बिच्छू डॉट कॉम। वर्ष ऋतुराज बसंत के आगमन की सूचक बसंत पंचमी पर्व आज है। इस विशेष दिन अबूझ मुहूर्त है। यह दिन दोषमुक्त है। इसके चलते जिन जोड़ों के विवाह का मुहूर्त नहीं निकल रहा है, वह भी आज के दिन शादी कर सकेंगे। मुंडन, गृह प्रवेश आदि शुभ कार्य भी हो सकेंगे। वहीं, विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा होगी। हालांकि विद्यालयों में कोविड नियमों के चलते बिना विद्यार्थियों की उपस्थिति के ही सिर्फ स्टाफ यह पूजन करेगा। इसके अलावा शहर भर के मंदिरों में भी माता सरस्वती की पूजा अर्चना होगी।
बसंत पंचमी पर सिद्ध, साध्य और रवि योग के त्रिवेणी योग में ज्ञान की देवी सरस्वती की पूजा की जाएगी। जो कार्य में शुभता और सिद्धि प्रदान करती है। अबूझ मुहूर्त के चलते शहर भर में अधिक विवाह कार्यक्रम होंगे। इसके साथ ही विद्यारंभ समारोह होगा और मंदिरों में मां सरस्वती का विशेष श्रृंगार और पूजा की जाएगी। पौराणिक मान्यता के अनुसार छात्रों के साथ लेखन कार्य करने के लिए बसंत पंचमी का दिन विशेष होता है। इस दिन विद्या की देवी सरस्वती का दिन होने के कारण मां सरस्वती की विशेष पूजा की जाती है। विद्यारंभ समारोह किया जाता है। गीता में भगवान कृष्ण ने कहा है कि वह ऋतुओं का बसंत है। छह ऋतुओं में वसंत ऋतुराज के रूप में पूजनीय है। इस अवसर पर प्रकृति एक नया रूप धारण करती है।