बिच्छू डॉट कॉम। भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में जन्माष्टमी पर्व मनाया जाता है। कान्हा के जन्म से हर ओर खुशियां छा जाती हैं। सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। जन्माष्टमी पर कुछ आसान से उपाय करने से जीवन में उमंग, प्रेम और उत्साह का संचार होता है। इस दिन सृष्टि के पालनहार भगवान श्री हरि विष्णु ने श्रीकृष्ण के रूप में आठवां अवतार लिया था। मान्यता है कि इस दिन किए जाने वाले उपाय बहुत फलदायी सिद्ध होते हैं।
जन्माष्टमी के अवसर पर घर में भगवान श्रीकृष्ण का चित्र लगाना बहुत शुभ माना गया है। वासुदेव द्वारा कान्हा को टोकरी में लेकर नदी पार करने वाले चित्र को घर में लगाने से कई तरह की समस्याएं दूर हो जाती हैं। कान्हा का माखन खाते हुए चित्र रसोई घर में लगाएं। ऐसा करने से भंडार भरे रहते हैं। शयन कक्ष में किसी भी देवी-देवता का चित्र नहीं लगाया जाता, लेकिन श्रीराधा-कृष्ण का चित्र शयनकक्ष में लगा सकते हैं। जन्माष्टमी पर घर में बांसुरी लाएं। ऐसा करने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है और वास्तु दोष दूर हो जाते हैं। अगर घर में कलह का वातावरण रहता है तो चांदी की या बांस की बांसुरी भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित करें। जन्माष्टमी पर घर के मुख्य द्वार पर मोर पंख लगाने से नकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश नहीं कर पाती। अगर बच्चा जिद्दी है तो मोर पंख से बने पंखे से उसकी हवा करें। बच्चा पढ़ाई पर ध्यान नहीं देता है तो मोर पंख को बच्चे की किताब के अंदर रखने से एकाग्रता बढ़ती है। जन्माष्टमी के दिन सुबह स्नान कर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा पीले फूल और माखन मिश्री से करें। पूजा के बाद तुलसी दल, माखन मिश्री और पीले फल प्रसाद के रूप में बांटें। जन्माष्टमी की शाम तुलसी पूजन करें। तुलसी के पौधे को लाल चुनरी ओढ़ाकर दीपक जलाएं। निसंतान दंपत्तियों को इस दिन व्रत रखना चाहिए। जन्माष्टमी से लगातार 21 दिनों तक लड्डू गोपाल की पूजा करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। भाग्य का साथ मिलता है।