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बिच्छू डॉट कॉम। शरद पूर्णिमा का दिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां लक्ष्मी का जन्मदिवस माना जाता है। कहते हैं कि इस दिन ही मां लक्ष्मी समुद्र मंथन के दौरान क्षीर सागर से प्रकट हुई थीं। मां लक्ष्मी की विशेष कृपा पाने के लिए शरद पूर्णिमा को काफी खास माना जाता है। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी अपने वाहन उल्लू पर सवार होकर धरती पर विचरण के लिए आती हैं। इस रात को कोजागरी रात भी कहते हैं। इस साल पंचांग भेद होने के कारण कुछ जगहों पर शरद पूर्णिमा 19 अक्टूबर और कुछ जगहों पर 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करने के साथ ही कुछ उपाय भी किए जाते हैं। मान्यता है कि इन उपायों को करने से धन का अभाव नहीं होता है।
- मान्यता है कि शरद पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी को उनकी प्रिय वस्तुएं अर्पित करनी चाहिए। इन वस्तुओं में मखाना, सिंघाड़ा, कमल का फूल, पान के पत्ते, सुपारी, इलायची और सफेद कौड़ी शामिल करना चाहिए। कहते हैं कि मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए शरद पूर्णिमा की रात तो सफेद कौड़ियों से अवश्य खेलना चाहिए।
- मां लक्ष्मी को पान अतिप्रिय है। इसलिए उनकी पूजा में पान जरूर शामिल करना चाहिए। शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी को अर्पित किया गया पान प्रसाद के रूप में सभी लोगों में बांटना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से बरकत घर आती है।
- मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात अमृत वर्षा होती है। इसलिए कुछ घंटों के लिए चांद की रोशनी में केसर की खीर रखनी चाहिए। रात में उसे उठाकर मां लक्ष्मी को अर्पित करना चाहिए। बाद में इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करना चाहिए।
- शरद पूर्णिमा पर अष्ट लक्ष्मी का पूजन बेहद शुभ फलकारी होता है। इस दिन एक सुपारी को कलावे से लपेटकर उसे अष्ट लक्ष्मी को अर्पित करना चाहिए। इसके बाद इसे धन के स्थान या तिजोरी में रख देना चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी का घर में हमेशा वास बना रहता है।