- आधी रात को भी ग्रामीण इलाकों में बिजली कटौती से मिलेगी राहत
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली व्यवस्था दुरूस्त करने की कवायद सरकार ने शुरू कर दी है। इसके तहत बिजली कंपनी के टोल फ्री नंबर 1912 पर शिकायत दर्ज कराने के बाद बिजली विभाग का अमला गुल बिजली को बहाल करवाने की व्यवस्था में जुट जाएगा। दिन ही नहीं आधी रात को भी टोल फ्री नंबर पर शिकायत दर्ज कराते ही अब शिकायत का तत्काल समाधान किया जाएगा। ग्रामीण इलाकों के उपभोक्ताओं की बिजली रात में गुल होती है तो रात में ही आपूर्ति बहाल की जाएगी। सुबह होने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
गौरतलब है कि गांवों की बिजली गुल होती है तो अभी सुनवाई नहीं होती है और रात में गुल हुई बिजली मुश्किल से ही बहाल होती है। दूर-दराज अंचलों में तो दो-दो दिन तक बिजली गायब रहती है। अब ऐसा नहीं होगा, इसकी जिम्मेदारी संबंधित इलाके के एई और जेई की होगी। उन्हें बिजली तय समयसीमा में बहाल करनी होगी। शिकायत करने वाले उपभोक्ताओं को एई, जेई और लाइनमैनों की तरफ से फोन किया जाएगा। संबंधित से मूल समस्या पूछी जाएगी। मैदानी बिजलीकर्मियों से उसका निराकरण कराया जाएगा। फिर से एई व जेई की तरफ से संबंधित उपभोक्ता को फोन किया जाएगा और फीडबैक लिया जाएगा।
ऐप या चैटबॉट नंबर पर भी दर्ज होंगी शिकायतें
बिजली कंपनी के टोल फ्री नंबर 1912 के अलावा ग्रामीण ऐप या चैटबॉट नंबर पर भी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। बिजली कंपनी का उपाए एप है। इस पर कंपनी से जुड़ी प्रत्येक समस्या को लिखित रूप से दर्ज कर सकते हैं। कंपनी शिकायतों का प्रमुखता से निराकरण करती है। यह मोबाइल एप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। वहीं बिजली कंपनी ने चैटबाट सुविधा शुरू की है। यह सुविधा कंपनी के 0755-2551222 पर है। जिसे मोबाइल में सेव करना पड़ता है। यह वाट्सएप की तरह काम करता है। इस नंबर को मोबाइल में दर्ज करने के बाद अंग्रेजी अक्षर में ही लिखकर भेजना पड़ता है। तुरंत बाद एक मैसेज आता है जिसमें चुनिंदा नंबर होते हैं। ये शिकायत करने के लिए कोडिंग नंबर होते हैं। संबंधित शिकायतों से जुड़े नंबरों को लिखने पर शिकायत स्वत: दर्ज हो जाती है।
अब टोल फ्री नंबर 1912 गांवों के लिए भी
बिजली कंपनी ने शिकायत मैनेजमेंट सिस्टम का विस्तार किया है। अभी टोल फ्री नंबर 1912 पर केवल शहरी इलाकों के उपभोक्ताओं की शिकायतों पर ही समय सीमा में कार्रवाई होती है। ग्रामीण इलाकों के फोन लिए नहीं जाते या फिर लेते भी हैं तो शिकायत का निराकरण समय से नहीं होता है, क्योंकि बिजली कंपनी ने शहर की तरह ग्रामीण इलाकों के अधिकारियों की जिम्मेदारियां तय करने में ढिलाई दे रखी है। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के निर्देश के बाद शहरों की तरह ग्रामीण इलाकों के बिजली अधिकारियों की जिम्मेदारी भी नए सिरे से तय कर दी गई है। अब ग्रामीण इलाकों के उपभोक्ताओं की शिकायतें काल सेंटरों में प्रमुखता से सुनी जाएंगी। जैसे ही शिकायतें दर्ज होंगी, उसे तत्काल संबंधित एई और जेई को भेज दिया जाएगा और उन्हें तय समय में निराकरण करना होगा।