महुआ की शराब अच्छी के साथ ही होगी सस्ती

महुआ की शराब

भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश में देशी व विदेशी शराब के मुकाबले अब महुआ से बनी शराब न केवल सस्ती होगी बल्कि उसकी गुणवत्ता भी अच्छी होगी। इस शराब के लिए स्वयं सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान द्वारा पहल की जा रही है। यही वजह है कि इस मामले में अब प्रशासन स्तर पर भी काम शुरू कर दिया गया है।
खास बात यह है कि इस परंपरागत देशी पद्दति से बनने वाली मुहआ की शराब को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने हेरिटेज शराब का दर्जा देने की तैयारी की है। फिलहाल इसका निर्माण प्रदेश के 89 विकासखंडों में किया जाता है। इसका निर्माण आदिवासी समाज द्वारा किया जाता है। इसके लिए सरकार द्वारा नियम व शर्तों को तय करने काम किया जा रहा है। फिलहाल सरकार को इसको लेकर सबसे अधिक फोकस उसकी गुणवत्ता बनाए रखने और उसे पीकर जहरीली शराब जैसे हादसों पर पूरी तरह से रोक लगाने पर है। इसके लिए आबकारी नीति में किए जाने वाले संशोधन में इन प्रावधानों के लिए मंथन किया जा रहा है। इसके लिए वाणिज्यिक कर विभाग आबकारी नीति में बदलाव के लिए ड्राफ्ट तैयार करने का काम कर रहा है। खास बात यह है कि सरकार पहले से ही इस शराब को कर मुक्त रखने का फैसला कर चुकी है। इसकी वजह बताई जा रही है इसका मुख्य उद्देश्य आदिवासियों की आमदनी में वृद्धि करना। यही वजह है है कि सरकार अब तक यह भी तय कर चुकी है कि इसका विक्रय भी आम शराब की ही तरह दुकानों के जरिये किया जाएगा।
इस तरह से होगी बिक्री
ठेकेदार डिमांड के अनुसार शराब इनसे लेकर उसे बेचने का काम कर सकेंगे। इसके साथ ही इसमें यह प्रावधान भी होगा कि इसमें आसवनी और अन्य ऐसे पदार्थों का सम्मिश्रण करना होगा, जिससे शराब की क्वालिटी में सुधार हो और उसकी गुणवत्ता में शिकायत न आए। इस शराब निर्माण के लिए वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा आदिवासियों के अलग-अलग विकास खंडों में समूह बनाए जाएं। इन समूहों को शराब के निर्माण से लेकर बिक्री तक की प्रक्रिया की बाकायदा ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके आधार पर ही शराब बनाने की अनुमति आदिवासी विकासखंडों में दी जाएगी।
पुलिस व आबकारी अमला नहीं कर सकेगा कार्रवाई
अभी तक आदिवासी बाहुल्य इलाकों में आदिवासी परिवारों द्वारा परम्परागत महुआ शराब का निर्माण किया जा रहा है। इसके चलते कई बार आबकारी और पुलिस अधिकारियों द्वारा इस शराब के निर्माण पर उसे अवैध बताते हुए कार्यवाही की जाती है। प्रदेश में हुए उपचुनाव से पहले सीएम चौहान ने यह ऐलान किया था कि परम्परागत शराब निर्माण को वैधानिक दर्जा दिया जाएगा। इसके लिए पॉलिसी में संशोधन किया जाएगा ताकि आदिवासी परम्परा का निर्वहन करने के साथ आमदनी भी हासिल कर सकें।

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