएएस के कुछ करीबियों का कहना है कि वह भाजपा की तरफ से बैतूल जिले की किसी विधानसभा सीट से वे उम्मीदवार हो सकते हैं। इन्हीं उम्मीदों के साथ साहब ने वीआरएस लेने का आवेदन तो कर दिया है, लेकिन अभी तक उम्मीद की किरण दिखाई नहीं दे रही है। सूत्र बताते हैं कि साहब के शुभचिंतकों ने कहा है कि अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने से अच्छा है, जहां हो वहीं डटे रहो।

करे कोई, भरे कोई
यह कहावत 2014 बैच के एक आईएएस अधिकारी पर सटीक बैठ रही है। दरअसल, ये साहब जहां भी पदस्थ रहते हैं ,अपने वरिष्ठ अधिकारियों के निशाने पर आ जाते हैं। इसकी वजह है इनका ईमानदारी से कर्तव्य निर्वहन करना। साहब पहले राजधानी में स्मार्ट सिटी का काम संभाले हुए थे , यहां भी उन पर तोहमत लगाकर उन्हें विदा कर दिया गया। फिर साहब ग्वालियर-चंबल अंचल के एक जिले में एडीएम की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। विगत दिनों जब कलेक्टर अवकाश पर थे तब उन्होंने, जिले के विकास से संबंधित एक प्रेजेंटेशन मुख्यमंत्री के सामने दिया। यह प्रेजेंटेशन कलेक्टर द्वारा तैयार करवाया गया था। प्रेजेंटेशन ठीक न होने के कारण एडीएम साहब को वहां से रवानगी दे दी गई। उन्हें यह समझ में नहीं आया कि आखिर इसमें उनकी गलती क्या है। जब इस संदर्भ में कलेक्टर साहब का कहना है कि आंकड़े एकदम सही थे, एडीएम का प्रेजेंटेशन ठीक नहीं था।

एनजीओ ने डाला परेशानी में
प्रदेश की प्रशासनिक वीथिका में इन दिनों 2012 बैच के एक आईएएस अधिकारी की धर्मपत्नी चर्चा में हैं। दरअसल, मैडम के पति बुंदेलखंड के एक जिले में कलेक्टर हैं और वहीं मैडम का एनजीओ चलता है।  बताया जा रहा है कि साहब जबसे जिले के कलेक्टर बने हैं, उन्होंने अधिकारियों से कह दिया है कि मैडम का विशेष ध्यान रखा जाए। इस पर पहले तो अफसरों ने हां कह दिया, लेकिन अब वे परेशान रहने लगे हैं। दरअसल, साहब ने अप्रत्यक्ष रूप से कहा था कि मैडम के एनजीओ को अधिक से अधिक काम दिया जाए। सूत्र बताते हैं कि अफसरों ने इसके लिए मैडम के एनजीओ को प्राथमिकता देना शुरू कर दिया, लेकिन स्थिति यह है कि मैडम की भूख कम होने का नाम नहीं ले रही है। वे आए दिन जिले के अधिकारियों को तलब कर लेती हैं और उनसे नियमों को ताक पर रखकर एनजीओ के लिए काम मांगने लगती है। अफसरों को इस बात का डर सता रहा है कि अगर उन्होंने ऐसा किया तो कभी भी उनके ऊपर तलवार लटक सकती है। ऐसे में वे पसोपेश में हैं।

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