मणिपुर दंगों की जांच का जिम्मा प्रदेश के 3 अफसरों पर
सुप्रीम कोर्ट के 7 अगस्त के निर्णय व केन्द्रीय गृह मंत्रालय के आदेश अनुसार राज्य शासन ने तीन आईपीएस और एक नगर निरीक्षक को एकतरफा रिलीव कर दिया। प्रदेश के ये अधिकारी मणिपुर दंगों की जांच के लिए गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) का हिस्सा होंगे। राज्य शासन ने उक्त अधिकारियों को सीबीआई नई दिल्ली में डेप्युटेशन पर भेजा है। इनमें दो प्रमोटी अफसर और एक सीधी भर्ती के आईपीएस अफसर हैं। इनमें भिंड जिले में 17वीं वाहिनी में पदस्थ सीधी भर्ती के अफसर आशुतोष बागरी, शिवपुरी जिले में 18वीं वाहिनी में पदस्थ आलोक कुमार सिंह और पुलिस मुख्यालय में महिला सुरक्षा में पदस्थ एआईजी राजीव मिश्रा शामिल हैं। इनके अलावा भोपाल में बतौर नगर निरीक्षक पदस्थ नीतू त्रिपाठी को भी सीबीआई में डेप्युटेशन पर भेजा गया है।
बोले नाथ, घोटालों और भ्रष्टाचार का प्रदेश बनाया सरकार ने
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश को मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार और घोटालों का प्रदेश बना दिया है। जहां देखो वहां भ्रष्टाचार है। ऐसा कोई विभाग या संस्था नहीं बची जहां भ्रष्टाचार न हो, जहां घोटाला नहीं हुआ हो । प्रदेश में 50 प्रतिशत कमीशन का खेल चल रहा है। उन्होंने एक जनसभा में कहा कि आज का युवा कोई ठेका या कमीशन नहीं चाहता वह तो अपने हाथों में काम चाहता है। हमने अपनी सरकार में पहली किश्त में मुरैना में 46000 किसानों का कर्जा माफ किया था। आगे दूसरी किश्त चालू होने वाली थी कि धोखे से सरकार गिरा दी। शिवराज जी बीते दो-तीन महीने से जहां भी जाते हैं, वहां एक नया झूठ बोलकर आते हैं। आज प्रदेश की तस्वीर आप सबके सामने है। हर वर्ग परेशान है, आज की युवा पीढ़ी का भविष्य अंधकार में है, यदि युवाओं का भविष्य ही अंधकार में रहेगा तो प्रदेश का भविष्य कैसा होगा। आने वाला चुनाव मप्र का भविष्य तय करेगा, युवाओं का भविष्य तय करेगा।
तीन दिन रहेगी प्रदेश में केन्द्रीय निर्वाचन आयोग की टीम
नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव तैयारियों को फाइनल करने के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार, दोनों आयुक्तों के साथ 4 सितंबर को मप्र आएंगे। भारत निर्वाचन आयोग की प्रिंसिपल बेंच 4 से 6 सितंबर तीन दिनों तक भोपाल में रहेगी। इन तीन दिनों में बेंच चुनाव तैयारियों को अंतिम रूप देगी और उसके बाद पांच राज्यों के चुनावों की तारीखों की घोषणा करेगी। यह बेंच पहले दिन भाजपा और कांग्रेस समेत राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त दलों के चुनाव का काम देख रहे प्रभारियों से वन-टू-वन चर्चा कर उनकी शिकायतों को सुनेगी और सुझाव भी लेगी। दूसरे दिन इनकम टैक्स, ईडी, सीबीआई और कस्टम एक्साइज के अफसरों से चर्चा करेगी। इसी दिन जिला निर्वाचन पदाधिकारी, एसपी और आईजी से चर्चा करेंगे। 6 सितंबर को बेंच मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से चर्चा करेगी।
ईएनसी की नियुक्ति में नियम दरकिनार, आरोप
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखे पत्र में कहा है कि सीनियारिटी को दरकिनार कर निर्माण जूनियर इंजीनियर्स को शीर्ष पदों पर बैठाया जा रहा है। लोक निर्माण विभाग में विभागीय मंत्री गोपाल भार्गव की नोटशीट को नजरअंदाज कर मुख्यमंत्री सचिवालय स्तर से निर्णय लिया गया और एक अति कनिष्ठ अधीक्षण यंत्री को बिना पदोन्नति विभाग का प्रमुख अभियंता बना दिया गया।