आईपीएस अफसर राजाबाबू का नया ठिकाना होगा अयोध्या
मप्र कैडर के आईपीएस अफसर राजाबाबू सिंह सेवानिवृत्त होने के बाद मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की सेवा में मन रमाएंगे। उन्होंने खुद कहा कि सेवानिवृत्त होने के बाद अयोध्या में रहेंगे और राम की सेवा करेंगे। वे मध्यप्रदेश कैडर के 1994 बैच के आईपीएस अफसर हैं और वर्तमान में आईजी बीएसएफ के पद पर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ हैं। राजाबाबू आईपीएस की नौकरी में आने से पहले 1992 में कारसेवक के तौर पर भी अयोध्या गए थे। वे बावरी ढांचा ढहाए जाने वाले दिन अयोध्या में थे। यह काम उन्होंने तब किया था, जब वे इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र थे। अब उनका मन फिर से राम में रम गया है, लेकिन सरकारी सेवा के कारण वे ऐसा नहीं कर पा रहे हैं। वे जुलाई 2027 में सेवानिवृत्त होंगे। उसके बाद वे अयोध्या में रहेंगे। वे कहते हैं कि मैंने तय किया है कि सेवानिवृत्त होने के बाद अयोध्या में रहकर भगवान राम के रोज दर्शन करेंगे। प्रार्थना और योग करेंगे।
आईपीएस अयन जैन सहित दस को मध्यप्रदेश कैडर मिला
केन्द्र सरकार ने 2023 बैच के दो सौ आईपीएस अधिकारियों को कैडर आवंटित किए हैं। इनमें दस आईपीएस अधिकारियों को मप्र कैडर आवंटित किया गया है। मप्र कैडर पाने वालों में पूर्व डीजी मुकेश जैन के छोटे बेटे अयन भी शामिल हैं। अयन अपने बैच में आईपीएस में देश भर में टापर हैं। जिन अन्य आईपीएस को मध्यप्रदेश कैडर मिला है, उनमें मनस्वी शर्मा, वैभव प्रिया, मनीष भारद्वाज, शुभम सिंह ठाकुर, उर्वशी सेंगर, जेन्डिन लिंगजेरपा, आदित्य सिंघारिया, आलोक वर्मा तथा विक्रम अहिरवार के नाम शामिल हैं। राजगढ़ जिले के रहने वाले मुकेश जैन भारतीय पुलिस सेवा के 1989 बैच के अधिकारी हैं। वे प्रदेश के दूसरे आईपीएस अधिकारी हैं, जिनका बड़ा बेटा अर्थ जैन आईएएस तथा छोटा बेटा अयन जैन आईपीएस बना है। दोनों को मध्यप्रदेश कैडर मिला है। इसके पूर्व भारतीय पुलिस सेवा के 1949 बैच के अधिकारी स्वर्गीय ब्रम्हानंद यादव के बड़े बेटे स्वर्गीय अजय सिंह यादव 1976 बैच के आईएएस तथा छोटा बेटा विजय यादव 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं।
हिन्दू महासभा की मांग कार सेवकों को भी मानदेय मिले
अयोध्या में 22 जनवरी को श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले अखिल भारत हिन्दू महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष रामबाबू सेन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खून से पत्र लिखा है। जिसमें 1990 में अयोध्या में विवादित ढांचा ध्वस्त करने व 1992 के कारसेवकों को 11 हजार रुपए की राशि प्रतिमाह सरकार की ओर से सम्मान निधि मानदेय के रूप में देने की मांग की। इस दौरान श्री रामोत्सव सप्ताह का शुभारंभ कर 16 कारसेवकों का सम्मान भी किया गया। हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. जयवीर भारद्वाज ने 22 जनवरी को अवकाश घोषित कर धार की भोजशाला में मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करवाने की मांग भी की है।
पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस समेत 9 अधिकारी अवमानना के दोषी
भोपाल गैस पीडि़तों को लेकर न्यायालय के आदेश की अवमानना के मामले में केंद्र और राज्य सरकार के 9 अधिकारियों को दोषी पाया गया है। इस मामले में अब आज यानि बुधवार से मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में सुनवाई शुरू होगी। उच्च न्यायालय की जबलपुर स्थित मुख्य पीठ के न्यायाधीश शील नागू और देवनारायण मिश्र ने केंद्र और मध्य प्रदेश सरकार के 9 उच्च अधिकारियों को अवमानना मामले में दोषी पाया है। अब मामले में आज से सुनवाई शुरू हो रही है। संबंधित अधिकारियों को भोपाल गैस पीडि़तों को सही इलाज एवं शोध व्यवस्था प्रदान न कर पाने और सर्वोच्च न्यायालय के भोपाल गैस पीडि़तों के स्वास्थ्य के मामले में 9 अगस्त 2012 को दिए गए आदेश की लगातार अवमानना का दोषी पाया गया है। उच्च न्यायालय ने अधिकारियों के खिलाफ कठोर कदम उठाने एवं न्यायालय की अवमानना अधिनियम 1971 की धारा-2 के तहत मुकदमा चलाने का आदेश दिया है।