कल विनायक चतुर्थी, जानें पूजा विधि और महत्व

 विनायक चतुर्थी

बिच्छू डॉट कॉम। इस समय सावन का महीना चल रहा है। हर माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। सावन माह की विनायक चतुर्थी कल यानी 12 अगस्त को है। इस पावन दिन विधि- विधान से भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होती है। भगवान गणेश प्रथम पूजनीय देव हैं। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत भगवान गणेश की पूजा के बाद ही होती है। आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी पूजा- विधि और शुभ मुहूर्त…

मुहूर्त
श्रावण, शुक्ल चतुर्थी प्रारम्भ – 04:53 पी एम, अगस्त 11
श्रावण, शुक्ल चतुर्थी समाप्त – 03:24 पी एम, अगस्त 12

विनायक चतुर्थी पूजा विधि
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
इसके बाद घर के मंदिर में सफाई कर दीप प्रज्वलित करें।
दीप प्रज्वलित करने के बाद भगवान गणेश का गंगा जल से जलाभिषेक करें।
इसके बाद भगवान गणेश को साफ वस्त्र पहनाएं।
भगवान गणेश को सिंदूर का तिलक लगाएं और दूर्वा अर्पित करें।
भगवान गणेश को दूर्वा अति प्रिय होता है। जो भी व्यक्ति भगवान गणेश को दूर्वा अर्पित करता है, भगवान गणेश उसकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं।
भगवान गणेश की आरती करें और भोग लगाएं। आप गणेश जी को मोदक, लड्डूओं का भोग लगा सकते हैं।
इस पावन दिन भगवान गणेश का अधिक से अधिक ध्यान करें।
अगर आप व्रत रख सकते हैं तो इस दिन व्रत रखें।

विनायक चतुर्थी महत्व
इस पावन दिन का बहुत अधिक महत्व होता है।
विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा- अर्चना करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।
विनायक चतुर्थी के दिन व्रत रखने से विघ्न दूर हो जाते हैं।

पूजा सामग्री लिस्ट
भगवान गणेश की प्रतिमा, लाल कपड़ा, जनेऊ, कलश, नारियल, पंचामृत, पंचमेवा, गंगाजल, रोली, मौली लाल

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